गंगोत्री हाईवे पर चुंगी बड़ेथी से तेखला तक जल्द शुरू होगा चौड़ीकरण कार्य, फॉरेस्ट क्लीयरेंस की मंजूरी बाकि
गंगोत्री हाईवे के चुंगी बड़ेथी से तेखला तक चौड़ीकरण का काम जल्द शुरू होने वाला है। बीआरओ को वन मंजूरी का इंतजार है। इस चरण में हाईवे के संकरे मोड़ों को चौड़ा किया जाएगा। इससे शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या से भी काफी हद तक निजात मिल जाएगी। बीआरओ विवेक श्रीवास्तव बताया पांचवें चरण में चुंगी बड़ेथी से तेखला तक चौड़ीकरण फरवरी अंत तक शुरू होने की उम्मीद है।

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। शहर से गुजरने वाले सामरिक महत्व के गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण का लंबे समय से इंतजार कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। बीआरओ के अधिकारियों की माने तो यह कार्य इस साल चारधाम यात्रा प्रारंभ होने से पहले शुरू हो सकता है, जिसमें हाईवे के संकरे मोड़ों को चौड़ा किया जाएगा। इससे शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या से भी काफी हद तक निजात मिल जाएगी।
बता दें कि चीन सीमा से लगे उत्तरकाशी जनपद में गंगोत्री हाईवे सामरिक व चारधाम यात्रा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी चारधाम सड़क परियोजना में हाईवे का उत्तरकाशी के चुंगी बड़ेथी ओपन टनल से लेकर गंगोत्री धाम के निकट भैरोंघाटी तक पांच चरणों में चौड़ीकरण प्रस्तावित है, लेकिन अभी तक विभिन्न कारणों से पांच में से किसी भी चरण में चौड़ीकरण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
अब पांचवें व अंतिम चरण चुंगी बड़ेथी ओपन टनल के पास से तेखला तक चौड़ीकरण कार्य शुरू होने की उम्मीद जगी है। बीआरओ के कमांडर विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि इस चरण में पहले ही चौड़ीकरण कार्य के लिए निर्माण कंपनी का चयन हो चुका है।
वहीं, अब वन मंजूरी संबंधी पत्रावली भी नोडल अधिकारी तक पहुंच गई है। इस संबंध में एक बैठक होनी है। इसके अलावा भूमि अधिग्रहण के लिए भी संशोधित एस्टीमेट सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय पहुंच चुका है। दोनों को स्वीकृति मिलते ही फरवरी अंत या मार्च में चौड़ीकरण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
यात्रा सीजन के पहले जितनी कटिंग जरूरी, उतनी करेंगे
बीआरओ के अनुसार यात्रा सीजन से पहले चौड़ीकरण शुरू होने पर जहां-जहां संकरे स्थान हैं, वहां कटिंग कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद यात्रा सीजन में जिन भवनों को तोड़ना है, उन्हें तोड़ा जाएगा। यात्रा सीजन खत्म होने पर दोबारा कटिंग कार्य चालू कर दिया जाएगा।
इस चरण में है यह स्थिति
पहला चरण (भैरोंघाटी से झाला तक) : इस चरण में देवदार के पेड़ों के चौड़ीकरण की जद में आने पर पर्यावरणविद् चिंता जा चुके हैं। साथ ही बीआरओ पर भी सवाल उठे हैं। बीआरओ ने 12 मीटर की जद में आने वाले पेड़ों की दोबारा गणना की है। इस चरण में वन मंजूरी का प्रस्ताव दोबारा नोडल अधिकारी तक पहुंचने की उम्मीद है।
दूसरा चरण (झाला से सुक्की प्रथम मोड़): इसी चरण में सुक्की बाइपास का निर्माण प्रस्तावित है, जिसका क्षेत्र के होटल व्यवसायी व काश्तकार विरोध कर रहे हैं। इस संबंध में हाल में हितधारकों की प्रशासन के साथ बैठक भी हुई। बीआरओ का कहना है कि हितधारकों की मांग से परिवहन मंत्रालय को अवगत कराया गया है।
तीसरा चरण (सुक्की प्रथम मोड़ से हिना तक) : इस चरण में सुक्की प्रथम मोड़ से हिना तक हाईवे का चौड़ीकरण होगा, बीआरओ का कहना है कि इसके लिए डीपीआर निर्माण की प्रक्रिया गतिमान है।
चौथा चरण (हिना से तेखला बाइपास) : प्रस्तावित बाईपास निर्माण के चलते गंगोरी व नेताला क्षेत्र कट रहे हैं। इस कारण स्थानीय लोग व होटल व्यवसायी इस बाईपास का भी विरोध कर रहे हैं। बाईपास निर्माण की जगह पुराने हाईवे को ही यथावत रखने की मांग की जा रही है।
पांचवां चरण (तेखला से चुंगी बड़ेथी ओपन टनल तक) : जिला मुख्यालय से गुजरने वाले इस हिस्से में बीआरओ सबसे पहले यहां चौड़ीकरण शुरू होने की उम्मीद जा रहा है। बीआरओ का कहना है कि वन मंजूरी मिलते ही इस चरण में चौड़ीकरण शुरू हो जाएगा।
कमांडर बीआरओ, विवेक श्रीवास्तव बताया
पांचवें चरण में चुंगी बड़ेथी से तेखला तक चौड़ीकरण फरवरी अंत व मार्च पहले सप्ताह में शुरू होने की उम्मीद है। इस चरण में निविदा आवंटन के साथ निर्माण कंपनी का चयन हो चुका है। फारेस्ट क्लीयरेंस को लेकर बैठक होनी है, जिसमें स्वीकृति मिलते ही चौड़ीकरण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
चारधाम सड़क परियोजना केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना है। इसके तहत चारधामों की सड़कों को बेहतर सड़क नेटवर्क से जोड़ने के लिए डबल लेन किया जा रहा है। परियोजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2016 में किया था, जहां पहले करीब उत्तरकाशी से गंगोत्री तक 18 से 20 मीटर तक सड़क चौड़ीकरण प्रस्तावित था। वहीं, अब 12 मीटर चौड़ीकरण प्रस्तावित है। इस पूरी परियोजना की कुल लागत 12 हजार करोड़ रुपये है।
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