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जिस डाकघर में फिल्म अभिनेत्री मंदाकिनी करती थी खत का इंतजार, वो आज बदहाल

राम तेरी गंगा मैली की नायिका गंगा (मंदाकिनी) रोज नरेन (राजीव कपूर) के खत का जिस डाकघर पर इंतजार किया करती थी वो आज बदहाल है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 27 May 2019 08:12 PM (IST)Updated: Tue, 28 May 2019 07:18 AM (IST)
जिस डाकघर में फिल्म अभिनेत्री मंदाकिनी करती थी खत का इंतजार, वो आज बदहाल

उत्तरकाशी, मनोज राणा। अस्सी के दशक की सुपरहिट फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' का जिक्र आते ही हर्षिल की मनमोहक वादियां आंखों में तैरने लगती हैं। याद आता है समुद्रतल से 2620 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हर्षिल का वो डाकघर, जहां आकर फिल्म की नायिका गंगा (मंदाकिनी) रोज नरेन (राजीव कपूर) के खत का इंतजार किया करती थीं। भारत-चीन सीमा पर स्थित यह डाकघर आज भी सैलानियों को अपनी ओर खींच लेता है, लेकिन अब यह डाकघर जीर्णशीर्ण हो चुका है। 

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जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से करीब 83 किमी दूर और गंगोत्री धाम से 25 किमी पहले भागीरथी नदी के तट पर बसा हर्षिल कस्बा सैलानियों के आर्कषण का केंद्र है। इस कस्बे के छोटे से भू-भाग में नदी, नाले व जल प्रपातों की भरमार है। यहां भागीरथी नदी शांत वेग से बहती है। देवदार के सघन वृक्षों की शीतल छांव गंगोत्री जाने वाले हर यात्री को यहां खींच लाती है। हर्षिल की यही सम्मोहन अस्सी के दशक में फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' की शूटिंग के लिए प्रसिद्ध निर्देशक राजकपूर को यहां खींच लाया था। फिल्म की 50 फीसद शूटिंग हर्षिल की खूबसूरत वादियों में ही हुई। 

फिल्म में अभिनेत्री मंदाकिनी ने गंगा और अभिनेता राजीव कपूर ने नरेन की भूमिका निभाई थी। फिल्म के एक दृश्य में नरेन गंगाजल लेने गंगोत्री पहुंचता है। हर्षिल में उनकी मुलाकात स्थानीय युवती गंगा से होती है और दोनों के बीच प्यार के अंकुर फूट पड़ते हैं। कुछ दिन बाद नरेन गंगा को अकेला छोड़ मुंबई चला जाता है। लेकिन, साथ में यह भरोसा दिलाता है कि उसे खत भेजता रहेगा। जहां गंगा रोज हर्षिल के डाकघर में आकर नरेन के खत का इंतजार करती थी। वर्षों से संचालित यह सीमांत डाकघर आज भी फिल्म के इस हृदयस्पर्शी दृश्य की याद दिलाता है। 

इन दिनों भी डाकघर सैलानियों के आर्कषण का केंद्र बना हुआ हैं। लेकिन, अफसोस कि कई वर्षों से जीर्ण-शीर्ण बना यह डाकघर अब विलुप्त होने के कगार पर है। वर्ष 2018 में जिला प्रशासन ने हर्षिल में जीर्ण-शीर्ण हो रहे इस डाकघर को अधिक खूबसूरत बनाने की योजना बनाई थी। लेकिन, आज तक इस दिशा में कोई कारगर पहल नहीं हो पाई।

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि डाकघर भवन को संरक्षित करने में भवन के मालिकाना हक को लेकर समस्या बनी हुई है। यह भवन निजी संपत्ति है। इस भवन को हैरिटेज घोषित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए संस्कृति विभाग से बातचीत की जा रही है।

अभिनेता विवेक ओबरॉय भी हुए इस डाकघर के मुरीद

इसी वर्ष मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक की शूटिंग के लिए अभिनेता विवेक ओबरॉय हर्षिल पहुंचे थे। फिल्म 'राम तेरी गंगा मैलीजिस डाकघर पर मंदाकिनी करती थी खत का इंतजार, वो आज बदहाल को देखने और उसमें हर्षिल के डाकघर की शूटिंग उन्हें यहां खींच लाई। डाकघर को देख विवेक ओबरॉय खुद को नहीं रोक पाए और उन्होंने इस डाकघर के साथ जमकर तस्वीरें उतारीं।

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