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Yamunotri Highway पर बनेगी दूसरी सबसे लंबी डबल लेन सुरंग, नासूर बने डाबरकोट भूस्खलन जोन से मिलेगी निजात

Yamunotri Highway सड़क परिवहन मंत्रालय से चारधाम परियोजना की आलवेदर रोड के तहत तीन किलोमीटर सुरंग समरेखण की अनुमति मिल गई है। यमुनोत्री राजमार्ग की यह दूसरी सबसे लंबी डबल लेन सुरंग होगी। सुरंग निर्माण में चार वर्ष का समय लगेगा।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Sun, 18 Sep 2022 11:44 AM (IST)Updated: Sun, 18 Sep 2022 11:44 AM (IST)
Yamunotri Highway पर बनेगी दूसरी सबसे लंबी डबल लेन सुरंग, नासूर बने डाबरकोट भूस्खलन जोन से मिलेगी निजात
Yamunotri Highway : नासूर बने डाबरकोट भूस्खलन जोन से मिलेगी निजात। जागरण

शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी : Yamunotri Highway : यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर नासूर बने डाबरकोट भूस्खलन जोन से पार पाने के लिए डबल लेन सुरंग का निर्माण होगा।

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सड़क परिवहन मंत्रालय से चारधाम परियोजना की आलवेदर रोड के तहत तीन किलोमीटर सुरंग समरेखण की अनुमति मिल गई है।

यमुनोत्री हाईवे की दूसरी सबसे लंबी डबल लेन सुरंग

नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) ने प्रस्तावित सुरंग की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनानी शुरू कर दी है। यह डीपीआर दिसंबर तक पूरी हो जाएगी।

एनएचएआइ के अनुसार सुरंग निर्माण में चार वर्ष का समय लगेगा। यमुनोत्री राजमार्ग की यह दूसरी सबसे लंबी डबल लेन सुरंग होगी।

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 108 किलोमीटर दूर यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर पर डाबरकोट में 600 मीटर क्षेत्र सितंबर 2017 से भूस्खलन जोन बना है।

यहां पर हल्की वर्षा होने पर भी डाबरकोट की पहाड़ी से पत्थरों की बरसात होने लगती है। स्थिति यह है कि जून 2018 से लेकर अक्टूबर 2018 तक डाबरकोट के पास हाईवे बंद रहा। वर्ष 2019 और 2020 में भी भूस्खलन जारी रहा।

वैकल्पिक मार्ग बनाने की कोशिश सिरे नहीं चढ़ पाई

वर्ष 2021 में भी डाबरकोट के पास राजमार्ग चार दिनों तक लगातार बाधित रहा, जिसके कारण यमुनोत्री घाटी के 20 गांवों के ग्रामीणों तथा यमुनोत्री आने-जाने वाले तीर्थयात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी।

लोक निर्माण विभाग ने वैकल्पिक मार्ग बनाने की कोशिश भी सिरे नहीं चढ़ पाई। अभी तक एनएचएआइ और लोनिवि ने डाबरकोट भूस्खलन जोन के वैकल्पिक मार्ग पर दो करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च कर दी है।

डाबरकोट के उपचार के लिए कई कंपनियों से सर्वे भी किए हैं। उसके बाद भी कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका। सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से भूविज्ञानियों ने डाबरकोट का सर्वे कर सुरंग बनाने की संस्तुति दी।

इसके बाद आलवेदर रोड के तहत एनएचएआइ ने डाबरकोट में तीन किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने का प्रस्ताव तैयार किया, जिससे हाईपावर कमेटी और सड़क परिवहन मंत्रालय की स्वीकृति मिल चुकी है। इस प्रस्ताव के तहत एनएचएआइ ने डीपीआर तैयार करने में जुटी है।

एनएचएआइ के अधिशासी अभियंता राजेश कुमार पंत ने बताया कि यह सुरंग डाबरकोट भूस्खलन जोन से 200 मीटर पहले ओजरी गांव से सीधे स्यानाचट्टी के निकट यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ेगी।

यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा और जंगलचट्टी के बीच 4.5 किलोमीटर लंबी पहली सुरंग तैयार हो रही है। इसका काम अंतिम चरण में है।


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