Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Uttarakhand News: 76 दिन बाद सिलक्यारा सुरंग में काम शुरू, पिछले साल हादसे के बाद रोक दिया था काम; 17 दिन चला था बचाव अभियान

    By Jagran News Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sun, 28 Jan 2024 06:15 AM (IST)

    पिछले साल हादसे का शिकार हुई उत्तराकाशी की सिलक्यारा सड़क सुरंग में बड़कोट की ओर से निर्माण के कुछ कार्य शुरू हो गए हैं। नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) के परियोजना प्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने कहा कि अनुमति मिलने के बाद धीरे-धीरे काम शुरू किया गया। आने वाले 15 दिन में काम अपनी गति पकड़ लेगा।

    Hero Image
    76 दिन बाद सिलक्यारा सुरंग में काम शुरू

    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश पर उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा सड़क सुरंग में बड़कोट की ओर से निर्माण के कुछ कार्य शुरू हो गए हैं। इसके तहत सुरंग की सेंटर वाल के निर्माण को शटरिंग शुरू की गई है। साथ ही, सिलक्यारा की ओर से सुरंग के मुहाने पर निर्माणाधीन पुल का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) के परियोजना प्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने कहा कि अनुमति मिलने के बाद धीरे-धीरे काम शुरू किया गया। आने वाले 15 दिन में काम अपनी गति पकड़ लेगा।

    100 मीटर के संवेदनशील हिस्से में सुरक्षात्मक कार्य होंगे

    उन्होंने बताया कि जो स्थान संवेदनशील हैं, उन पर एस्केप टनल के रूप में पाइप डाले जा रहे हैं। सुरक्षा के साथ कुछ कार्य शुरू किए गए हैं। वह कार्य का निरीक्षण करने के लिए शनिवार को बड़कोट की ओर कार्यस्थल पर पहुंचे। सिलक्यारा की ओर पहले भूस्खलन वाले हिस्से और मुहाने के बीच करीब 100 मीटर के संवेदनशील हिस्से में सुरक्षात्मक कार्य होंगे। इसके बाद मलबे में मजदूरों को निकालने के लिए जो निकास सुरंग बनाई गई थी, उसी से श्रमिकों को अंदर भेजा जाएगा। ताकि सिलक्यारा की ओर से डी-वाटरिंग का कार्य किया जा सके।

    सुरंग निर्माण का काम भी ठप पड़ गया था

    इसके बाद ही सुरंग में कैविटी का उपचार होगा। चारधाम आलवेदर रोड परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में 12 नवंबर 2023 को भूस्खलन होने के बाद 41 श्रमिक अंदर फंस गए थे। उन्हें 17 दिन तक चले बचाव अभियान के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया। भूस्खलन की इस घटना के साथ ही 12 नवंबर की सुबह से सुरंग निर्माण का काम भी ठप पड़ गया था। 4.531 किमी लंबी इस सुरंग में अभी 480 मीटर की खोदाई होनी शेष है।

    यह क्षेत्र पूरी तरह से सुरक्षित

    अब मंत्रालय स्तर पर गहन मंथन के बाद सुरंग में बड़कोट की ओर से काम करने की अनुमति मिल चुकी है। बड़कोट की ओर से काम करने वाली गजा कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि सुरंग के मुहाने से लेकर सौ मीटर सिलक्यारा की ओर सेंटर वाल (सेपरेशन वाल) की शटरिंग की जा रही है और सरिया कटिंग का कार्य चल रहा है। यह क्षेत्र पूरी तरह से सुरक्षित है।