नंदा गौरा देवी कन्याधन योजना में बदलाव से हजारों बेटियां एक झटके में हुईं पात्र से अपात्र, माता-पिता परेशान
Nanda Gaura Devi Kanyadhan Yojana इस वर्ष योजना के प्रारूप में अचानक किए गए बदलाव ने हजारों बेटियों को एक झटके में पात्र से अपात्र की श्रेणी में पहुंचा दिया है। इससे अकेले उत्तरकाशी जिले में ही दो हजार से अधिक बेटियों के प्रभावित होने की आशंका है।

शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी : Nanda Gaura Devi Kanyadhan Yojana : बेटियों के पालन-पोषण और उनकी उच्च शिक्षा में परिवार की आर्थिक स्थिति बाधा न बने, इस मंशा से प्रदेश सरकार ने नंदा गौरा देवी कन्याधन योजना शुरू की। मगर, इस वर्ष योजना के प्रारूप में अचानक किए गए बदलाव ने हजारों बेटियों को एक झटके में पात्र से अपात्र की श्रेणी में पहुंचा दिया है।
पात्रता की पुष्टि के लिए जो अतिरिक्त दस्तावेज मांगे गए हैं, उन्हें बालिकाओं के स्वजन एड़ियां घिसने के बाद भी जुटा नहीं पा रहे। इससे अकेले उत्तरकाशी जिले में ही दो हजार से अधिक बेटियों के प्रभावित होने की आशंका है।
प्रारूप बदलने के बाद उत्तरकाशी जिले में इस योजना का लाभ लेने के लिए अब तक महज 120 आवेदन ही आए हैं, जबकि 30 दिसंबर आवेदन की अंतिम तिथि है। इस बदलाव से जहां अभिभावकों में रोष है, वहीं शासन की मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं।
ढाई हजार आवेदन आ गए, तब बदला प्रारूप
इस वर्ष नंदा गौरा देवी कन्याधन योजना के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 30 नवंबर थी। लेकिन, नवंबर अंतिम सप्ताह में शासन ने एकाएक योजना के प्रारूप में बदलाव कर दिया। तब तक उत्तरकाशी जिले में करीब ढाई हजार आवेदन बाल विकास विभाग के पास पहुंच चुके थे।
शासन ने इन आवेदनों को निरस्त कर अब नए प्रारूप के अनुसार आवेदन का आदेश दिया है। इसके लिए 30 दिसंबर अंतिम तिथि रखी गई है। अब बालिकाओं के स्वजन नए प्रारूप के तहत आवेदन करने के लिए मांगे गए अतिरिक्त दस्तावेज जुटाने को सरकारी कार्यालयों की दौड़ लगा रहे हैं, मगर हासिल कुछ नहीं हो रहा
नए प्रारूप में शामिल ये दस्तावेज बने परेशानी
बालिका के माता-पिता की वर्ष 2011 की आर्थिक गणना की रिपोर्ट, खाता-खतौनी की नकल, वाहन का विवरण, मकान का विवरण, सभी बैंक खातों की डिटेल, मनरेगा जाब कार्ड में तीन वर्ष की रिपोर्ट, तीन वर्ष का बिजली व पानी का बिल।
पहले सिर्फ इन दस्तावेजों से हो जाता था आवेदन
जन्म प्रमाण पत्र, आंगनबाड़ी की रिपोर्ट, आधार कार्ड, बीपीएल कार्ड, आय प्रमाण पत्र, फोटोग्राफ, मूल निवास प्रमाण पत्र, दसवीं व 12वीं का अंकपत्र। आवेदन के नए प्रारूप में भी ये दस्तावेज दिए जाने हैं।
वर्ष 2017 में योजना को दिया गया नया रूप
वर्ष 2017 में गौरा देवी कन्याधन योजना को नंदा गौरा देवी कन्याधन योजना का रूप दिया गया। इसके संचालन का जिम्मा महिला एवं बाल विकास विभाग को दिया गया।
इसमें बालिका के जन्म पर 11 हजार रुपये बालिका की मां के बैंक खाते में आते हैं और 12वीं उत्तीर्ण करने पर 51 हजार रुपये की धनराशि बालिका के बैंक खाते में भेजी जाती है। ताकि वह उच्च शिक्षा का सफर बिना बाधा जारी रखकर अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। इसके लिए बालिका के जन्म के छह माह के भीतर और 12वीं का परिणाम आने के चार माह के भीतर आवेदन करना होता है।
2021 में 3403 बालिकाओं को मिला लाभ
वर्ष 2021 में उत्तरकाशी जिले में कुल 3403 बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिला। इनमें 743 बालिकाओं ने इसी वर्ष जन्म लिया। शेष बालिकाएं 12वीं पास करने वाली थीं। 12वीं पास लाभान्वित बालिकाओं में 395 का आवेदन वर्ष 2017 में स्वीकार किया था, मगर तब उन्हें लाभ नहीं मिल पाया। कोरोनाकाल में वर्ष 2019 व 2020 में इस योजना का लाभ नहीं दिया गया।
‘पहले 30 नवंबर तक आवेदन जमा करने थे। इस दौरान जिले में करीब ढाई हजार आवेदन जमा हुए। लेकिन, नवंबर अंतिम सप्ताह में नए प्रारूप के आधार पर फिर से आवेदन कराने के आदेश हुए। यह मानक पूरे करने वाली बालिकाओं की संख्या बेहद कम है।’
- यशोदा बिष्ट, बाल विकास परियोजना अधिकारी, उत्तरकाशी
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