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    रात को दीपावली और दिन में मनाया दशहरा

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 03 Mar 2022 10:22 PM (IST)

    जाड़ भोटिया समुदाय का लोसर पर्व शुरू हो गया है। पर्व के तहत बीते बुधवार की रात को जाड़ भोटिया समुदाय ने डुंडा ब्लाक के वीरपुर गांव में मशाल जुलूस निकालकर दीपावली मनाई गई।

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    रात को दीपावली और दिन में मनाया दशहरा

    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जाड़ भोटिया समुदाय का लोसर पर्व शुरू हो गया है। पर्व के तहत बीते बुधवार की रात को जाड़ भोटिया समुदाय ने डुंडा ब्लाक के वीरपुर गांव में मशाल जुलूस निकालकर दीपावली मनाई गई। जबकि गुरुवार को गांव में जौ की हरियाली काटकर दशहरा और नया साल मनाया गया। पर्व का समापन पांच मार्च को आटे की होली के साथ होगा।

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    प्रत्येक वर्ष माघ माह की अमावस्या को नए वर्ष के रूप में शुरू होने वाले जाड़ भोटिया समुदाय के ग्रामीणों का लोसर पर्व नए वर्ष के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। सभी एक दूसरे को नए साल की शुभाकामनाएं देते हैं। बगोरी गांव के पूर्व प्रधान भवान सिंह राणा ने बताया कि दो मार्च को अमावस्या से लोसर पर्व शुरू हुआ। पहली रात को चीड़ के छिलकों को लाकर मशाल जलाया तथा क्षेत्र के खुशहाली एवं सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना की। गुरुवार को दशहरे के त्योहार के रूप में ग्रामीणों ने चावल से बने प्रसाद (देवभोग) को देवताओं को चढ़ाया और आशीर्वाद प्राप्त किया। लोसर मेले के अंतिम दिन ग्राम देवी रिगोली देवी की पूजा अर्चना करते हैं। साथ ही ढ़ोल दमाऊं के साथ ही पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ ही पारंपरिक वेशभूषा एवं गहनों से सजधज कर नृत्य करते करते हैं। वीरपुर के पूर्व प्रधान नारायण सिंह नेगी ने कहा कि लोसर को मनाने की यह पौराणिक परंपरा है, जो आज भी निरंतर जारी है। उनका प्रयास है कि यह परंपरा आगे भी जारी रहे तथा अपनी इस पौराणिक एवं अनूठी संस्कृति को जीवंत बनाए रखने के साथ-साथ अपनी आने वाली पीढ़ी को भी इसे सौंप सकें।