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    पीने के पानी से निकल रहे मेढक और कीड़े-मकौड़े

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 05 Jul 2022 03:00 AM (IST)

    जिला मुख्यालय के निकट मांडो गांव में दूषित पेयजल आपूर्ति हो रही है। इसको लेकर ग्रामीणों ने जल संस्थान के विरुद्ध कड़ा रोष व्यक्त किया है। ...और पढ़ें

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    पीने के पानी से निकल रहे मेढक और कीड़े-मकौड़े

    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जिला मुख्यालय के निकट मांडो गांव में दूषित पेयजल आपूर्ति हो रही है। इसको लेकर ग्रामीणों ने जल संस्थान के विरुद्ध कड़ा रोष व्यक्त किया है। ग्रामीणों ने कहा कि जल संस्थान की ओर से बिछाई गई पेयजल लाइन पर मिट्टीयुक्त पानी के साथ मरे हुए मेढक, कीडे़-मकौड़े भी आ रहे हैं। इस संबंध में पहले भी जल संस्थान के अधिकारियों को अवगत कराया है, लेकिन उसके बाद भी स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुचारू नहीं हुई है।

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    उत्तरकाशी जिला मुख्यालय के निकट मांडो गांव में पिछले साल बादल फटने से काफी नुकसान हुआ था। गांव को पेयजल आपूर्ति करने वाली पेयजल योजना भी ध्वस्त हुई। इस घटना को एक साल होने के बाद भी जल संस्थान ने मांडों गांव के आपदा प्रभावितों के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था नहीं की है। वर्षाकाल शुरू होते ही गांव में दूषित पेयजल आपूर्ति शुरू हो गई है। मांडों गांव के रामभजन भट्ट ने बताया कि मांडो गांव के आपदा प्रभावित परिवार इन दिनों दूषित पेयजल से परेशान हैं। दूषित पेयजल आपूर्ति होने के कारण ग्रामीणों को पानी छान कर और उबाल कर पीना पड़ रहा है। कई बार जल संस्थान को दूषित पेयजल के बारे में अवगत करा दिया है। स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुचारू नहीं की गई है। दूषित पेयजल से जलजनित बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता बीएस डोगरा ने कहा कि मांडो गांव में स्वच्छ पेयजल व्यवस्था के लिए ट्यूबवैल का निर्माण किया जा रहा है। दो माह के अंतराल में ट्यूबवैल तैयार हो जाएगा। इसके अलावा जिस योजना से ग्रामीणों को पेयजल आपूर्ति हो रही है, उस योजना के स्त्रोत पर फिल्टर भी लगाया गया और आपदा प्रभावित ग्रामीणों से पेयजल का बिल भी नहीं लिया जा रहा है।