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    उत्‍तराखंड में 31 हजार दीपों की रोशनी से नहाया द्रोण सागर, संस्कृति और श्रद्धा का अद्भुत संगम

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 08:20 PM (IST)

    काशीपुर का ऐतिहासिक द्रोण सागर ताल 31 हजार दीपों से जगमगा उठा। हिंदू राष्ट्र शक्ति ने भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया, जिसमें महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव जी महाराज मुख्य अतिथि थे। दीपों की रोशनी से पूरा परिसर आलोकित हो गया और वातावरण भक्ति और श्रद्धा से भर गया। कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

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    हरियाणा के पटौदी हरि मंदिर के महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव जी महाराज मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

     

    जागरण संवाददाता, काशीपुर। काशीपुर का ऐतिहासिक द्रोण सागर ताल गुरुवार की शाम दीपों की झिलमिल रोशनी से जगमगा उठा। अवसर था हिंदू राष्ट्र शक्ति द्वारा आयोजित भव्य दीपोत्सव का, जिसमें 31 हजार दीपों से पूरा परिसर आलोकित किया गया। दीपों की छटा में जब पूरा ताल चमका तो वातावरण भक्ति, श्रद्धा और उत्सव की भावना से सराबोर हो उठा।

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    कार्यक्रम में हरियाणा के पटौदी हरि मंदिर के महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव जी महाराज मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। दीप प्रज्ज्वलन से पूर्व उन्होंने प्रवचन में कहा कि “दीप जलाना केवल परंपरा नहीं, बल्कि अंधकार पर प्रकाश की विजय और आंतरिक शुद्धता का प्रतीक है। इस दौरान मेयर दीपक बाली ने कहा कि इस ऐतिहासिक स्थल का समस्त शहरवासियों के प्रयास से स्वर्णीम दौर वापस लौट आया है।

    आज इस स्थल की सुंदरता देखती ही बनती है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हमारे सनातन धर्म से जुड़े स्थलाें को संवारने के लिए लगातार प्रयास चल रहे हैं। कार्यक्रम की शुरुआत सांय चार बजे दीपावली मेले से हुई, जिसमें खाद्य पदार्थों, हस्तशिल्प और पारंपरिक उत्पादों के आकर्षक स्टॉल लगे। मेले में किसी भी स्टॉल से शुल्क नहीं लिया गया, जिससे आगंतुक श्रद्धालुओं ने सस्ते और सुंदर उत्पादों की खरीदारी की।

    इसके बाद सांस्कृतिक संध्या में स्थानीय कलाकारों ने लोकनृत्य, गीत और भक्ति प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। हिंदू राष्ट्र शक्ति के राष्ट्रीय प्रभारी संजय भाटिया और जिला अध्यक्ष गौरव गुप्ता ने बताया कि आयोजन का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और परंपरा को एक सूत्र में जोड़ना है। उन्होंने कहा कि “यह दीपोत्सव केवल उत्सव नहीं, बल्कि प्रभु श्रीराम को समर्पित भक्ति और एकता का प्रतीक है। इस अवसर पर द्रोण सागर की सीढ़ियों, मंदिर परिसर और ताल किनारे के मार्गों पर दीपों की पंक्तियां जब एक साथ जलीं तो द्रोण सागर का हर कोना सुनहरी आभा से नहा गया।

    श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम के जयकारों के बीच दीप जलाकर आस्था प्रकट की। कार्यक्रम में नगर के गणमान्य नागरिक, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में महिलाएं व युवा उपस्थित रहे। आयोजन को सफल बनाने में सैकड़ों स्वयंसेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस दौरान राहुल पैगिया, राजीव घई, पंकज टंडन, डॉ एसपी गुप्ता, योगेश जिंदल, पवन अग्रवाल, देवेन्द्र अग्रवाल, आदि मौजूद रहे।