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गंगा के शीतकालीन पड़ाव मुखवा में उमा भारती ने शुरू किया तप

केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती मां गंगा के शीतकालीन पड़ाव मुखवा के निकट चंडी मंदिर में तप शुरू कर दिया। उनका ध्यान व पूजा कार्यक्रम चार अप्रैल तक चलेगा।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 31 Mar 2017 09:24 AM (IST)Updated: Sat, 01 Apr 2017 04:00 AM (IST)
गंगा के शीतकालीन पड़ाव मुखवा में  उमा भारती ने शुरू किया तप
गंगा के शीतकालीन पड़ाव मुखवा में उमा भारती ने शुरू किया तप

उत्तरकाशी, [जेएनएन]: उत्तरकाशी में गंगा घाटों के निरीक्षण के बाद केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती मां गंगा के शीतकालीन पड़ाव मुखवा पहुंच गई। यहां उन्होंने चंडी मंदिर में मौन व्रत शुरू कर दिया है, जो चार अप्रैल तक चलेगा। यहां प्रशासन ने दो वीआइपी टेंट के साथ 25 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की है। साथ ही सुरक्षा कर्मियों के साथ चिकित्सकों की टीम भी तैनात की गई है।

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गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि उमा भारती, चंडी मंदिर में चार अप्रैल तक मौन व्रत के साथ ध्यान भी करेंगी। बताया कि नवरात्र के दौरान यहां चंडी पाठ का विशेष महत्व माना गया है। चंडी मंदिर इसलिए भी खास है कि गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने पर मां गंगा की डोली एक रात यहीं प्रवास करती है। 

उन्होंने बताया कि गुरुवार की शाम को उनकी उमा भारती से बातचीत हुई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके मौन व्रत व साधना के दौरान कोई उनके पास नहीं रहेगा। इस कारण आज सुबह से ही उनके साथ आए अधिकारियों ने भी दूरी बनाए रखी है। चंडी मंदिर में मुखवा के पुरोहितो की ओर से नवरात्र पाठ किया जा रहा है। उन्होंने ने बताया कि चंडी मंदिर में ही ऋषि मार्कंडे ने दुर्गा सप्तशती की रचना की। इसी चंडी मंदिर के निकट मार्कंडे आश्रम भी है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि केंद्रीय मंत्री के रहने की व्यवस्था चंडी मंदिर में की गई है।

गंगा में जाने से रोकें गंदगी : उमा

केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने गुरुवार को उत्तरकाशी में विभिन्न घाटों का निरीक्षण कर सफाई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अधिकारी नमामि गंगे के तहत होने वाले कार्यों से जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराएं। 

उन्होंने शहर में अवैध रूप से चल रहे बूचड़खानों को तुरंत बंद करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। साथ ही कहा कि वैध बूचड़खानों की गंदगी भी गंगा समेत अन्य नदियों में नहीं जानी चाहिए। इससे पूर्व पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि हिमालय में बनने वाली किसी भी परियोजना का डिजाइन गंगा की अविरलता को ध्यान में रखकर ही तैयार किया जाना चाहिए। 

केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने शहर के केदारघाट, मणिकर्णिका घाट व जड़भरत घाट का निरीक्षण किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गंगा स्वच्छता कार्यक्रम के तहत सहायक नदियों एवं नालों की भी सफाई की जाएगी। साथ ही घरों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी के लिए तेजी से नालियों का निर्माण कराया जाएगा। 

इससे पूर्व, लोनिवि अतिथि गृह में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उमा ने कहा कि गंगा की धारा को अविरल रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगा के तहत एक हजार करोड़ का बजट अवमुक्त कर दिया है। कहा कि गंगा को स्वच्छ रखना सभी का दायित्व है। 

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