Uttarakhand: कविता सुनाते-सुनाते मंच पर अचानक गिरा शख्स, पल भर में मौत के आगोश में समां गया कवि
Uttarakhand राष्ट्रीय स्वयं सुरक्षा अभियान संस्था की ओर से भारतीय वीर जवानों के सम्मान में कृषि महाविद्यालय के डा. बीबी सिंह सभागार में काव्य महोत्सव चल रहा था। 76 वर्षीय कवि सुभाष चतुर्वेदी ने मंच पर कविता पाठ करना शुरू किया।अचानक कविता सुनाते-सुनाते कवि मंच पर गिर गए। लोगों ने उन्होंने अस्पताल पहुंचाया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

संवाद सूत्र, पंतनगर। गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में रविवार शाम आयोजित काव्य महोत्सव में कविता सुनाते समय कवि सुभाष चतुर्वेदी मंच पर ही गिर पड़े। उनके गिरते ही चारों ओर अफरा तफरी मच गई।
आयोजक उन्हें तुंरत जिला अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सोमवार को गमगीन माहौल में मथुरा में उनका अंतिम संस्कार हुआ।
जवानों के सम्मान में हो रहा था कार्यक्रम
राष्ट्रीय स्वयं सुरक्षा अभियान संस्था की ओर से भारतीय वीर जवानों के सम्मान में कृषि महाविद्यालय के डा. बीबी सिंह सभागार में काव्य महोत्सव चल रहा था। मूलरूप से लंका किला मथुरा (उत्तर प्रदेश) व हाल जवाहरनगर पंतनगर निवासी 76 वर्षीय कवि सुभाष चतुर्वेदी ने मंच पर कविता पाठ करना शुरू किया।
कविता सुनाते हुए अचानक गिरे
कवि सुभाष चतुर्वेदी की कविता की पंक्तियां थी- समय सीमा है, सीमा के प्रहरियों को करना है प्रणाम और समय सीमा में ही सनातन का करना है गुणगान। मंच सजा है, अवसर न छोड़ूंगा। लक्ष्य एक है, हम सब एक हैं.. यह रिश्ता न तोड़ूंगा। इतनी लाइनें सुनाते ही सुभाष मंच पर ही गिर पड़े।
अस्पताल ने की हार्ट अटैक की पुष्टि
जिला अस्पताल में चिकित्सकों ने इसे हाई अटैक बताया। स्वजन उनका शव पैतृक गांव मथुरा ले गए और वहीं अंतिम संस्कार किया। परिवार में पुत्र व पुत्री हैं। सुभाष विश्वविद्यालय परिसर सहित आसपास के कवि सम्मेलनों में भाग लिया करते थे। वह राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े थे और तब वह जेल भी गए थे।
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