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    UP Police firing in Kashipur : SDM को बंधक बनाने वाले मुहम्मद तैय्यब की गिरफ्तारी के बाद काशीपुर पहुंचा था जफर

    By Jagran NewsEdited By: Rajesh Verma
    Updated: Thu, 13 Oct 2022 07:50 AM (IST)

    UP Police firing in Kashipur पुलिस टीम को इनपुट मिला कि खनन कारोबार से जुड़े क्षेत्र कुंडा में एक सफेदपोश के घर उसने शरण ली है। पुलिस टीम ने बुधवार की शाम दबिश दी। लेकिन इस दौरान दोनों पक्षाें में गोलीबारी हुई जिसमें एक की मौत हो गई।

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    UP Police firing in Kashipur : जफर ने काशीपुर के कुंडा में बचने के लिए शरण ले रखी थी।

    जागरण संवाददाता, काशीपुर : UP Police firing in Kashipur : बीते 13 सितंबर को एसडीएम और खनन अधिकारी को बंधक बनाने के मामले में मुरादाबाद पुलिस खनन सिंडीकेट माफिया के खिलाफ अभियान चला रहा है। सिंडीकेट माफिया मुहम्मद तैय्यब से पूछताछ के बाद आरोपितों की तलाश में पुलिस जुट गई थी। बंधक बनाने के मामले में पुलिस को लगातार गिरफ्तार अभियुक्त मुहम्मद तैय्यब के भाई जफर की तलाश में जुटी थी। हाल में यूपी क्षेत्र में तेजी से दी गई दबिश के बाद जफर ने बार्डर पार कर काशीपुर के कुंडा में बचने के लिए शरण ले रखी थी।

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    एसडीएम को बंधक बनाने वाले का भाई है जफर

    बीते 13 सितंबर को एसडीएम और खनन अधिकारी को बंधक बनाने के मामले में पुलिस खनन सिंडीकेट माफिया के खिलाफ अभियान चला रहा है। मामले में मुहम्मद तैय्यब की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके दोनों भाई जफर और नबी फरार चल रहे थे। पुलिस टीम को इनपुट मिला कि खनन कारोबार से जुड़े क्षेत्र कुंडा में एक सफेदपोश के घर उसने शरण ली है। पुलिस टीम ने बुधवार की शाम दबिश दी। लेकिन इस दौरान दोनों पक्षाें के मुठभेड में गोलीबारी हुई, जिसमें जहां एक की मौत हो गई। वहीं पांच अन्य घायल हो गए। इस मामले में ठाकुरद्वारा पुलिस अभी तक 14 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। जिसमें मुख्य आरोपित मुहम्मद तैय्यब भी शामिल है। वहीं ठाकुरद्वारा पुलिस अभी तक 14 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। जिसमें मुख्य आरोपित मुहम्मद तैय्यब भी शामिल है।

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    डंपर पार कराने को चलती थी वसूली

    उत्तराखंड और यूपी के बार्डरों पर डंपर को पार कराने के लिए जफर और मुहम्मद तैय्यब का नेटवर्क काम करता है। दोनों के गुर्गों इसके लिए वसूली करते थे ओर यह पैसा कुछ सफेदपोश और कुछ अफसरों तक भी पहुंचता था। गिरफ्तार आराेपितों का कहना है कि डंपर को बार्डर पार कराने के लिए एक हजार रुपये की वसूली की जाती थी। लंबे समय से इस काम को कर रहा था। इस काम में उसके साथ सत्ता के करीबी नेताओं के साथ ही अफसरों की मिलीभगत रही है। सिंडीकेट माफिया जनपद और मंडल के बाहर मौजूद अफसरों के संपर्क में रहते थे।

    वाहन नंबर का टोकन देकर पार कराते थे वाहन

    मुरादाबाद कप्तान के मुताबिक मोहम्मद तैय्यब अमरोहा का रहने वाला है। तैय्यब व जफर कशीपुर की नदी से खनन कर मुरादाबाद व अमरोहा जैसे ज़िलों में अवैध तरीके से खपा रहे थे। ये दोनों माफिया के जब वाहन उपखनिज लेकर निकलते थे तो जगह जगह वाहन नबंर का टोकन कोई इन्हें रास्ते में रोक न सके, इसके बदले रुपये दिए जाते थे थमाते थे और काशीपुर व जसपुर से निकलकर मुरादाबाद निकल जाते थे। जबकि रास्ते में ही महुआखेडग़ंज, मंडी पुलिस चौकी व सूर्या पुलिस चौकी भी पड़ती थी, फिर इनकी जांच नहीं होती थी। ऐसे में ऊधमसिंह नगर पुलिस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

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