Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विवाहिता की हत्या के मामले में पति समेत दो को आजीवन कैद

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 11:19 PM (IST)

    खटीमा में पांच साल पहले विवाहिता डिंपल की दहेज के लिए हत्या के मामले में पति नीरज और उसके चाचा विनोद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अपर जिला सत्र न्यायाधीश ने दोनों को दोषी ठहराते हुए जुर्माना भी लगाया। डिंपल की मां ने 2020 में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसके बाद पुलिस ने जांच में हत्या का खुलासा किया था।

    Hero Image
    विवाहिता की हत्या के मामले में पति समेत दो को आजीवन कैद

    जागरण संवाददाता, खटीमा। पांच साल पूर्व हुई दहेज के लिए विवाहिता की हत्या के मामले में अपर जिला सत्र न्यायाधीश मंजू सिंह मुंडे ने पति समेत दो को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों को 40 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित भी किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गदरपुर वार्ड तीन निवासी पार्वती टम्टा ने 25 अगस्त 2020 को पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि उनकी पुत्री डिंपल का विवाह वर्ष 2017 में बानूसी निवासी नीरज कुमार से हुआ था। 24 अगस्त को डिंपल अपनी बच्ची के कपड़े लाने के लिए बाजार जाने की बात कहकर घर से निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी।

    इस पर पुलिस ने 26 अगस्त को डिंपल की गुमशुदगी पंजीकृत कर खोजबीन शुरु कर दी थी। जांच-पड़ताल के दौरान पुलिस ने बानूसी गांव में लगे सीसीटीवी की फुटेज चैक की, जिसमें डिंपल 24 अगस्त को अपने पति नीरज के साथ बाइक पर जाते हुए दिखाई दी।

    इसके बाद पुलिस ने पति को हिरासत में लेकर उससे कड़ी पूछताछ की तो उसने पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया। पुलिस के मुताबिक नीरज 24 अगस्त को अपने रिश्ते के चाचा बिरिया मझोला निवासी विनोद कुमार के साथ डिंपल को बग्गा चौवन के जंगल ले गया, जहां दोनों ने डिंपल की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी और शव व चाकू को घनी झाड़ियों में फेंक दिया था।

    पुलिस ने नीरज की निशानदेही पर डिंपल का शव व चाकू को बग्गा चौवन की झाड़ियों से बरामद किया। पुलिस पूछताछ में नीरज ने दहेज के लिए डिंपल की हत्या करने की बात कबूली थी, जिस पर पुलिस ने डिंपल की गुमशुदगी में दहेज के लिए हत्या करने व साक्ष्य छिपाने की धाराओं में बढ़ोतरी कर नीरज एवं उसके चाचा को गिरफ्तार कर लिया था।

    इस मामले की विवेचना तत्कालीन उपनिरीक्षक अनिल कुमार, पुलिस क्षेत्राधिकारी भूपेंद्र सिंह भंडारी एवं मनोज ठाकुर ने की थी। पुलिस ने 24 नवंबर 2020 को आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किए। अपर सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सौरभ ओझा ने 16 गवाहों को पेश किया।

    दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपर जिला सत्र न्यायाधीश मुंडे ने दोषी पति बानूसी निवासी नीरज कोहली को धारा 302 में आजीवन कारावास, धारा 201 में तीन वर्ष एवं 304बी में सात वर्ष के कारावास के साथ ही 25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है, जबकि बिरिया मझोला निवासी विनोद कुमार को धारा 302 में आजीवन कारावास, धारा 201 में तीन वर्ष की सजा सुनाई। साथ ही 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। दोनों दोषियों को न्यायिक अभिरक्षा में हल्द्वानी उपकारागार भेज दिया गया।