चीन सीमा पर नेलांग-जादूंग गांव को बसाने की कवायद शुरू
वर्ष 1962 से वीरान पड़े चीन सीमा पर स्थित नेलांग और जादूंग गांव को बसाने की कवायद शुरू हो गई है। सोमवार को ग्रामीणों के साथ राजस्व व वन विभाग की टीम जादूंग गांव पहुंची। वहां राजस्व रिकार्ड के अनुसार ग्रामीणों की जमीन की पैमाइश की गई।

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: वर्ष 1962 से वीरान पड़े चीन सीमा पर स्थित नेलांग और जादूंग गांव को बसाने की कवायद शुरू हो गई है। सोमवार को ग्रामीणों के साथ राजस्व व वन विभाग की टीम जादूंग गांव पहुंची। वहां राजस्व रिकार्ड के अनुसार ग्रामीणों की जमीन की पैमाइश की गई। तहसीलदार के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम मंगलवार को भी जादूंग में भूमि की पैमाइश करेगी। नेलांग गांव में भूमि की पैमाइश अप्रैल में होनी है। इससे उम्मीद जगी है कि नेलांग और जादूंग गांव के ग्रामीणों को फिर से उनके मूल गांव में बसाया जा सकेगा। नेलांग-जादूंग में पर्यटन गतिविधियां संचालित होने के साथ पर्यटक भी ग्रामीणों के होम स्टे में ठहर सकेंगे।
वर्ष 1962 से पहले उत्तरकाशी जिले में चीन सीमा पर स्थित नेलांग गांव में करीब 40 परिवार और जादूंग गांव में करीब 30 परिवार निवास करते थे। उनका मुख्य व्यवसाय कृषि एवं भेड़पालन था। 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान सेना ने नेलांग और जादूंग को खाली करा दिया। तब इन गांवों के ग्रामीणों ने अपने रिश्तेदारों के यहां बगोरी और डुंडा में शरण ली। लेकिन, तब से लेकर अब तक प्रभावित ग्रामीणों को न तो विस्थापित किया गया, न दोबारा गांव में बसने की ही अनुमति दी गई।
बगोरी के पूर्व प्रधान भवान सिंह राणा ने इसी वर्ष छह जनवरी को प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। उसमें उन्होंने नेलांग-जादूंग गांव के मूल निवासियों को फिर से गांव में बसाने की मांग की। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को इस बारे में कार्यवाही का आदेश दिया। इसी कड़ी में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देश पर नेलांग व जादूंग गांव के संयुक्त सर्वे के लिए टीम जादूंग पहुंची। इस टीम के साथ जादूंग के 18 मूल निवासी भी पहुंचे। नेलांग-जादूंग के मूल निवासी एवं बगोरी के पूर्व प्रधान भवान सिंह राणा कहते हैं कि सरकारी स्तर पर लंबे समय बाद फिर से नेलांग-जादूंग के मूल निवासियों को वहां बसाने की कवायद शुरू हुई। इस घड़ी को वे बीते 60 सालों से इंतजार कर रहे थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।