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    Uttarakhand Tunnel Rescue: भयानक था अंदर का मंजर, पहला वीडियो आया सामने; उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे 41 मजदूरों ने कैसे गुजारी रातें

    By Jagran NewsEdited By: Narender Sanwariya
    Updated: Fri, 01 Dec 2023 01:39 AM (IST)

    Uttarakhand Tunnel Rescue Inside Video उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग से निकाले गए 41 श्रमिक एम्स ऋषिकेश में सघन स्वास्थ्य परीक्षण में स्वस्थ पाए गए। बुधवार को प्राथमिक जांच में भी सभी श्रमिक स्वस्थ पाए गए थे। इसको देखते हुए एम्स प्रशासन ने 40 श्रमिकों को घर जाने की अनुमति दे दी जबकि एक को बुखार आने के चलते चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है।

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    Uttarakhand Tunnel Rescue: भयानक था अंदर का मंजर, पहला वीडियो आया सामने

    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में 17 दिनों से फंसे सभी 41 श्रमिकों को बाहर निकाल लिया गया। कई लोगों के मन में यह सवाल कौंध रहा था कि आखिर इन मजदूरों ने 17 दिनों तक कैसे दिन गुजारे। अब समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि वह 17 दिनों तक टनल में क्या कर रहे थे। टनल में फंसे 41 मजदूरों का पहला वीडियो सामने आया है, जिसमें अंदर का पूरा सीन दिख रहा है।

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    सिल्क्यारा सुरंग में जहां मजदूर फंसे हुए थे, वहां उनके पास दो किलोमीटर तक लंबा टनल का एरिया था। जहां पर उन्होंने अपना समय गुजारा। इस वीडियो को किसी एक मजदूर ने बनाया है, जो सभी को मोटिवेट कर रहा है।

    जबकि जागरण संवाददाता द्वारा जारी वीडियो में एक मजदूर बता रहा है कि उन्हें खाना कैसे मिलता था, कौन सा हिस्सा टनल के अंदर धंसा था। कहां यह मजदूर सोते थे और कैसे अपना समय व्यतीत करते थे। इस वीडियो में अंदर का मंजर काफी भयानक नजर आ रहा है।

    एम्स से मिली छुट्टी

    बता दें कि उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग से निकाले गए 41 श्रमिक एम्स ऋषिकेश में सघन स्वास्थ्य परीक्षण में स्वस्थ पाए गए। बुधवार को प्राथमिक जांच में भी सभी श्रमिक स्वस्थ पाए गए थे। इसको देखते हुए एम्स प्रशासन ने 40 श्रमिकों को घर जाने की अनुमति दे दी, जबकि एक को बुखार आने के चलते चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है। एम्स से यह जानकारी मिलने के बाद झारखंड और ओडिशा के नोडल अधिकारी शाम को अस्पताल पहुंचे और अपने-अपने राज्य के 20 श्रमिकों को लेकर देहरादून एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हुए। वहां से वह अपने-अपने राज्य जाएंगे। फिलहाल, सभी श्रमिक अगले 14 दिन तक टेलीमेडिसिन सेवा के माध्यम से एम्स के चिकित्सकों से आवश्यक स्वास्थ्य परामर्श लेते रहेंगे।

    सभी श्रमिक स्वस्थ

    मंगलवार को सुरंग से बाहर आए श्रमिकों को चिनूक हेलीकाप्टर से बुधवार दोपहर एम्स लाया गया था। इससे पहले इन सभी को उत्तरकाशी स्थित चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया था। वीरवार को एम्स के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. आरबी कालिया, जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. रविकांत और डा. नरेन्द्र कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में किसी भी श्रमिक में चोट आदि की शिकायत नहीं पाई गई। इसके बाद उनका सघन स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। साथ ही किडनी फंक्शन, लिवर फंक्शन, ईसीजी, एबीजी, एक्सरे, ईको कार्डियोग्राफी आदि टेस्ट किए गए। इसमें भी सभी श्रमिक स्वस्थ पाए गए। इसको देखते हुए 40 श्रमिकों घर जाने की अनुमति दे दी गई है।

    श्रमिकों की मनोस्थिति में बदलाव की संभावना

    संबंधित राज्यों को भी इस बारे में सूचित कर दिया गया है। प्रो. आरबी कालिया ने बताया कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों में जो शारीरिक परिवर्तन आते हैं, वही इन श्रमिकों में भी पाए गए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस घटना के कारण कुछ श्रमिकों की मनोस्थिति में बदलाव आ सकता है। इसको देखते हुए सभी श्रमिकों को अगले दो सप्ताह तक टेलीमेडिसिन सेवा के माध्यम से एम्स या अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों से सलाह लेने को कहा गया है। एम्स अस्पताल प्रशासन के डा. नरेंद्र कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार, असोम और हिमाचल प्रदेश के श्रमिक अभी अस्पताल में ही हैं। इन राज्यों के नोडल अधिकारियों का इंतजार किया जा रहा है।

    एक श्रमिक को आया बुखार

    अपर जिलाधिकारी रामजी शरण शर्मा ने बताया कि चंपावत निवासी पुष्कर सिंह ऐरी को अभी छुट्टी नहीं दी गई है। उन्हें गुरुवार को बुखार आ गया। हालांकि, उनकी स्थिति सामान्य है। लेकिन, बुखार को देखते हुए उनकी कुछ और जांच कराई गई हैं, जिनकी रिपोर्ट शुक्रवार को आएगी। उन्होंने पुष्कर को भी शुक्रवार को छुट्टी दिए जाने की उम्मीद जताई।