Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Uttarakhand News: गड्ढों में तब्दील हुआ ज्ञानसू-बस अड्डा हाईवे, प्रशासन की अनदेखी से बढ़ रहा हादसों का खतरा

    Updated: Mon, 07 Oct 2024 04:21 PM (IST)

    उत्तराखंड के उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के ज्ञानसू ओपन टनल से बस अड्डे तक का सफर बेहद खतरनाक है। इस दो किलोमीटर के रास्ते में 522 गड्ढे हैं। धूल-धक्कड़ और कीचड़ इस सफर के साथी हैं। वर्षाकाल के दौरान के दौरान मैणगाड़ से जो मलबा आया था। वह आज भी हाईवे पर एकत्र है। स्थानीय लोगों की शिकायतों के बावजूद प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है।

    Hero Image
    दो किलोमीटर क्षेत्र में मिले 522 गड्ढे

    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। पड़ताल- गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के ज्ञानसू ओपन टनल से उत्तरकाशी बस अड्डे तक तक दो किलोमीटर का सफर। इस सफर में आप भी यह भूल जाएंगे कि गड्ढे सड़क पर हैं या फिर गड्ढों में सड़क है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दैनिक जागरण की टीम ने इस हाईवे जायजा लिया। दो किलोमीटर के सफर में गड्ढों की गिनती की तो 522 गड्ढे मिले। यहां धूल-धक्कड़ और कीचड़ तो इस सफर का साथी हैं।

    ज्ञानूस ओपन टनल से हो जाती है गड्ढों की शुरुआत

    दरअसल सड़कों का डामरीकरण इसलिए होता है कि लोग सुरक्षित व आसानी से अपना सफर तय कर सकें, परंतु उत्तरकाशी जिला मुख्यालय के निकट ज्ञानसू ओपन टनल से लेकर बस अड्डे तक दो किलोमीटर के सफर में गड्ढे मिलेंगे। इस हाईवे पर गड्ढों की शुरुआत ज्ञानूस ओपन टनल से ही हो जाती है।

    ओपन टनल के समाप्त होते ही दो मीटर की दूरी पर पहला गड्ढा मिलेगा। फिर हर कदम पर गड्ढे हाईवे के हाल बयां कर रहे हैं। कुछ गड्ढे मिट्टी से भरे मिले, जो इस हाईवे पर धूल-धक्कड़ और कीचड़ के संवाहक हैं। भले ही इस क्षेत्र में वाहनों की रफ्तार थम जाती है। करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर भाजपा जिला कार्यालय के पास हाईवे के हालत बहुत ज्यादा ही खराब हैं।

    मलबे के ऊपर से वाहनों की आवाजाही

    वर्षाकाल के दौरान के दौरान मैणगाड़ से जो मलबा आया था। वह आज भी हाईवे पर एकत्र है। इसी मलबे के ऊपर से वाहनों की आवाजाही हो रही है। आगे बढ़े तो फिर गड्ढों के साथ कहीं धूल तो कहीं कीचड़ से भी मुकाबला। यहां आवागमन करने में वाहन चालक और राहगीरों को परेशानी हो रही है। निकटवर्ती आवासीय क्षेत्र से आने वाला गंदा पानी भी हाईवे पर बहता मिला। जिससे महामारी फैलने का खतरा भी बना है।

    ऐसा नहीं है कि हाईवे की दशा को सुधारने के लिए स्थानीय लोगों ने शिकायत नहीं की। परंतु जिम्मेदारों ने शिकायत का संज्ञान नहीं लिया।

    गुहार के बाद भी प्रशासन ने नहीं ली सुध

    होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा ने कहा कि शासन-प्रशासन को हाईवे की मरम्मत कराने के लिए गुहार लगाया गया, परंतु नतीजा सिफर रहा। हाईवे के ये गड्ढे दुर्घटना का कारण भी बन रहे हैं। गड्ढों में गिरकर कई लोग चोटिल भी हो चुके हैं।

    ज्ञानूस से लेकर मुख्य बाजार और अन्य स्थानों पर गड्ढे भरने व हाईवे को सही करने का कार्य शुरू करने के निद्रेश दिए गए हैं। गड्ढे भरने का कार्य शुरू भी हो चुका है।

    -विवेक श्रीवास्तव, कमांडर बीआरओ उत्तरकाशी

    यह भी पढ़ें- पिता के नाम पर रोपे वन की बेटे की तरह कर रहे सेवा, 20 वर्षों से नहीं फटक पाई आग; जानिए श्याम स्मृति वन की कहानी

    ज्ञानसू से लेकर बस अड्डा उत्तरकाशी की पड़ताल के बाद सोमवार को जिला मुख्यालय के मनेरा जोशियाड़ा तेखला और तेखला से कलेक्ट्रेट जागरण टीम ने सड़कों का जायजा लिया। इस क्षेत्र में बीआरओ की सड़क से अच्छी स्थिति लोनिवि की सड़क की मिली। भले ही कुछ भूस्खलन और भूधंसाव जोन क्षेत्र में लोनिवि की सड़क भी बदहाल स्थिति में दिखी।

    जोशियाड़ा तेखला मोटर मार्ग पर निकली दैनिक जागरण की टीम

    सोमवार को सबसे पहले बडेथी मनेरा जोशियाड़ा तेखला मोटर मार्ग पर दैनिक जागरण टीम निकली। इस सड़क पर कुछ माह पहले ही डामरीकरण हुआ है। इसलिए अधिकांश स्थानों पर सड़क सही नजर आई। यह सड़क लोनिवि भटवाड़ी के नियंत्रण क्षेत्र में है।

    पहले लोनिवि की बडेथी से मनेरा होते हुए आगे बढ़े तो गदेरे के पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं दिखी। गदेरे से आ रहा पानी सड़क पर ही बह रहा है। जिससे करीब 50 मीटर क्षेत्र में सड़क की स्थिति जर्जर बनी हुई है। इस क्षेत्र में 22 गड्ढे मिले।

    सड़क के बीचोबीच फैला दिखा भूस्खलन का मलबा

    इन गड्ढों को पार कर आगे बढ़े चार स्थानों पर मानसून सीजन के दौरान हुए भूस्खलन का मलबा सड़क के मध्य हिस्से तक फैला दिखा। जो सुचारू आवाजाही में बाधक बना हुआ है। बैराज होते हुए जोशियाड़ा पहुंचे। परंतु जल विद्युत निगम के नियंत्रण क्षेत्र की सड़क की बदहाल स्थिति दिखी। कई वर्षों से 200 मीटर हिस्से की मरम्मत नहीं हुई। जोशियाड़ा से लेकर मांडो की ओर बढ़े तो सड़क की स्थिति औसतन ठीक मिली।

    मांडो और तेखला के बीच भूधंसाव जोन क्षेत्र में सड़क की स्थिति जर्जर है। परंतु इससे बदहाल स्थिति सड़क की तेखला लक्षेश्वर होते हुए कलेक्ट्रेट तक की है। यह गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा है। इस क्षेत्र में गड्ढों में मिट्टी तक नहीं भरी गई है। हां कुछ स्थानों पर सड़क किनारे मिट्टी के ढेर मिले।

    हाईवे पर कदम-कदम पर मिले गड्ढे

    इस क्षेत्र में हाईवे पर कदम-कदम पर गड्ढे बने हुए हैं। तेखला (गंगोरी) से लेकर कलेक्ट्रेट के बीच 200 से अधिक गड्ढे हैं।जबकि कुछ स्थानों पर धूल और कीचड़ की स्थिति मानसून बीतने के बाद भी बरकरार है। नाली निकासी की सही व्यवस्था नहीं है। संस्कृत महाविद्यालय के निकट हाईवे की जर्जर स्थिति के कारण दुर्घटना का भी खतरा बना हुआ।

    comedy show banner
    comedy show banner