दस वर्ष पहले लगी विद्युत ट्रॉली की मरम्मत कर सफल ट्रायल, बेंचा घाटी में आवाजाही शुरू; 10 दिनों से बंद था मार्ग
मोरी के पंचगांई पट्टी में भारी बारिश से पैदल व मोटर मार्गों को हुई क्षति के चलते बीते 10 दिनों से खेड़ा घाटी से आगे आवाजाही बंद हैं। 18 जुलाई को लोक निर्माण विभाग ने वैकल्पिक आवाजाही शुरू करने को लेकर बेंचा घाटी के तिसींगचा में दस वर्ष पहले लगी विद्युत ट्रॉली की मरम्मत कर सफल ट्रायल किया। ट्रॉली से कास्ला लिवाड़ी गांव के लिए आवाजाही शुरू हो गई है।

संवाद सूत्र, पुरोला: मोरी के पंचगांई पट्टी में भारी बारिश से पैदल व मोटर मार्गों को हुई क्षति के चलते बीते 10 दिनों से खेड़ा घाटी से आगे आवाजाही बंद हैं। 18 जुलाई को लोक निर्माण विभाग ने वैकल्पिक आवाजाही शुरू करने को लेकर बेंचा घाटी के तिसींगचा में दस वर्ष पहले लगी विद्युत ट्रॉली की मरम्मत कर सफल ट्रायल किया।
पांच साल पहले आई आपदा के बाद लगाई गई थी ट्रॉली
हालांकि जखोल से आगे खेड़ा घाटी में सुपीन नदी पर वाप्कोस कंपनी ने निर्माणधीन मोटर पुल पर एक सप्ताह तख्ते बिछाकर चलने लायक तो बना दिया। लेकिन फिताडी, रेक्चा व लिवाडी आदि गांवों तक जाने के लिए यह रास्ता लंबा पड़ता है। पांच वर्ष पहले 2012-13 में आई आपदा से क्षतिग्रस्त रास्तों तथा खेड़ा व बेंचा घाटी में गोविंद पशु विहार की पुलिया बहने के बाद लोनिवि ने ट्रॉली लगाई थी।
ग्रामीणों को परेशानी
बहने के बाद वैकल्पिक मार्ग के तौर पर लोनिवि ने तिसींगचा में ट्रॉली लगाई थी। रेक्चा गांव के पूर्व प्रधान प्रहलाद सिंह रावत ने बताया कि खेड़ा पुल के हर बरसात में बह जाने से खासकर राला, कास्ला व लिवाडी के ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन्ही दिक्कतों के चलते कास्ला गांव के नीचे तिसींगचा में ट्रॉली लगाई गई। ताकि ग्रामीण आवाजाही कर सकें।
बेंचा घाटी में बीते मंगलवार को मरम्मत के बाद ट्रॉली से कास्ला लिवाड़ी गांव के लिए आवाजाही शुरू हो गई है। ट्रॉली लगने से दोनों गांव की लगभग एक हजार की आबादी को बरसात के समय आवाजाही में सुविधा मिलेगी।
-चेतना पुरोहित सहायक अभियंता लोनिवि पुरोला
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