Uttarakhand Panchayat Chunav: आपदा से अलग-थलग पड़े उत्तरकाशी के आठ गांव, चुनौती से कम नहीं होगा चुनाव
उत्तरकाशी जिले में भारी बारिश के कारण गंगा और यमुना घाटी के आठ गांव पिछले 20 दिनों से अलग-थलग हैं जिससे पंचायत चुनाव कराना मुश्किल हो गया है। सड़कें और पुल टूटने से ग्रामीणों को जरूरी सामान जुटाने में परेशानी हो रही है। प्रशासन जल्द से जल्द वैकल्पिक मार्ग बनाने की कोशिश कर रहा है ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके और चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके।

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। जिले की गंगा व यमुना घाटियों में वर्षा जनित आपदा के चलते बीते 20 दिन से अलग-थलग पड़े आठ गांवों में पंचायत चुनाव कराना आसान नहीं होगा।
इन गांवों को जोड़ने वाले मोटरपुल, संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीण गांव में कैद होकर रह गए हैं, जिन्हें दैनिक उपभोग की खाद्य सामग्री के लिए भी जान जोखिम में डालकर आवाजाही के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसे में कुछ दिन बाद होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मतदान के लिए पोलिंग पार्टियों को भी इन गांवों तक पहुंचने के लिए जोखिम उठाना होगा।
बता दें कि बीते 28 जून को जनपद में मूसलधार वर्षा से जहां गंगा घाटी के भटवाड़ी तहसील के असी गंगा घाटी के नौगांव, भंकोली, ढासड़ा, दंदालका व अगोड़ा आदि गांवों को जोड़ने वाली गंगोरी-संगमचट्टी सड़क जगह-जगह ध्वस्त हुई।
उधर, यमुना घाटी की बड़कोट तहसील के कुपड़ा, कुनसाला व त्रिर्खिली गांव को जोड़ने वाला मोटरपुल व मोटरमार्ग भी क्षतिग्रस्त हुए, जिसके बाद से ही इन गांवों में ग्रामीणों को दैनिक उपभोग का राशन आदि जुटाने के लिए जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। बड़कोट में जहां तीन गांवों को जोड़ने वाला पुल व संपर्क मार्ग ध्वस्त है। वहीं, पुल का आधार याने कि एबटमेंट भी खतरे की जद में है।
इधर, मुख्यालय से लगी असी गंगा घाटी में वर्षा के चलते गंगोरी-संगमचट्टी मोटरमार्ग जगह-जगह ध्वस्त होने से ग्रामीणों का जनपद मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है। इसके लिए दोनों ही क्षेत्रों में ग्रामीण पांच से छह किमी तक की अतिरिक्त पैदल दूरी नापने को मजबूर हैं। ये सफर भी आसान नहीं है। जंगल की पगडंडी होकर किए जा रहे इस सफर में हर पल जान का खतरा बना हुआ है।
हालांकि, असी गंगा घाटी में पीएमजीएसवाई की ओर से मूसलधार वर्षा के चलते जगह-जगह ध्वस्त सड़क पर आवाजाही बहाल करने को सड़क मरम्मत व सुरक्षात्मक कार्य शुरू करवाया गया है, लेकिन इस कार्य की गति बेहद धीमी है।
असी गंगा घाटी के संजय पंवार, चंद्रलाल विश्वकर्मा, राजेंद्र पंवार, शैलेंद्र, शिवराम पंवार, मुकेश पंवार का कहना है कि पीएमजीएसवाई विभाग की ओर से किए जा रहे मरम्मत व सुरक्षा कार्य की गति बेहद धीमी है। यहां युद्धस्तर पर सड़क बहाल की जानी चाहिए। वहीं, कुंसाला, तिर्खिली व कुपड़ा गांव के संदीप राणा व पंकज राणा ने भी क्षतिग्रस्त पड़े मोटरपुल व मोटरमार्ग के स्थान पर शीघ्र वैकल्पिक मार्ग तैयार करने की मांग की है।
इधर, पीएमजीएसवाइ विभाग के अधिशासी अभियंता आशीष भट्ट का कहना है कि गंगोरी संगमचट्टी मोटरमार्ग पर वायरक्रेट भरकर आवाजाही बहाल करने को लेकर काम शुरू कर दिया गया है। विपरीत मौसम के चलते कार्य में दिक्कत हो रही है। मौसम साथ देता है तो दो से तीन दिन में वायरक्रेट भरने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
संगमचट्टी मोटरमार्ग पर वायरक्रेट भरने का काम चल रहा है। 25 जुलाई तक मोटरमार्ग पर आवाजाही बहाल करा ली जाएगी। वहीं, कुपड़ा, कुंसला व त्रिर्खिली गांव के लिए वायरक्रेट से अस्थायी वैकल्पिक मार्ग निर्माण का काम चल रहा है। पंचायत चुनाव तो ठीक है, उससे पहले गांव की ग्रामीणों की परेशानी के मद्देनजर आवाजाही को जल्द बहाल कराने का प्रयास किया जा रहा है। - प्रशांत कुमार आर्य, जिलाधिकारी, उत्तरकाशी
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