पहली बार बस गांव पहुंचने पर ग्रामीणों के खिले चेहरे
मोरी के गडूगाड पट्टी बिगसारी गांव तक शनिवार को पहली बार कलासी तोक से आगे बस पहुंचने पर ग्रामीणों ने खुशियां मनाई। अभी तक बिगसारी के ग्रामीणों को खरसाड़ी कलासी से केदारगंगा को पार कर गांव तक छह किमी पैदल चलकर बिगसारी पहुंचना पड़ता था।

संवाद सूत्र, पुरोला: मोरी के गडूगाड पट्टी बिगसारी गांव तक शनिवार को पहली बार कलासी तोक से आगे बस पहुंचने पर ग्रामीणों ने खुशियां मनाई। अभी तक बिगसारी के ग्रामीणों को खरसाड़ी कलासी से केदारगंगा को पार कर गांव तक छह किमी पैदल चलकर बिगसारी पहुंचना पड़ता था।
खरसाड़ी से आगे तीन किमी कलासी तोक तक 2015-16 में मोटर मार्ग निर्माण हो गया था। वहीं 375 परिवारों के गांव बिगसारी के लिए कलासी से आगे छह किमी सड़क निर्माण पीएमजीएसवाई ने 2019-20 में शुरू कर फरवरी 2022 में पूरा किया। शनिवार को दर्जनों ग्रामीणों के साथ बस का ट्रायल गांव तक किया। बस गांव में पहुंची तो गांव के बच्चों, महिलाओं, वृद्धों के चेहरे बस को देखकर खिल उठे। मोरी क्षेत्र के आधा दर्जन गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने को लेकर शासन ने 2011 में दर्जनों सड़कों को प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत स्वीकृति दी। जिसमें खरसाड़ी-कलासी -बिगसारी मार्ग भी था। कार्यदायी संस्था के रूप में पीएमजीएसवाई ने अप्रैल 2020 में कलासी से आगे सड़क निमार्ण शुरू किया। अब सड़क निर्माण का कार्य पूरा भी कर दिया गया है। शनिवार को पीएमजीएसवाई ने कलासी से बिगसारी तक छह किमी बस से बाकायदा ट्रायल कर गांव तक पहुंचाई गई। जिसमें दर्जन ग्रामीणों ने भी सफर कर किया तथा पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को स्वागत किया। पीएमजीएसवाई कनिष्ठ अभियंता दिनेश नौटियाल ने बताया कि मैंद्रथ से भंकवाड तक प्रथम फेस कार्य पूरा कर गांव तक बस ट्रायल सफल रहा है। द्वितीय फेस में डामरीकरण का प्राकलन शासन को भेजा गया है। बस ट्रायल के दौरान पीएमजीएसवाई सहायक अभियंता सुभाष दौरियाल, अपर सहायक अभियंता प्रमोद निराला, कनिष्ठ अभियंता अंकुर पाल तथा ग्रामीण राजेंद्र प्रसाद तिवारी, सुमन डोभाल, निलांबर डोभाल आदि मौजूद थे।
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