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    धराली आपदा के पीड़ित तीन माह बाद भी बेघर, पुनर्वास व मुआवजे को लेकर कार्यवाही नहीं हो पाई है शुरू

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 05:32 AM (IST)

    उत्तरकाशी के धराली में विनाशकारी आपदा के तीन महीने बाद भी पुनर्वास और मुआवजे का काम शुरू नहीं हुआ है। पीड़ितों ने सरकार से जल्द कार्यवाही शुरू करने की मांग की है। 5 अगस्त को खीरगंगा नदी में आई बाढ़ से धराली कस्बा पूरी तरह तबाह हो गया था, जिससे कई होटल और दुकानें मलबे में दब गईं। सरकार ने तात्कालिक राहत दी, लेकिन पुनर्वास और मुआवजे का वितरण अभी तक शुरू नहीं हो पाया है, जिससे प्रभावितों में निराशा है।

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    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। धराली में आई विनाशकारी आपदा को बुधवार को तीन माह का समय पूरा हो गया। बावजूद इसके यहां पुनर्वास व मुआवजे को लेकर कार्यवाही शुरू नहीं हो पाई है। प्रभावितों ने सरकार से शीघ्र पुनर्वास व मुआवजा वितरण को लेकर कार्यवाही शुरू करने की मांग की है।

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    बता दें कि बीते पांच अगस्त को खीरगंगा नदी में आई विनाशकारी बाढ़ के चलते धराली कस्बा पूरी तरह नेस्तनाबूद हो गया था। आपदा में कई आलीशान होटल व दुकानें मलबे में दब गए। सरकार ने प्रभावितों को तात्कालिक राहत के तौर पर पांच-पांच लाख की धनराशि वितरित की।

    इसके बाद पुनर्वास के लिए शासन स्तर पर गठित तीन सदस्यीय समिति ने धराली पहुंचकर प्रभावितों के साथ बैठक कर उनकी राय जानी, जिसमें प्रभावितों ने लंका, जांगला व कोपांग आदि उन्हें दोबारा बसाये जाने की इच्छा जताई थी।

    वहीं, शीघ्र आपदा में क्षतिग्रस्त संपत्तियों के मुआवजे बांटने की बात कही थी, लेकिन तीन माह बाद भी इसे लेकर अब तक कोई कार्यवाही शुरू नहीं हो पाई है। इससे प्रभावितों में निराशा का भाव है।

    आपदा प्रभावित कल्प केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष राजेश पंवार, पूरण सिंह, संजय सिंह पंवार, सतेंद्र पंवार, दुर्गेश, दीपक ने शासन-प्रशासन से पुनर्वास व मुआवजा वितरण की कार्यवाही शीघ्र शुरू करने की मांग की है, जिससे आपदा प्रभावित धराली में प्रभावितों का जीवन पटरी पर लौट सके।

    आजीविका पुनर्स्थापना को भी कार्यवाही शून्य

    धराली आपदा के बाद प्रशासन ने आजीविका पुनर्स्थापना को लेकर भी कार्यवाही शुरू करने की बात कही थी। लेकिन गैर सरकारी संस्थाओं के द्वारा तो इस ओर काम शुरू किया गया है। लेकिन सरकारी स्तर पर आजीविका पुनर्स्थापना को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।