Dharali disaster: उत्तरकाशी भागीरथी नदी में मिला मानव अंग, डीएनए परीक्षण से होगी पहचान
उत्तरकाशी में भागीरथी नदी के किनारे स्यूंणा गांव के पास एक मानव अंग (पैर का पंजा) मिला है। पुलिस ने इसे मोर्चरी में रखवाकर डीएनए जांच की तैयारी शुरू कर दी है। यह अंग हर्षिल-धराली आपदा में लापता हुए लोगों में से किसी का हो सकता है जिसमें 69 लोग लापता हो गए थे। पुलिस का कहना है कि दावा करने पर डीएनए मिलान कराया जाएगा।

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। हर्षिल-धराली आपदा के करीब एक माह बाद भागीरथी नदी किनारे स्यूंणा गांव के पास से एक मानव अंग(पैर का पंजा) बरामद किया गया है। मनेरी थाना पुलिस ने मानव अंग को अज्ञात शव के नियमानुसार 72 घंटे के लिए जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है आपदा में हुए लापता लोगों में से किसी का स्वजन उक्त मानव अंग को लेकर अपना दावा करता है तो तब फारेंसिक साइंस लैब देहरादून में दोनों के डीएनए सैंपल का मिलान कराया जाएगा।
बता दें कि बीते पांच अगस्त को धराली में खीरगंगा नदी में आये सैलाब और तेलगाड में आये उफान के चलते कुल 69 लोग लापता हुए थे। इनमें सेना के नौ जवान शामिल थे। इनमें से धराली में एक ग्रामीण व झाला के पास एक सेना के जवान का ही शव बरामद हुआ है।
वहीं, आपदा के बाद 11 अगस्त को डबरानी में गंगोत्री हाईवे की बहाली के काम में लगी एक जेसीबी का चालक मशीन समेत नदी में जा गिरा था, जिसका कुछ पता नहीं चल पाया था। अब आपदा के करीब एक माह बाद हर्षिल-धराली से करीब 70 किमी आगे भागीरथी नदी किनारे गंगोरी के निकट स्यूंणा गांव के पास एक मानव अंग मिला है।
मनेरी थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर मनोज असवाल ने बताया कि बीते शनिवार शाम को स्यूंणा गांव के एक व्यक्ति ने 112 पर फोन कर मानव अंग की सूचना दी, जो कि एक पैर का पंजा है।
बताया कि गली हुई हालत में मिले इस पंजे में हड्डियां भी नजर आ रही हैं, जिसे अज्ञात शव के नियमानुसार 72 घंटे के लिए जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है।
बताया कि यदि कोई उक्त पंजे को लेकर कहता है कि यह आपदा में लापता उसके किसी स्वजन का है तो उसकी व मानव अंग के डीएनए का परीक्षण एफएसएल लैब देहरादून में कराया जाएगा। बताया कि अभी तक सेना के मानव अंग को लेकर थाने में संपर्क करने की जानकारी मिली है।
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