उत्तराखंड में मिला अमरनाथ जैसा अद्भुत शिवलिंग, नाम दिया नीलेश्वर महादेव; करें दिव्य दर्शन
उत्तराकाशी के नेलांग घाटी में एसडीआरएफ दल को अमरनाथ गुफा जैसा शिवलिंग मिला है जिसे नीलेश्वर महादेव नाम दिया गया है। 4300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह बर्फ से बनी आकृति इनर लाइन क्षेत्र में खोजी गई है। एसडीआरएफ ने शासन को जानकारी दी है और भविष्य में इसे आध्यात्मिक यात्रा से जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। मंदिर समिति ने इसे संरक्षित करने का सुझाव दिया है।

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। चीन सीमा से लगे उत्तरकाशी जनपद की नेलांग घाटी के नीलापानी क्षेत्र में अमरनाथ गुफा जैसा शिवलिंग मिला है। नीलापानी क्षेत्र में स्थित होने के कारण इस अलौकिक दिव्य आकृति को नीलेश्वर महादेव नाम दिया गया है।
एसडीआरएफ के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इसे लेकर शासन को अवगत कराया है। अब इसे आध्यात्मिक गतिविधि से जोड़ने को लेकर निर्णय पर शासनस्तर पर ही लिया जायेगा।
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल(एसडीआरएफ) के कमांडेंट अर्पण यदुवंशी ने बताया कि बीते 5 अप्रैल को बल का 20 सदस्यीय पर्वतारोही दल नेलांग घाटी के नीलापानी क्षेत्र में स्थित 6054 मीटर ऊंची दुर्गम व अनाम चोटी के आरोहण को रवाना हुआ था।
इस दौरान दल के सदस्यों को 4300 मीटर की ऊंचाई पर एक गुफा में बर्फ से बनी लगभग दस फटी ऊंची अमरनाथ गुफा के समान शिवलिंग की दिव्य आकृति के दर्शन हुए। दल के सदस्यों ने नीला पानी क्षेत्र में स्थित होने के कारण इस अलौकिक आकृति को नीलेश्वर महादेव नाम दिया।
फिर अभियान दल ने आगे बढ़ते हुए 27 अप्रैल को 6054 मीटर ऊंची अनाम चोटी का सफल आरोहण किया। लौटते समय दोबारा दल के सदस्यों ने शिवलिंग समान दिव्य आकृति के दोबारा दर्शन किए। अनाम चोटी के बेस में ही बर्फ से बनी यह दिव्य आकृति मौजूद है। उन्होंने बताया कि नीलापानी क्षेत्र इनर लाइन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इस कारण यहां सामान्य आवागमन प्रतिबंधित है।
विशेष अनुमति के बाद ही पर्यटकों को नेलांग व जादूंग तक भ्रमण के लिए भेजा जाता है। बताया कि उनकी ओर नेलांग घाटी में मिली दिव्य आकृति को लेकर विस्तृत डाक्यूमेंटेशन तैयार कर शासन को अवगत कराया गया है। भविष्य में इसे केिसी आध्यात्मिक यात्रा जोड़ना है या नहीं इसे लेकर निर्णय शासनस्तर पर ही लिए जाएंगे।
नीलापानी क्षेत्र से 25 से 30 किमी पर है चीन सीमा
गंगोत्री नेशनल पार्क के वन क्षेत्राधिकारी प्रदीप बिष्ट ने बताया कि उन्हें एसडीआरएफ के नीलापानी क्षेत्र में अमरनाथ गुफा के समान बर्फ से निर्मित दिव्य आकृति की जानकारी मिली है।
बताया कि इस क्षेत्र में शीतकाल में पड़ने वाली भारी बर्फबारी से मार्च-अप्रैल में इस तरह की आकृतियां बनती है, जो कि मई-जून तक पिघल जाती हैं।
बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश होंगे तो पार्क की एक टीम एसडीआरएफ द्वारा खोजी गये स्थान की रैकी करेगी। बताया कि नीलापानी क्षेत्र से चाइना बार्डर की दूरी मात्र 25 से 30 किमी है।
यह एक अद्भुत खोज है। कभी यह मानसरोवर जाने का सबसे सरल रास्ता था, कई पुस्तकों में भी इसका विवरण है। यह रास्ता खुलना चाहिए। एसडीआरएफ द्वारा खोजे गये अमरनाथ गुफा जैसी दिव्य आकृति को आध्यात्मिक यात्रा से जोड़ना चाहिए। साथ ही इसे संरक्षित करना चाहिए। - सुरेश सेमवाल, सचिव श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति।
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