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    VIDEO: उत्‍तरकाशी में ग्रामीणों ने लकड़ी की बल्लियां डालकर तैयार की कच्ची पुलिया, जान जोखिम में डालकर कर रहे आवाजाही

    By Edited By:
    Updated: Mon, 10 Aug 2020 09:13 PM (IST)

    उत्‍तरकाशी जिले के पुरोला क्षेत्र के मोरी ब्लॉक में हलारा गदेरे के पास रविवार को ग्रामीणों ने आवाजाही के लिए लकड़ी की बल्लियां डालकर कच्ची पुलिया तैया ...और पढ़ें

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    VIDEO: उत्‍तरकाशी में ग्रामीणों ने लकड़ी की बल्लियां डालकर तैयार की कच्ची पुलिया, जान जोखिम में डालकर कर रहे आवाजाही

    उत्‍तरकाशी, जेएनएन। उत्‍तरकाशी जिले के पुरोला क्षेत्र के मोरी ब्लॉक में हरकीदून घाटी के चार गांवों को जोड़ने वाले मोटर मार्ग पर हलारा गदेरे (बरसाती नाले) के पास रविवार को ग्रामीणों ने आवाजाही के लिए लकड़ी की बल्लियां डालकर कच्ची पुलिया तैयार की। बीते बुधवार को गदेरे में आए उफान में यहां बनाई गई पक्की पुलिया बह गई थी। जिसके कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। 

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    मोरी ब्लॉक के प्रमुख एवं गंगाड़ गांव निवासी बचन पंवार ने बताया कि हरकीदून घाटी के ओसला, गंगाड़, ढाटमीर और पंवाणी को जोड़ने वाले मार्ग पर पुलिया बहने से दो दिनों तक तो आवाजाही पूरी तरह से ठप रही। गदेरों में पानी कम होने के बाद ग्रामीणों ने लकड़ी की बल्लियां डालकर किसी तरह से रास्ता बनाया है। कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष राजपाल पंवार का कहना है कि फिर से उफान आएगा तो लकड़ी की बल्लियां बहने की आशंका है। इसके अलावा वृद्ध, बीमार, बच्चों और महिलाओं का बल्लियों के सहारे गदेरा पार करना खतरे से खाली नहीं है। यहां पर तत्काल पुलिया निर्माण की आवश्यकता है। 

    गोविंद वन्य जीव विहार नैटवाड़, उत्तरकाशी के उपनिदेशक सुबोध काला ने बताया कि कुछ दिन पहले हरकीदून घाटी के सांकरी-तालुका क्षेत्र में मूसलाधार बारिश हुई है। हलारा के पास पुलिया बहने से हल्का वाहन मोटर मार्ग बंद है। यह मार्ग वन क्षेत्र में है। पिछले दो दिनों से जल स्तर कम हुआ है। इसलिए मार्ग खोलने के लिए दीवार का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। 

    #WeatherUpdate ये नजारा है उत्‍तरकाशी जिले के पुरोला क्षेत्र के मोरी ब्लॉक का। चार गांवों को जोड़ने वाले मोटर मार्ग पर हलारा गदेरे  के पास ग्रामीणों ने आवाजाही के लिए लकड़ी की बल्लियां डालकर कच्ची पुलिया तैयार की।

    11 जिंदगी लील चुका पनियाली गदेरा फिर उफान पर

    कोटद्वार में घनी आबादी क्षेत्र से गुजर रहा पनियाली गदेरा रविवार को एक बार फिर उफान पर आ गया। जिससे उससे सटी बस्तियों में रहने वाले लोग दहशत में आ गए। पिछले तीन वर्षों से प्रतिवर्ष बरसात में पनियाली गदेरा तांडव मचा रहा है और इस दौरान यह 11 जिंदगी लील चुका है। इसके पीछे लोग और प्रशासन दोनों ही जिम्मेदार हैं। क्योंकि प्रशासन की नाक के नीचे ही इस गदेरे की जमीन पर अतिक्रमण हो रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि प्रशासन भी मानता है कि गदेरे में अतिक्रमण है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर प्रशासन आज तक मात्र चिह्निकरण ही कर पाया है। प्रशासन की ओर से पिछले दो वर्षों में पनियाली गदेरे में 54 अतिक्रमण चिह्नित किए गए। 

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