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भारी हिमपात के चलते चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़कें बर्फ से पटीं

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में पिछले दिनों भारी बर्फबारी के कारण चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़कें बर्फ से पटी हुई हैं। उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री हाईवे हर्षिल से आगे बंद है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 17 Dec 2019 10:53 AM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 10:53 AM (IST)
भारी हिमपात के चलते चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़कें बर्फ से पटीं

उत्तरकाशी, जेएनएन। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में पिछले दिनों भारी बर्फबारी के कारण चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़कें बर्फ से पटी हुई हैं। उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री हाईवे हर्षिल से आगे बंद है, वहीं जोशीमठ से बदरीनाथ के बीच सड़क पर भारी मात्रा में बर्फ जमा है। सोमवार भारत-चीन सीमा पर स्थित नेलांग जा रहे उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अशोक कुमार को भी हर्षिल से लौटना पड़ा। 

उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट ने बताया कि रविवार को पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) हर्षिल पहुंचे। सोमवार को उन्हें भारत-चीन सीमा पर स्थित नेलांग घाटी का दौरा प्रस्तावित था, लेकिन हर्षिल से आगे भैरवघाटी,  नेलांग और जादूंग तक जाने वाली सड़क पर भारी मात्रा में बर्फ जमा है। इसीलिए उन्हें हर्षिल से लौटना पड़ा। 

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कमांडेंट सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि बीआरओ ने उत्तरकाशी से हर्षिल तक 70 किलोमीटर सड़क पर यातायात बहाल कर दिया है। उन्होंने बताया कि हर्षिल से आगे गंगोत्री तक 25 किलोमीटर सड़क बर्फ से पटी हुई है। इसीलिए बर्फ हटाने में समय लग रहा है। बीआरओ की टीम काम में जुटी है। गौरतलब है कि हर्षिल से 15 किलोमीटर दूर भैरव घाटी और यहां से 23 किलोमीटर दूर नेलांग है। यहां सीमा पर स्थित चौकियों पर आइटीबीपी के जवान तैनात हैं। 

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आइटीबीपी 35वीं वाहिनी के सेनानी अशोक बिष्ट ने बताया कि इस कठोर मौसम में भी आइटीबीपी के हिमवीर मुस्तैदी से अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हर वर्ष मौसम हिमवीरों की परीक्षा लेता है और वे खरे उतरते हैं। सीमा पर जवानों के लिए शीतकाल से पहले ही सभी आवश्यक सामाग्री का स्टॉक रख लिया जाता है। दूसरी ओर बीआरओ जोशीमठ से बदरीनाथ के बीच सड़क पर जमा बर्फ हटाने में जुटी है।

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