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    उत्‍तराखंड के रविंद्र हर रोज करते हैं 22 किमी की रनिंग; दौड़कर कम किया 26 किलो वजन

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Tue, 30 Aug 2022 01:04 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया मूवमेंट को उत्तराखंड के रविंद्र नेगी आगे बढ़ा रहे हैं। वह हर दिन 22 किलोमीटर की पैदल चाल और दौड़ते हैं। उनकी द ...और पढ़ें

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    41 वर्षीय रविंद्र नेगी जनपद चमोली के नारायणबगड़ ब्‍लॉक के सणकोट गांव निवासी हैं।

    शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी : व्यस्ततम दिनचर्या हर एक व्यक्ति में मानसिक तनाव सहित कई तरह की शारीरिक व्याधि को बढ़ रही है। तमाम बीमारी और तनाव को बोझ मानव जीवन पर भारी पड़ रहा है।

    लेकिन शारीरिक स्वस्थता के लिए नियमित घूमना, दौड़ना, योग ध्यान व खेलना ही रामबाण है। इसीलिए तो देश में बढ़ती तनावग्रस्त दिनचर्या को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अगस्त 2019 को फिट इंडिया मूवमेंट (Fit India Movement) की पहल की। जिससे हर व्यक्ति स्वस्थ और तंदुरुस्त रहे।

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया मूवमेंट को उत्तराखंड के रविंद्र नेगी आगे बढ़ा रहे हैं। जो उत्तराखंड में फिट इंडिया मूवमेंट के एम्बेसडर (Ambassador) से कम नहीं हैं। हर दिन 22 किलोमीटर की पैदल चाल और दौड़ने वाले रविंद्र नेगी की दिनचर्या जानेंगे तो आप भी हैरान रहे जाएंगे और रविंद्र नेगी से प्रेरित होंगे।

    चमोली के सणकोट गांव निवासी हैं रविंद्र

    चलिए पहले रविंद्र नेगी से आपका परिचय कराते हैं। 41 वर्षीय रविंद्र नेगी जनपद चमोली के नारायणबगड़ ब्‍लॉक के सणकोट गांव निवासी हैं। रविंद्र नेगी की पढ़ाई लिखाई गौचर से ही पूरी हुई।

    • वर्ष 2000 में रविंद्र नेगी ने गौचर पालीटेक्निक से फार्मेसी में डिप्लोमा प्राप्त की। कुछ समय बेरोजगार रहने के बाद रविंद्र नेगी ने 2006 में बदरीनाथ धाम में मेडिकल स्टोर खोला।
    • जनवरी 2022 में रविंद्र नेगी की नौकरी राजकीय पशु चिकित्सालय कर्णप्रयाग में वेटनरी फार्मासिस्ट के पद पर लगी।
    • रविंद्र नेगी पहाड़ के मिल्खा सिंह व फ्लाइंग पहाड़ी के नाम से काफी लोकप्रिय हैं। वह अस्पताल खुलने से आधा घंटे पहले ही पहुंच जाते हैं।

    संकल्प लिया और दौड़कर 26 किलो वजन किया कम

    बदरीनाथ धाम में जब रविंद्र नेगी मेडिकल स्टोर संचालित करते थे तो वहां अनियमित दिनचर्या से वह ग्रसित हुए। मोटापा धीरे-धीरे बढ़ने लगा। कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) और शुगर भी खतरे की निशान तक पहुंचने लगा। वर्ष 2018-19 में रविंद्र नेगी का वजन 94 किलोग्राम तक पहुंचा था।

    स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत होने के कारण रविंद्र नेगी ने अनियमित दिनचर्या को सुधारने के लिए सुबह और शाम को टहलना शुरू किया। कोविड के दौरान गौचर में रविंद्र नेगी ने गौचर से दुआ-कांडा गांव की सड़क पर नियमित वाक रेस की।

    जनवरी 2022 में रविंद्र नेगी की राजकीय पशु चिकित्सालय कर्णप्रयाग में वेटनरी फार्मासिस्ट के पद नौकरी लगी तो उन्होंने अपनी दिनचर्या ही बदल दी। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गौचर से कर्णप्रयाग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

    रविंद्र नेगी ने संकल्प लिया कि वह अपने घर गौचर से अपने कार्यालय कर्णप्रयाग जाना-आना पैदल ही करेगा। आपात स्थिति में भारी वर्षा व तेज धूप में ही सार्वजनिक वाहन का उपयोग करेगा। वर्तमान में रविंद्र नेगी का वजन 68 किलोग्राम है। रविंद्र नेगी ने अपनी तेज चाल और नियमित दौड़ने के अभ्यास ने अपना 26 किलो वजन कम किया है।

    ये है रविंद्र नेगी की दिनचर्या

    • अपने संकल्प पर अडिग रविंद्र नेगी जनवरी 2022 से हर रोज गौचर से कर्णप्रयाग 11 किमी जाने और 11 किलोमीटर आने की दूरी तेज चाल व दौड़कर पूरी कर रहे हैं।
    • रविंद्र नेगी बताते हैं कि वह करीब 16 किलोमीटर हर रोज दौड़ते हैं और छह किलोमीटर की तेज चाल चलते हैं।
    • वह हर सुबह 6.15 बजे अपने गौचर घर से निकलते हैं और सुबह 7.30 बजे से पहले अपने कर्णप्रयाग कार्यालय में पहुंच जाते हैं।
    • ग्रीष्मकाल के समय सुबह 8 बजे अस्पताल खुल जाता है। घर से लाए टिफिन से नाश्ता करते हैं।
    • फिर दोपहर में फल, सलाद आदि लेते हैं। दोपहर ढाई बजे छुट्टी होने पर फिर हल्के-हल्के दौड़ते हुए घर लौटते हैं।
    • शीतकाल में अस्पताल नौ बजे खुलता है तो वह सुबह 7.15 बजे घर से निकलते हैं।

    आलोचना करने वाले भी दौड़ने लगे

    रविंद्र नेगी कहते हैं जब शुरुआत में उन्होंने घर से कार्यालय और कार्यालय से घर आने जाने के लिए दौड़ना शुरू किया तो कई व्यक्तियों ने आलोचना भी की। अब आलोचना करने वालों को भी समझ आ गया है कि स्वस्थ रहने के लिए हर रोज चला, दौड़ना, खेलना या फिर योग करना जरूरी है।

    उन व्यक्तियों ने भी सुबह-सुबह वाक रेस शुरू कर दी है। जिसको लेकर वह बेहद खुश हैं कि उनके इस कार्य से अन्य भी प्रेरित हुए हैं। गौचर और कर्णप्रयाग के कई युवाओं नें उनसे प्रभावित होकर ही विभिन्न भर्ती के लिए दौड़ की तैयारी की।

    रविन्द्र नेगी ने कहा कि तेज चाल व दौड़ लगाने के पीछे उद्देश्य है कि वे शारीरिक रूप से फिट और एकदम स्वस्थ रहें। इसके अलावा वे स्वच्छता के प्रबल हितैषी हैं और इस पैदल दौड़ के जरिये आमजन को वाहनों का उपयोग कम करने व पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने का है।

    रविंद्र नेगी कहते हैं कि हर दिन करीब 22 किलोमीटर की तेज चाल और दौड़ने का अभ्यास उनकी दैनिक दिनचर्या में आ गया है। इसलिए वह देश के विभिन्न राज्यों में होने वाली हाफ मैराथन में भी प्रतिभाग करेंगे।