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    वीरांगना झलकारी बाई को जयंती पर किया याद

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 22 Nov 2020 11:46 PM (IST)

    रुद्रपुर में देश के लिए फांसी पर चढ़ने वाली वीरांगना झलकारी बाई को जयंती पर कोली समाज के वरिष्ठाों नागरिकों को सम्मानित किया। ...और पढ़ें

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    वीरांगना झलकारी बाई को जयंती पर किया याद

    जासं, रुद्रपुर : देश के लिए फांसी पर चढ़ने वाली वीरांगना झलकारी बाई को जयंती पर याद किया गया। महापौर रामपाल सिंह ने वीरांगना की जयंती पर कोली समाज के वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित किया। मेयर ने नई पीढ़ी को देश के वीर योद्धाओं के जीवन से सबक लेने को प्रेरित किया।

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    वीरांगना झलकारी बाई का जयंती रुद्रपुर के रम्पुरा में मनाया गया। कार्यक्रम से पूर्व महापौर रामपाल सिंह ने वीरांगना झलकारी बाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर उन्हें नमन किया। कोली समाज की मांग पर महापौर ने वीरांगना झलकारी बाई की विशाल प्रतिमा लगवाने और पार्क के सुंदरीकरण का वादा किया। अखिल भारतीय कोली समाज के अध्यक्ष चंद्रसेन कोली ने बताया कि झलकारी बाई का जन्म एक साधारण कोली परिवार में हुआ था। वे एक साधारण सैनिक की तरह रानी लक्ष्मीबाई की सेना में शामिल हुई थी। लेकिन बाद में वह रानी लक्ष्मीबाई की विशेष सलाहकार एवं महिला सेना की सेनापति बनी और महत्वपूर्ण निर्णयों में भी भाग लेने लगी। उनका जीवन और विशेष रूप से ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ उनके लड़ने की कला को बुंदेलखंड ही नहीं बल्कि पूरा भारत हमेशा याद रखेगा। मेयर रामपाल ने कहा कि झलकारी बाई सदोबा सिंह और जमुना देवी की बेटी थी। उनका जन्म 22 नवंबर 1830 को झांसी के नजदीक भोजला ग्राम में हुआ था। कार्यक्रम में डा. हरिओम कोली, बासुदेव कोली, रामकिशन कोली, राजकुमार कोली, राम अवतार कोली, ओम प्रकाश, चंद्र पाल, साधु रतनलाल कोली, शरबती देवी, मुन्नी देवी, चुन्नीलाल, बनारसी दास, रामपाल कोली, परशुराम कोली आदि थे।