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    Uttarakhand: घर-आंगन में जगमगा रही स्वावलंबी महिलाओं की मेहनत, 2023-24 में किया दस लाख का कारोबार

    Updated: Wed, 23 Oct 2024 06:26 PM (IST)

    National Rural Livelihood Mission उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में तुल्याड़ा मल्ली गांव की महिलाओं ने स्वरोजगार की अनोखी मिसाल पेश की है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के सहयोग से ये महिलाएं एलईडी लाइट्स झालर कन्सिल लाइट सोलर लाइट फोकस लाइट और ट्यूब लाइट बनाकर लाखों रुपये का कारोबार कर रही हैं। हम इन महिलाओं की सफलता की कहानी और उनके द्वारा अपनाए मॉडल के बारे में विस्तार से जानेंगे।

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    National Rural Livelihood Mission: महिलाओं के एक समूह ने स्वरोजगार की राह तलाशी है। Jagran

    शैलेंद्र गोदियाल, जागरण उत्तरकाशी। National Rural Livelihood Mission: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में तुल्याड़ा मल्ली गांव की महिलाओं के एक समूह ने स्वरोजगार की राह तलाशी है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के सहयोग से तुल्याड़ा की 10 महिलाएं एलईडी के साथ लड़ी, झालर, कन्सिल लाइट, सोलर लाइट, फोकस लाइट व ट्यूब लाइट बनाकर खूब लाभ अर्जित कर रही हैं।

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    इन दिनों ये महिलाएं दीपावली और सरस मेले के लिए सामान तैयार करने में जुटी हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में इन्होंने करीब दस लाख रुपये का कारोबार किया, जिसमें इन्हें पांच लाख रुपये का शुद्ध लाभ हुआ। जबकि, अप्रैल 2024 से लेकर सितंबर तक यह समूह आठ लाख रुपये का कारोबार कर चुका है।

    एनआरएलएम के तहत उत्तरकाशी में 15 दिन का प्रशिक्षण लिया

    जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 40 किमी दूर चिन्यालीसौड़ ब्लाक के तुल्याड़ा मल्ली गांव में कुछ महिलाओं ने अपर्णा स्वयं सहायता समूह का गठन कर वर्ष 2019 में एनआरएलएम के तहत उत्तरकाशी में 15 दिन का प्रशिक्षण लिया। इस दौरान उन्होंने एलईडी के साथ कन्सिल लाइट, सोलर लाइट, लड़ी, फोकस लाइट व ट्यूब लाइट बनाना भी सीखा। इनमें सरिता रमोला, शशि रमोला, रीना रमोला, निर्मला रमोला, अंजू रमोला, निर्मला पंवार, पुष्पा रावत, रेशमा रांगड़, कुमारी रमोला समेत 10 महिलाएं शामिल हैं।

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    प्रशिक्षण के बाद जब ये महिलाएं गांव लौटीं तो चौका-चूल्हा, खेती-किसानी व मवेशियों की देखभाल के साथ गांव में ही सामूहिक रूप से एलईडी बल्ब तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया। इसके लिए प्रशिक्षण देने वालों के जरिये दिल्ली से एलईडी बनाने के लिए सामान मंगवाया गया। एलईडी तैयार कर महिलाओं ने पहले अपने घरों में ही इन उत्पाद का उपयोग किया और फिर गांव में एलईडी बल्ब बेचे व पुराने खराब एलईडी बल्ब को सही किया।

    धीरे-धीरे उत्तरकाशी जिले के कई विभाग ने इन महिलाओं से एलईडी के लिए संपर्क करने लगे, जिन्हें अब तक 20 हजार से अधिक एलईडी बल्ब बेचे जा चुके हैं।

    महिलाओं की कार्यक्षमता और कार्यकुशलता देखते हुए उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने जनवरी 2021 में चिन्यालीसौड़ के आर्च ब्रिज पर लाइटिंग का कार्य भी इस समूह को सौंपा। आर्च ब्रिज की लाइटिंग के लिए समूह ने कच्चा माल दिल्ली से मंगवाया, जिससे लड़ियां और 60 से अधिक फोकस लाइट तैयार करने के बाद पुल की लाइटिंग की गई।

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    घर बैठे खूब लाभ अर्जित कर रही ये महिलाएं

    समूह से जुड़ी महिलाएं हर माह आठ से दस हजार रुपये की कमा रही हैं। साथ ही त्योहारी सीजन पर तुल्याड़ा के साथ कुमराड़ा और बदाणगांव की महिलाओं को भी रोजगार दे रही हैं।

    महिलाएं अब चिन्यालीसौड़ और उत्तरकाशी के इलेक्ट्रिकल व्यापारियों के लिए भी एलईडी के साथ कन्सिल लाइट, सोलर लाइट, लड़ी, फोकस लाइट व ट्यूब लाइट तैयार कर रही हैं। अपर्णा स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष सरिता रमोला ने बताया कि एनआरएलएम के तहत ब्लाक मुख्यालय चिन्यालीसौड़ में स्थायी रूप से एक स्टाल खोला गया है। लोग खरीदारी के लिए यहीं पहुंचते हैं।

    स्थानीय उत्पाद भी बेच रहा समूह

    एनआरएलएम के तहत स्थानीय दालें, लाल चावल, बासमती, सिलबटे में पिसा नमक, अचार, मंडुवा व झंगोरा सहित अन्य उत्पाद भी बेच रही हैं। विभिन्न मेलों में समूह एलईडी के साथ स्थानीय उत्पादों के स्टाल भी लगाता है। सरस मेला गुरुग्राम और सरस मेला कुरुक्षेत्र में भी इस समूह ने अपने स्टाल लगाए, जहां से अच्छी आमदनी भी हुई है। इस बार देहरादून सरस मेले का भी समूह को आमंत्रण मिला है।