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    Uttarakhand: उत्तरकाशी के बड़कोट में भीषण अग्निकांड, पांच परिवार हुए बेघर

    Updated: Fri, 13 Dec 2024 11:49 AM (IST)

    उत्तरकाशी के बड़कोट इलाके में देर रात भीषण आग लग गई। एक मंदिर के पास लगी आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और इसमें सात मकान और पांच से ज्यादा दुकान जलकर खाक हो गईं। स्थानीय लोगों ने पानी भरकर आग को बुझाने का प्रयास किया लेकिन उनके प्रयास फेल साबित हुए। लोग फायर ब्रिगेड से संपर्क करते रहे करीब दो घंटे के बाद फायर ब्रिगेड पहुंची।

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    बड़कोट में लगी भीषण आग से कई मकान और दुकान जलकर हुए खाक (सांकेतिक तस्वीर)

    संवाद सूत्र जागरण बड़कोट। तहसील मुख्यालय बडकोट से 500 मीटर की दूरी पर बड़कोट के पुराने बाजार में दस कमरों का दो मंजिला मकान और पांच दुकानें जलकर खाक हुई। मकान में रहने वाले पांच परिवारों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। आग की लपटे इतनी विकराल थी कि आसपास के दस से अधिक घर व दुकानों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। पुलिस और स्थानीय लोगों ने दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। अग्निशमन विभाग के वाहन में तकनीकी खराबी आने के कारण वाहन स्टार्ट नहीं हो पाया।

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    आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। पुराना बाजार में लक्ष्मीनारायण मंदिर के निकट के इस मकान में राकेश भंडारी, अरविंद भंडारी, रीना भंडारी, कल्याण सिंह, चंदपाल सिंह को दस कमरों का दो मंजिला मकान था। इस मकान में रात करीब पौने तीन बजे आग लगी। जिसने एकदम विकराल रूप ले लिया। प्रभावित परिवारों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई । घटना स्थल पर अफरा-तफरी का माहौल दिखा। आग की लपटें आसपास के मकानों तक पहुंचे। आग तब विकराल हुई जब एक के बाद एक चार सिलेंडर के फटने का विस्फोट हुआ।

    आग से पूरा मकान और पांच दुकानें जलकर खाक हुई। आग बुझाने के लिए स्थानीय लोगों ने अपने घरों की टंकियों से पानी को बाल्टियों के जरिये पहुंचाया। पुलिस भी पूरी मशक्कत के साथ मौके पर जुटी रही। जब आग पर काबू पाया गया। तब पुरोला से अग्निशमन विभाग की गाड़ी पहुंची। प्रभावित परिवार केवल बदन के कपड़ों और स्वयं को भी बचा सके। खाद्यान्न, बर्तन, नगदी, ज्वैलरी, कपड़े सभी जलकर खाक हुए। इस घटना से प्रभावित परिवार सदमे की स्थिति में है। प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवारों को दो-दो कंबल और पांच-पांच हजार की सहायता राशि दी गई।

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    सूर्यपाल रावत ने दिया सूझबूझ का परिचय

    उत्तरकाशी : आगजनी की इस घटना में सुमित रावत के मकान को भी नुकसान पहुंचा। सुमित रावत ने बताया कि वह गहरी नींद में थे, अचानक से कुछ आवाज उन्हें सुनाई दी, तो घर निकट पास के पास के मकान से आग लपटे उठ रही थी। फिर उन्होंने आसपास के लोगों को जगाया। सुमित रावत के ही पड़ोसी सूर्यपाल रावत ने सूझबूझ का परिचय देते हुए ऊर्जा निगम में तनात अपने रिश्तेदार फकीर चंद को सूचना दी और बिजली आपूर्ति बंद कराई और थानाध्यक्ष दीपक कठैत को भी सूचित किया।

    आग की लपटों से बिजली की तार, आसपास के घरों के मीटर भी जले। आसपास के घरों की चौखट भी आग पकड़ने लगी। लेकिन, लोग दूर-दूर से बाल्टियों में भरकर आग बुझाने को पानी डालते रहे। जिससे आग अन्य घरों में फैलने से बची। रेडक्रॉस के राज्य प्रतिनिधि ओंकार बहुगुणा ने भी आग बुझाने में पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद की। साथ प्रभावित परिवार को सहायता दिलाने के लिए रेड क्रॉस के चेयरमैन को प्रस्ताव भेजा।

    भयानक था सिलेंडरों का विस्फोट

    उत्तरकाशी : प्रत्यक्षदर्शी प्रभात नौटियाल ने कहा कि आग का मंजर इतना भयावह था कि लगातार चार सिलेंडरों के विस्फोट की आवाज पौंटी, सुनाल्डी तक भी सुनाई दी। चंद्रपाल सिंह, देवेश रतूड़ी सहित अन्य पांच व्यक्तियों की दुकाने व सामान पूरी तरह से जलकर खाक हुआ। सूर्यपाल रावत, यशपाल सिंह, महिपाल सिंह, सुखदेव चौहान, कल्याण सिंह रावत, कमलेश्वर प्रसाद नौटियाल आदि के भवनों को भी खासा नुकसान पहुंचा।

    बड़कोट जलता रहा और अधिकारी सोते रहे

    बडकोट : स्थानीय सुनील ने बताया कि उन्होंने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित आला अधिकारियों को घटना की सूचना और त्वरित कार्यवाही की मांग को लेकर फोन किया। परंतु अधिकारियों का फोन रिसीव नहीं हुआ। स्थानीय निवासी नितिन ने बताया कि जब आग लगी थी तो उन्होंने ऊर्जा निगम के उपखंड अधिकारी के ऑफिसियल नंबर पर काल किया तो कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला।

    स्थानीय निवासी अजय रावत ने आरोप लगाया कि जिले का आपदा प्रबंधन तंत्र और तहसील सहित जिले के अधिकारी पूरी तरह से लापरवाह है। तहसील मुख्यालय से उपजिलाधिकारी, तहसीलदार रात के समय में घटना का जायजा लेने नहीं पहुंचे। सुबह सात बजे के दौरान राजस्व विभाग के अधिकारी घटना स्थल पर नजर आए।

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