Kashipur News: जमीन के सौदे के नाम पर करोड़ो की ठगी, जबरन वसूली का आरोप
काशीपुर में जमीन के सौदे में करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है। आरोपियों ने जमीन बंधक होने की बात छिपाकर पीड़ितों से एडवांस में पैसे लिए। जब पीड़ितों ने पैसे वापस मांगे तो उन्हें बंधक बनाकर धमकाया गया। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जागरण संवाददाता, काशीपुर। जमीन के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी, बंधक बनाकर रखने की धमकी और जबरन वसूली का संगीन मामला सामने आया है। न्यायालय के आदेश पर कुंडा थाना पुलिस ने कई प्रभावशाली लोगों के विरुद्ध संबंधित धाराओं में प्राथमिकी पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी है।
टांडा उज्जैन निवासी मोहित शर्मा पुत्र स्व. संजीव कुमार शर्मा ने न्यायालय में दायर प्रार्थना पत्र में बताया कि राजेन्द्र छाबड़ा उर्फ रतन छाबड़ा पुत्र राम लाल छाबड़ा निवासी गढ़ीनेगी, बलवंत सिंह उर्फ काला व कुलवंत सिंह पुत्रगण संतोक सिंह, सतनाम सिंह गिल पुत्र रतन सिंह गिल निवासीगण ग्राम बक्सोरा, सुरेन्द्र चौधरी निवासी महुआड़ाबरा, जसपुर, नवीन छाबड़ा पुत्र राम लाल, परम छाबड़ा पुत्र रतन छाबड़ा और ऋषभ छाबड़ा रतन छाबड़ा निवासी गढ़ीनेगी ने मिलकर प्रार्थी और अरपिन्दर सिंह रन्धावा उर्फ हैप्पी पुत्र विरसा सिंह निवासी छीनाफार्म, ढकिया गुलाबो के साथ जमीन के सौदे के नाम पर करोड़ों की ठगी की।
बताया कि करीब डेढ़ साल पूर्व आरोपिताें ने मोहित शर्मा और उनके सहयोगी अरपिन्दर सिंह रंधावा उर्फ हैप्पी को विश्वास में लेकर 14.62 करोड़ रुपये में 7.50 एकड़ भूमि का सौदा कराया। इस सौदे में सतनाम सिंह गिल की जमीन को बिल्कुल साफ-सुथरी और किसी भी बंधक से मुक्त बताकर प्रस्तुत किया गया।
उन्होंने इस भरोसे पर करोड़ों रुपये एडवांस में दिए। मोहित शर्मा ने 43.50 लाख, अरपिन्दर सिंह ने 42 लाख और रतन छाबड़ा ने 26.50 लाख रुपये विपक्षियों को दिए।
आरोप है कि इसके बाद बलवंत सिंह उर्फ काला ने अपनी जमीन का सौदा भी इसमें शामिल कर लिया और प्रार्थी से 35.90 लाख रुपये एडवांस में लिए। बाद में पता चला कि सतनाम सिंह की जमीन बैंक ऑफ बड़ौदा के पास कर्ज के बदले बंधक है और बलवंत सिंह ने जो जमीन सड़क पर बताई थी, वह उसकी न होकर जिपर स्कूल के पीछे की थी, जिसकी कीमत वास्तविकता में कहीं कम है।
इसके बाद जब पीड़ित ने रकम लौटाने की मांग की, तो विपक्षियों ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया। आरोप है कि 26 मई को जसपुर के संधू ढाबा पर पीड़ित मोहित शर्मा और अरपिन्दर सिंह को करीब दो घंटे तक बंध क बनाकर रखा गया और जबरन रुपये लौटाने का दबाव बनाया गया।
अरोपित उनसे 20 लाख रुपये की अवैध रूप से मांग कर रहे हैं। रूपए न देने पर उसे व उसके परिवार वालों को जान से मार डालने की धमकियां दी गई। यहां तक कि उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकियां भी दी गई।
आरोप है कि मामले की शिकायत कोतवाली जसपुर और एसएसपी से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोप है कि 14 जुलाई को आरोपितों की मिलीभगत से थाना कुंडा पुलिस ने उन्हें और अरपिन्दर सिंह को बुलवाकर पूरे दिन थाने में बैठाकर रखा और उनका उत्पीड़न किया।
लगातार परेशानियों और धमकियों से त्रस्त होकर मोहित शर्मा ने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय के आदेश पर अब कुंडा थाना पुलिस ने सभी आठों आरोपितों के विरुद्ध ठगी, धमकी, षडयंत्र और अन्य धाराओं में प्राथमिकी पंजीकृत की गई।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।