मनाया लोसर का त्योहार
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : जाड़ भोटिया समुदाय का प्रसिद्ध लोसर मेला आटे की होली खेल कर मनाया गया। मेले के अंतिम दिन जाड़ भोटिया समुदाय के लोगों देव डोलियों से सुख संपत्ति की मनौतियां मांगी। मंगलवार सुबह सभी लोगों ने अपने घरों से पुराने झंडे उतारकर नए झंडे चढ़ाए।
जादुंग नेलांग से विस्थापित डुंडा में रह रहे जाड़ भोटिया समुदाय के लोसर पर्व में तीसरे दिन की सुबह लोगों ने अपनी धार्मिक आस्था के प्रतीक झंडों को बदलकर नए झंडे लगाए। उसके बाद पूरे डुंडा व बीरपुर गांव में आटे की होली खेली गई। समुदाय के युवकों और महिला पुरुषों के जत्थों ने एक दूसरे पर आटा लगाकर लोसर पर्व की शुभकामनाएं दी। तीन दिन तक चले इस आयोजन में पहली रात को समुदाय लोगों ने अतीशबाजी कर दीवाली के रुप में मनाया, जबकि दूसरा दिन हरियाली देकर दशहरे के रूप में मनाया गया। इस मेले के लिए डुंडा से बाहर के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले समुदाय के अनेक लोग अपने घरों में पहुंचे थे। इसके उपरांत रिंगाली देवी मंदिर में पूजा-अर्चना कर पारंपरिक वेशभूषा में सजकर पारंपरिक नृत्य किए। इस मौके पर समुदाय ने रिंगाली देव डोली की विशेष पूजा अर्चना कर सुख संपन्नता के लिए मनौती मांगी। इसके बाद बौद्ध पंचांग के अनुसार शुरू होने वाले नए साल के लिए लोगों ने एक दूसरे को शुभकामनाएं दी।
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