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    जर्जर विद्यालय भवन के नीचे खतरे में भविष्य

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 05 Nov 2019 06:38 AM (IST)

    संवाद सूत्र बड़कोट बच्चों की पढ़ाई के लिए करीब छह दशक पहले जिन लोगों ने सरकारी सह ...और पढ़ें

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    जर्जर विद्यालय भवन के नीचे खतरे में भविष्य

    संवाद सूत्र, बड़कोट : बच्चों की पढ़ाई के लिए करीब छह दशक पहले जिन लोगों ने सरकारी सहयोग के साथ श्रमदान कर जिस विद्यालय को तैयार किया था, उसकी सुध लेने वाला अब कोई भी नहीं है। शिक्षा विभाग भले ही जर्जर हो चुके विद्यालयों को सुधारने के लाख दावे करे, लेकिन नौगांव ब्लॉक के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालय मोल्ड़ा का भवन मरम्मत के अभाव में जर्जर हालत में पहुंच गया है। जीर्ण-शीर्ण पड़े विद्यालय भवन में छात्र-छात्राएं जान को जोखिम में डालकर पढ़ने को विवश हैं। आश्चर्य की बात यह है कि ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग से कई बार विद्यालय भवन के निर्माण की मांग की, लेकिन विभागीय अधिकारी इसे अनदेखा कर रहें हैं। ऐसे में जर्जर भवन की छत के नीचे 48 छात्र-छात्राएं पढ़ने को मजबूर हैं।

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    विकास खंड नौगांव के मोल्डा गांव स्थित करीब छह दशक पुराने राजकीय प्राथमिक विद्यालय के भवन को मरम्मत की दरकार है। विद्यालय में वर्तमान में अध्ययनरत 48 छात्र-छात्राएं जर्जर हालत में पड़े इस भवन में पढ़ने को मजबूर हैं। मोल्ड़ा गांव निवासी जयप्रकाश बहुगुणा का कहना है कि वर्ष 1963 में ग्रामीणों ने सरकारी धनराशि कम होने पर श्रमदान करके गांव में विद्यालय भवन का निर्माण किया था, लेकिन अब जर्जर हो चुके विद्यालय भवन का शिक्षा विभाग सुध नहीं ले रहा है। मरम्मत के नाम पर लगभग तीन दशक पहले भवन की कुछ चादरें बदली गई, बाकी ढांचे को अभी तक प्लास्टर तक नहीं किया गया। वर्तमान में भवन की स्थिति यह है कि दीवारों में जगह-जगह दरारें पड़ चुकी हैं। थोड़ी सी बारिश होने पर छत जगह-जगह से टपकती है। बरसात के दिनों में छत से पानी टपकने से छात्र-छात्राओं को पढ़ाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। विद्यालय का यह भवन छात्रों की पढ़ाई के लिए महफूज नहीं है। ग्रामीण लगातार विद्यालय भवन की मरम्मत की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन विभाग की ओर से भवन के पुनर्निर्माण के लिए कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा विद्यालय में पीने के पानी की उचित व्यवस्था नहीं है। लगभग तीन सौ मीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़कर यहां पानी ढ़ोया जाता है।

    विद्यालय के जर्जर होने का मामला संज्ञान में नहीं था। इस मामले में कार्रवाई के लिए अब उप खंड शिक्षाधिकारी को निर्देश दिए जाएंगे। - आरबी सिंह, खंड शिक्षाधिकारी नौगांव