Uttarakhand Tunnel Collapse Live Updates: अब हाई पावर ऑगर मशीन से जिंदगी की उम्मीद, ऑपरेशन पर सीएम की नजर
उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में 40 श्रमिकों की जान सुरंग में कैद है। पिछले 78 घंटे से सिलक्याला सुरंग में 40 जिंदगियों की सांस अटकी हुई है। इन श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चल रहे खोज बचाव अभियान में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न हो रही है।

डिजिटल डेस्क, उत्तरकाशी। उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में 40 श्रमिकों की जान सुरंग में कैद है। पिछले 78 घंटे से सिलक्याला सुरंग में 40 जिंदगियों की सांस अटकी हुई है। इन श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चल रहे खोज बचाव अभियान में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न हो रही है। पहले कैविटी वाले क्षेत्र से लगातार गिरा और मलबे ने राह रोकी और फिर मशीन खराब हो गई।
दिल्ली से एयरलिफ्ट कर लाई जा रही नई मशीन के लिए सुरंग के अंदर प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। गत मंगलवार को बनाए गए प्लेटफार्म और खराब हुई ऑगर ड्रिलिंग मशीन को हटाया गया है।
उत्तरकाशी टनल हादसे से जुड़ी पल-पल की अपडेट आपको यहां मिलेगी....

चारधाम ऑलवदेर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में पिछले चार दिनों से फंसे 40 श्रमिक जिंदगी और मोत से जूझ रहे हैं। इन्हें सुरक्षित बचाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी पहल की है। पीएमओ के निर्देश पर वायु सेना के तीन हरक्यूलिस विमान से हाई पावर ऑगर ड्रिलिंग मशीन नई दिल्ली से चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर पहुंचाई गई। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से 32 किलोमीटर दूर सिलक्यारा तक ट्रेलर में पहुंचाने का कार्य गतिमान है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिल्क्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन पर निरंतर निगरानी बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कमिश्नर गढ़वाल, आईजी गढ़वाल एवं राहत एवं बचाव में लगी एजेंसियों से सिल्क्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन और टनल में फंसे श्रमिकों की कुशलक्षेम की पल-पल की अपडेट ले रहे हैं।
उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में जो श्रमिक फंसे हैं वह शनिवार की शाम को रात्रि शिफ्ट के दौरान सुरंग में चले गए थे। रविवार की सुबह उन्हें बाहर आना था। परंतु भूस्खलन के कारण वहीं फंसे। इन श्रमिकों के लिए पानी की निकासी के पाइप के जरिये चने, चिप्स, मुरमुरे, ड्राई फ्रूट और ऑक्सीजन भेजी जा रही हैं। मंगलवार को दवा भी भेजी गई। परंतु श्रमिकों ने खैनी, गुटखा की भी मांग की। रेस्क्यू कार्य में जुटे श्रमिकों ने खैनी गुटखा, बीड़ी को भी पाइप के थ्रो भेजा।
देहरादून। देहरादून में सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर आ रहे हैं, जो मलबे को भेद स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचाने में मददगार साबित होगी। मशीन से प्रति घंटे पांच मीटर मलबा पार किया जा सकेगा। आज शाम से शुरू होगा ये कार्य। अब नार्वे व थाईलैंड की विशेष टीमों की मदद भी ली जा रही है।
उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) पर सवाल खड़े किए गए हैं, जिसमें सुरंग निर्माण में क्षेत्र की चट्टानों की क्षमता को नजरअंदाज किए जाने की बात सामने आ रही है। यह सवाल परियोजना में कंसल्टेंसी का काम करने वाली दो कंपनियों ने उठाए हैं। एक कंपनी ने तो बाकायदा अपनी वेबसाइट पर डीपीआर की खामी का उल्लेख किया है।
सुरंग में भूस्खलन की घटना के बाद पहाड़ी की कमजोर चट्टानों की पुष्टि की गई है। यह बात भी सामने आई है कि इस सुरंग में कैविटी (खोखला स्थान) टूटने से भूस्खलन का यह पहला मामला नहीं है। पहले भी सुरंग की कैविटी टूटने से मलबा गिर चुका है। वर्तमान की घटना में सुरंग में श्रमिकों के फंस जाने से यह बात खुलकर सामने आ गई है।
देहरादून। उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने को बचाव कार्य तेज। देहरादून में सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर आ रहे हैं, जो मलबे को भेद स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचाने में मददगार साबित होगी। मशीन से प्रति घंटे पांच मीटर मलबा पार किया जा सकेगा। आज शाम से शुरू होगा ये कार्य। अब नार्वे व थाईलैंड की विशेष टीमों की मदद भी ली जा रही है।
उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। वायु सेना के हरक्यूलिस विमान से दिल्ली से कई मशीनें लाई गई हैं। ये मशीनें टनल में रास्ता बनाने के लिए उपयाग की जाएंगी।
उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। वायु सेना के हरक्यूलिस विमान से दिल्ली से एक मशीन मंगवाई गई है। दोपहर 12.34 बजे हरक्यूलिस विमान ने चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर लैंडिंग की। जिसके बाद मशीनों को अनलोड करने का कार्य शुरू हो गया है।
उत्तरकाशी। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा के निकट एक ट्राला फंस गया है। जिसके कारण राजमार्ग डेढ़ घंटे तक अवरुद्ध रहा। ट्रॉले में सुरंग निर्माण करने वाली बूमर मशीन लदी हुई थी। करीब डेढ़ घंटे से राजमार्ग पर जाम लगा रहा और इसमें कई अधिकारियों के वाहन भी फंसे रहे।
उत्तरकाशी। पिछले 78 घंटे से सिलक्याला सुरंग में 40 जिंदगियों की सांस अटकी हुई है। दिल्ली से एयरलिफ्ट कर लाई जा रही नई मशीन के लिए सुरंग के अंदर प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। गत मंगलवार को बनाए गए प्लेटफार्म और खराब हुई ऑगर ड्रिलिंग मशीन को हटाया गया है।
उत्तरकाशी। मलबे में फंसे 40 श्रमिकों के परिजन लगाता परेशान हैं। अपनों से बात नहीं कराए जाने पर अब स्वजनों ने हादसे वाली जगह पर ही प्रदर्शन शुरू कर दिया है। जहां एक ओर राहत और बचाव कार्य जारी है तो वहीं प्रदर्शन भी शुरू हो गया है
#WATCH | Uttarkashi tunnel accident | A protest by workers breaks out at the site of the accident where the relief and rescue operation is ongoing. #Uttarakhand pic.twitter.com/bvvXrASSTh
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 15, 2023
उत्तरकाशी। वायु सेना के हरक्यूलिस विमान से करीब 11 टन की मशीन आनी है। जिसको चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर अनलोड करके सिलक्यारा पहुंचाया जाना है। इससे पहले हवाई पट्टी पर पूरे इंतजाम की जांच के लिए 9.45 बजे वायु सेना का हेलीकॉप्टर भी आएगा।