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    Uttarakhand News: नगर पालिका की लापरवाही से उद्गम वाले जिले में ही मैली हो रही गंगा, प्रदूषण नियंत्रण में विफलता

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 05:30 AM (IST)

    उत्तरकाशी में नगर पालिका की लापरवाही से गंगा नदी प्रदूषित हो रही है। तांबाखाणी सड़क पर जमा कचरा रिसकर नदी में जा रहा है। कचरे को रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं। जिला गंगा समिति ने उदासीनता जताई है, जबकि पालिका अध्यक्ष ने समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है।

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    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। नगर पालिका की लापरवाही से गंगा (भागीरथी) नदी अपने उद्गम वाले उत्तरकाशी जनपद में ही मैली हो रही है। यहां पालिका की ओर से तांबाखाणी सड़क पर डंप किए गए कचरे से हर दिन गंदगी रिस कर नदी तक पहुंच रही है।

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    साथ ही कचरा भी जोशियाड़ा बैराज की झील में समां रहा है। बावजूद इसके पालिका की ओर से गंदगी व कचरे को नदी क्षेत्र में जाने से रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं।

    दरअसल, जनपद मुख्यालय में नगर पालिका (बाड़ाहाट) ने पिछले करीब आठ सालों से तांबाखाणी सुरंग से लगी सड़क को कचरा डंपिंग स्थल बनाया हुआ है। वर्तमान समय में सुरंग के ज्ञानसू वाले मुहाने के पास भारी मात्रा में कचरा डंप किया गया है, जिसके नीचे जोशियाड़ा को जोड़ने वाली सड़क है और इस सड़क के नीचे गंगा नदी पर निर्मित है जोशियाड़ा झील।

    यहां कचरे के दबाव के चलते गत अगस्त में रेलिंग टूटने से तांबाखाणी सड़क पर डंप कचरा जोशियाड़ा मार्ग पर आ गिरा था, उसके बाद यहां काम चलाऊ व्यवस्था में कचरे को टिन की चादर खड़ी कर रोका गया है।

    हर दिन सड़े-गले कचरे से रिसता गंदा पानी नदी व बैराज झील तक पहुंच रहा है। इससे धार्मिक महत्व की गंगा नदी अपने उद्गम वाले जनपद में ही मैली हो रही है।

    वहीं, कचरा भी लगातार जोशियाड़ा मार्ग पर गिर रहा है। बावजूद इसके पालिका प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। जिला गंगा समिति के सदस्य व गंगा विचार मंच के प्रदेश संयोजक लोकेंद्र बिष्ट का कहना है कि गंगा स्वच्छता के प्रति सभी उदासीन हैं। गंगा स्वच्छता के नाम पर करोड़ों रुपये का बजट ठिकाने लगाया जा रहा है।

    यह समस्या बरसात में थी, वर्तमान में तो नहीं है। रेलिंग टूटने से जो कचरा गिरने की समस्या है, उसे रोकने के लिए रेलिंग लगाई जाएगी। गंगा नदी में गंदगी न जाए, यह सुनिश्चित किया जाएगा।

    -भूपेंद्र चौहान, अध्यक्ष, नगर पालिका उत्तरकाशी।