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    Savita Kanswal: एवरेस्ट फतह कर रचा था इतिहास, हादसे में गई थी जान; आज भी प्रेरणा देती है इनकी कहानी

    By Jagran NewsEdited By: Swati Singh
    Updated: Wed, 04 Oct 2023 01:21 PM (IST)

    Savita Kanswal जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 15 किमी दूर भटवाड़ी ब्लाक के ग्राम लौंथरू निवासी सविता का बचपन कठिनाइयों में गुजरा। पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी ने खेतों में मेहनत कर जैसे-तैसे चार बेटियों का पालन-पोषण किया। सविता चार बहनों में सबसे छोटी थीं। अन्य तीन बहनों की शादी हो चुकी है। बचपन से गरीबी देखने वाली सविता ने अपनी किस्मत खुद बदली।

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    सविता कंसवाल ने एवरेस्ट फतह कर रचा था इतिहास

    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। बीते वर्ष द्रौपदी का डांडा (डीकेडी) हिमस्खलन त्रासदी में जान गंवाने वाली एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल बेटियों के लिए हमेशा प्रेरणा बनी रहेंगी। विपरीत परिस्थितियों के बीच सविता ने कड़े संघर्ष से अपनी पहचान बनाई और 12 मई 2022 को माउंट एवरेस्ट व इसके ठीक 16 दिन बाद माउंट मकालू पर्वत (8463 मीटर) पर सफल आरोहण किया। इस राष्ट्रीय रिकॉर्ड को बनाने वाली सविता पहली भारतीय महिला हैं।

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    जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 15 किमी दूर भटवाड़ी ब्लाक के ग्राम लौंथरू निवासी सविता का बचपन कठिनाइयों में गुजरा। पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी ने खेतों में मेहनत कर जैसे-तैसे चार बेटियों का पालन-पोषण किया। सविता चार बहनों में सबसे छोटी थीं। अन्य तीन बहनों की शादी हो चुकी है।

    नौकरी छोड़ भ्रमण का ऐसे बना मन

    किसी तरह पैसे जुटाकर सविता ने वर्ष 2013 में नेहरू इंस्टीट्यूट आफ माउंटेनियरिंग (निम) उत्तरकाशी से माउंटेनियरिंग में बेसिक और फिर एडवांस कोर्स किया। इसके लिए सविता ने देहरादून में नौकरी भी की। एवरेस्ट समेत विश्व की दर्जनों चोटियों का आरोहण कर कई उपलब्धियां अपने नाम दर्ज कराने वाली सविता का लक्ष्य विश्व की टाप टेन चोटियों का आरोहण करने का था। इनमें से वह तीन चोटियों का आरोहण कर भी चुकी थीं।

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    एक हादसे ने खत्म कर दिए कई सपने

    सविता ने बड़े-बड़े ख्वाब देखे थे, जिन्हें पूरा करना था लेकिन, बीते वर्ष चार अक्टूबर को द्रौपदी का डांडा में हुए हिमस्खलन हादसे ने सविता की जान चली गई। इस हादसे ने केवल सविता को ही नहीं छीना, बल्कि उसके बुजुर्ग माता-पिता का सहारे भी छीना लिया।

    सीएम धामी ने किया एलान

    स्थानीय जनों की मांग पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सविता के नाम पर मनेरी इंटर कॉलेज का नामकरण करने की घोषणा की। इस पर शिक्षा विभाग कार्यवाही कर रहा है। विदित हो कि डीकेडी हिमस्खलन हादसे में निम ने अपने 29 युवा पर्वतारोहियों को खो दिया था।

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