Uttarkashi: हर्षिल में अब भी झील में डूबा है गंगोत्री हाईवे, बहाली को मलबे का भरान जारी
उत्तरकाशी में हर्षिल-धराली के बीच झील बनने से गंगोत्री हाईवे का एक बड़ा हिस्सा डूब गया। BRO द्वारा राजमार्ग को बहाल करने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। मशीनों और डंपरों से मलबे को भरकर राजमार्ग को ऊपर उठाने का प्रयास किया जा रहा है। तेल गाड वाले क्षेत्र में ह्यूम पाइप बिछाने की योजना है ताकि पानी का प्रवाह बना रहे।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। हर्षिल-धराली के बीच बनी झील के कारण जलमग्न गंगोत्री हाईवे की बहाली को युद्धस्तर पर काम जारी है। बीआरओ की ओर से एक्सावेटर मशीन व डंपरों की मदद से हाईवे को करीब दो फीट तक ऊपर उठाने के लिए मलबे का भरान किया जा रहा है।
गुरुवार शाम तक यहां करीब 25 से 30 मीटर तक ही मलबे का भरान शेष रह गया था। अब तेल गाड वाले हिस्से में ह्यूम पाइप बिछाकर मलबे का भरान करने की योजना है, जिससे गाड का पानी भी ह्यूम पाइप के जरिए बहता रहे।
बीते पांच अगस्त को हर्षिल-धराली क्षेत्र में आई आपदा के दौरान तेलगाड में आई बाढ़ के साथ बहकर आए मलबे के कारण भागीरथी नदी का प्रवाह अवरुद्ध हो गया था। इस कारण यहां एक लंबी-चौड़ी झील का निर्माण हुआ, जिसमें चारधाम व सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण गंगोत्री हाईवे का करीब 100 मीटर से अधिक हिस्सा डूबा हुआ है। इस कारण हर्षिल से धराली व गंगोत्री धाम तक भी वाहनों की आवाजाही नहीं हो पा रही है।
बीते बुधवार से यहां बीआरओ ने झील में डूबे गंगोत्री हाईवे पर मलबे का भरान शुरू किया। गत बुधवार तक करीब 50 से 60 मीटर तक मलबा भरान किया गया। गुरुवार को भी यह क्रम जारी रहा। जानकारी के अनुसार यहां अब तेलगाड वाले हिस्से में ही करीब 25 से 30 मीटर तक ह्यूम पाइप बिछाकर मलबे का भरान शेष है, यह काम गुरुवार देर रात या शुक्रवार तक पूरा होने की उम्मीद है।
झील में डूब होने के कारण बाधित हाईवे बहाल होता है तो इससे धराली में भी लापता लोगों की खोजबीन सहित सेना के वाहनों की नेलांग घाटी तक आवाजाही बहाल हो जाएगी।
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