चौहरे हत्याकांड में इंसाफ, एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या से दहला था उत्तराखंड; SSP ने थाने को बनाया था घर
उत्तराखंड के नानकमत्ता में चौहरे हत्याकांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने चारों हत्यारों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 29 दिसंबर 2021 को अंकित रस्तोगी और उसके ममेरे भाई समेत परिवार के चार सदस्यों की हत्या हुई थी। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जहाँ उन्हें दोषी पाया गया। अदालत ने प्रत्येक पर जुर्माना भी लगाया है।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर। नानकमत्ता में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या करने वाले चार हत्यारों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मीना देऊपा की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 20-20 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया। जुर्माना अदा न करने पर दो-दो माह का अतिरिक्त कारावास भोगेंगे।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि 29 दिसंबर, 2021 को नानकमत्ता के ग्राम सिद्दा की देवहा नदी के किनारे दो युवकों के शव मिले थे। इस दौरान उनकी पहचान अंकित रस्तोगी उर्फ अजय पुत्र शिवशंकर रस्तोगी और उसके ममेरे भाई उदित रस्तोगी पुत्र अनिल रस्तोगी के रूप में हुई थी।
इस दौरान पता चला कि मृतक अंकित के घर में भी स्थिति संदिग्ध है। जिस पर नानकमत्ता पुलिस मृतक के घर पहुंची तो अंदर अंकित रस्तोगी की माता आशा देवी पत्नी शिवशंकर रस्तोगी और उसकी नानी सन्नो देवी के शव भी बरामद हुए थे।
मामले में पुलिस ने आदेश कुमार रस्तोगी की तहरीर पर प्राथमिकी पंजीकृत कर आरोपितों की तलाश शुरू कर दी थी। इस दौरान मिले साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने नानकमत्ता, गुरुद्वारा रोड निवासी रानू रस्तोगी पुत्र अनिल रस्तोगी, रुद्रपुर सुभाष कालोनी निवासी विवेक वर्मा पुत्र ओमप्रकाश वर्मा और मुकेश शर्मा उर्फ राहुल रस्तोगी पुत्र तुलसी राम के साथ ही शिव कालोनी खटीमा निवासी सचिन सक्सेना पुत्र राजकुमार सक्सेना को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। साथ ही 15 सितंबर, 2022 और 23 फरवरी, 2023 को आरोप पत्र दाखिल किया गया।
इस मामले में सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मीना देऊपा की अदालत में हुई। जहां सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अनिल कुमार सिंह ने 24 गवाह पेश किए। जिस पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मीना देऊपा की अदालत ने मंगलवार को चारों हत्यारे विवेक वर्मा, मुकेश शर्मा, रानू रस्तोगी और सचिन सक्सेना को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 20-20 हजार रुपये का अर्थदंड से दंडित किया है। जुर्माना अदा न करने पर दो-दो माह का अतिरिक्त कारावास भोगेंगे।
चौहरे हत्याकांड से दहल गई थी तराई
नानकमत्ता: चौहरे हत्याकांड से ऊधम सिंह नगर जिला दहल गया था। सूचना मिलते ही पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया था। तत्कालीन जिलाधिकारी, तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ पुलिस फोर्स और फारेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई थी। इस हत्याकांड का विवेचना अधिकारी तत्तकालीन थानाध्यक्ष केसी आर्य थे।
इसके साथ ही पुलिस की कई टीमें अलग-अलग स्थान पर आरोपितों को पकड़ने भेजी गई। घटना के एक सप्ताह बाद तत्कालीन डीआइजी नीलेश भरणे ने तत्कालीन के साथ अंकित ज्वेलर्स की दुकान से 40 हजार की लूट होने की बात बताते हुए हत्या में शामिल चार लोगों के नाम का उजागर किया।
तीन युवक रानु रस्तोगी पुत्र अनिल रस्तोगी निवासी नानकमत्ता,विवके शर्मा पुत्र ओमप्रकाश शर्मा निवासी सुभाष कालोनी रुद्रपुर,मुकेश शर्मा ऊर्फ राहुल रस्तोगी पुत्र तुलसी राम निवासी रुद्रपुर को लूट के 35 हजार रुपये व गला रेतने वाले रेजर के साथ गिरफ्तारी का पर्दाफाश किया था। जबकि चौथा आरोपी सचिन सक्सेना फरार बताया।
अंकित के करीबी के सहारे हत्यारों तक पहुंची पुलिस
हत्याकांड में पुलिस तीन-चार तक इधर- उधर उलझी रही। लेकिन जब पुलिस ने अंकित के करीबी से कड़ी पूछताछ की तो उसने चारों आरोपितों के नाम खुल गए थे। जांच में यह बताया गया कि अंकित को मारने की योजना एक दिन पहले नशा पीलाकर बनाई गई थी, जो फेल होेने के कारण अगले दिन घटना को अंजाम दिया।
एक बार षड़यंत्र की योजना हो गई थी फेल
हत्यारे जन्म दिन के बहाने अंकित व उसके ममेरे भाई उदित को घर से साथ ले गए थे। मगर दोनों हत्यारों के इरादे भांप नहीं पाए थे।
हत्यारों ने देवहा नदी किनारे आंखों में लाल मिर्च का पाउडर डालकर अंकित व उदित की गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी। फिर अंकित के घर आकर उसकी मां आशा देवी व नानी शन्नों की गला रेतकर हत्या की और दुकान का ताला तोड़कर नगदी लूटी थी।
राज खुलने के डर से मां व नानी को मार डाला
मृतक अंकित का व्यवहार काफी मिलनसार था। घटना से एक माह पूर्व उसने ज्वेलर्स की दुकान खोली थी। जिसमें उसमें अच्छा खासा पैसा लगाया था। जिससे हत्यारों को लगा कि अंकित के पास काफी रुपये हैं। इसी लालच में उन्होंने चौहरे हत्याकांड का अंजाम दिया। अंकित व उदित की हत्या के राज खुलने के डर से उसकी मां व नानी की भी हत्या कर दी थी।
पर्दाफाश होने तक एसएसपी ने थाने में जमाया था डेरा
नगर में हहुए चौहरे हत्याकांड ने प्रदेश पुलिस को हिला दिया था। एक सप्ताह तक तत्कालीन एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर थाने में पुलिस अधिकारियों के साथ डेरा डाले हुए थे। हत्याकांड में शामिल शातिर अपराधी खटीमा निवासी सचिन सक्सेना ने कई माह पुलिस से बचता रहा। पु
लिस जब उसके घर की कुर्की कर रही थी, तब सचिन सक्सेना की उत्तर प्रदेश जिला हरदोई की पुलिस व एसटीएफ से मुठभेड़ हुई और सचिन को तमंचे के साथ गिरफ्तार कर लिया था। बाद में पुलिस ने रिमांड लेकर सचिन से पूछताछ की। जिसकी निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल किया कापा भी पुलिस ने बरामद कर लिया था।
स्वजन से बातचीत
प्रदेश की कानून एवं न्यायिक व्यवस्था पर हमें पूर्ण भरोसा था। आज जिला न्यायालय से चारों आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा होने हमें न्याय मिला है। हत्यारों ने जिस तरह से जघन्य अपराध को अंजाम दिया था। न्यायालय ने जो फैसला सुनाया है, इससे हम संतुष्ट है। - आदेश रस्तोगी, मृतक अंकित रस्तोगी का भाई
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