Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तरकाशी हादसा: टनल में फंसे हैं 36 मजदूर, 30 मीटर हिस्सा मलबे से पटा, पाइप से पहुंचाई जा रही है ऑक्सीजन

    By Jagran NewsEdited By: Nitesh Srivastava
    Updated: Sun, 12 Nov 2023 01:43 PM (IST)

    Uttarkashi Tunnel उत्तराखंड के उत्तरकाशी में दिवाली के दिन एक बड़ा हादसा हो गया है। उत्तरकाशी में सिल्क्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक ह ...और पढ़ें

    Hero Image
    Uttarkashi: सुरंग में तेजी से चल रहा है रात और बचाव कार्य

    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में दिवाली के दिन एक बड़ा हादसा हो गया है। उत्तरकाशी में सिल्क्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह गया है।

    एसपी अर्पण यदुवंशी के अनुसार टनल में 36 लोग फंसे हैं। टनल का करीब 30 मीटर हिस्सा मलबे से पटा हुआ है। इसके आगे सुरंग सही स्थिति में है। जहां मजदूर फंसे है, अभी वहां ऑक्सीजन उपलब्ध है, बाहर से पाइप डालकर ऑक्सीजन की आपूर्ति के प्रयास किये जा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने बताया कि जहां पर टनल मलबे से बंद हो रखी है, उससे कुछ दूरी पर पहाड़ी को ड्रिल कर रास्ता बनाने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए टीएचडीसी से मदद ली जा रही है, उसके पास ऐसी मशीन उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि टनल में फंसे श्रमिकों से अब तक संपर्क नहीं हो पाया है।

    NHDCL के पूर्व प्रबंधक ने बताया कि ब्रहम्खाल-पोलगांव निर्माणाधीन रोड टनल जो सिलक्यार से लगभग 2340 मीटर निर्माण की गयी है के सिलक्यार की तरफ से टनल के 270 मीटर भाग के पास 30 मीटर क्षेत्र में मलवा आने के कारण टनल के अन्दर की ओर लगभग 35-40 मजदूर फंसे हैं।

    शिफ्ट चेंजिंग के दौरान हुआ हादसा

    रात्रि शिफ्ट वाले श्रमिक टनल से बाहर आ रहे थे, अगली शिफ्ट वाले भीतर जा रहे थे। टनल के मुख्य द्वार से करीब 300 मीटर दूरी पर ऊपरी हिस्से से मलबा आने से टनल बंद हो गयी। यहां से करीब 2700 मीटर भीतर 40 से 50 मजदूर काम कर रहे थे।

    कार्यस्थल तक ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए डाली गई लाइन भी मलबे से ध्वस्त हो गयी। हालांकि परियोजना के अधिकारी भीतर पर्याप्त मात्रा में पानी और ऑक्सीजन उपलब्ध होने का दावा कर रहे हैं।

    फंसे मजदूरों को बाहर निकालने का एकमात्र विकल्प टनल से मलबा हटाना ही है। बताया जा रहा है कि जितना मलबा हटाया जा रहा है, उससे अधिक मलबा टनल के ऊपरी तरफ से आ जा रहा है। जिस जगह टनल में ऊपरी तरफ से मलबा आ रहा है, वहां कठोर चट्टान (हार्ड रॉक) नहीं है।

    आलवेदर रोड प्रोजेक्ट के अंतर्गत हो रहा है इस सुरंग का निर्माण

    इस प्रोजेक्ट की यह सबसे लंबी (साढ़े चार किलोमीटर ) डबल लेन सड़क सुरंग है। इसका करीब चार किलोमीटर निर्माण हो गया है। सुरंग के निर्माण में मजदूर दिन-रात जुटे रहते हैं। फरवरी 2024 तक इसकी खोदाई पूरी करने का लक्ष्य है।

    यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा और जंगल चट्टी के बीच 4.5 किलोमीटर लंबी इस अत्याधुनिक सुरंग के निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच की दूरी 26 किमी कम हो जाएगी।

    यह सुरंग करीब 853 करोड़ की लागत से बन रही है। राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) की देखरेख में डबल लेन सुरंग देश की पहली अत्याधुनिक सुरंग न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) से बनाई जा रही है। नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी ने इसका निर्माण जनवरी, 2019 में शुरू किया था।