ऊधम सिंह नगर में इस अस्पताल में छापा, सीएम धामी से की गई थी शिकायत, जांच टीम को मिली ये गड़बड़ी
Udham Singh Nagar News स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल की संचालिका डॉ. शिवानी सिंघल से जरूरी पूछताछ कर निर्धारित समय में जवाब देने की आदेश दिए हैं। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन टीम के सामने अस्पताल से जुड़े कई कागजात नहीं पेश कर पाए।

जागरण संवाददाता, काशीपुर : Udham Singh Nagar News: चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशक कुमाऊं मंडल नैनीताल डा. तारा आर्या के नेतृत्व में स्वास्थ्य की टीम ने मुरादाबाद रोड स्थित राममूर्ति अस्पताल में अनियमितताओं की शिकायत पर छापा मारा। अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कुमाऊं कमिश्नर से और सीएम, पोर्टल पर शिकायत की गई थी। टीम ने कागजात की जांच-पड़ताल के साथ ही महिला चिकित्सक के बयान दर्ज किए। इस अस्पताल में राजकीय चिकित्सालय से मरीजों को रेफर किए जाने की शिकायत की गई थी। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच में जुटी है।
नहीं दिखा सके कोई कागजात
शुक्रवार को मुरादाबाद रोड स्थित राममूर्ति अस्पताल पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत को दिए पत्र में एक शिकायत के आधार पर छापा मारा गया। इस दौरान टीम ने अस्पताल की संचालिका डॉ. शिवानी सिंघल से जरूरी पूछताछ कर निर्धारित समय में जवाब देने की आदेश दिए हैं। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन स्वास्थ्य विभाग की टीम के सामने काफी देरी तक इंतजार करने के बाद भी अस्पताल से जुड़े कई कागजात नहीं पेश कर पाए। टीम में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशक कुमायूं मंडल नैनीताल डॉ. तारा आर्या, सीएमएस डॉ. कैमाश राणा, डॉ. हरीश पंत आदि शामिल रहे।
तो सरकारी अस्पताल से मरीजों को प्राइवेट में शिफ्ट करने का खेल
एलडी भट्ट अस्पताल में अनुबंध के तौर पर जुड़ी महिला चिकित्सक पर अप्रेैल 2022 में भी मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट करने का दवाब बनाने और आाशाओं के जरिये मरीजों से उगाही का आरोप लग चुका है।
- काशीपुर के एलडी भट्ट अस्पताल में प्रैक्टिस करने वाले अधिकांश अनुबंधित चिकित्सक प्राइवेट मरीज देखते हैं और किसी न किसी अस्पताल से जुड़े हुए हैं।
- इन अस्पतालों के लिए बकायदे सरकारी अस्पताल में इनके एजेंट काम करते हैं जो चिकित्सकों के निर्देश के बाद इनहें बेहतर इलाज के नाम पर प्राइवेट अस्पतालों में शिफ्ट कराया जाता है।
- सूत्रों की माने तो एलडी भट्ट में आने वाले मरीजों को शिफ्ट करने के लिए पूरा नेटवर्क काम करता है। जिसमें सरकारी से प्राइवेट लाने के लिए बीच में दलाल काम करते हैं।
सरकारी अस्पताल में भी मरीजों से उगाही
काशीपुर के एलडी भट्ट राजकीय अस्पताल में डिलीवरी यानी प्रसव के नाम पर अवैध वसूली का खेल का खुलासा महिला आयोग की उपाध्यक्ष शायरा बानो के निरीक्षण के दौरान हुआ था। इसमें जब अस्पताल में भर्ती मरीजों ने आशा और डॉक्टरों के खेल को उनके सामने रख दिया। उनका साफ आरोप था कि उनसे ऑपरेशन के नाम पर 5000 रुपये की डिमांड की जाती है।
डिलीवरी में डर दिखाकर निजी अस्पताल में किया जा रहा शिफ्ट
गर्भवती महिलाओं को पहले सरकारी अस्पताल के जरिये ही चिकित्सक अपने साथ जोड़ते हैं। इसके बाद डिलीवरी के समय अव्यवस्थाओं का हवाला देकर उन्हें प्राइवेट अस्पतालों में शिफ्ट किया जाता है। मामले में लगातार स्वास्थ्य विभाग से शिकायत के बाद विभाग अपने कुंभकरणीय नींद में सोया रहता है।
सरकारी अस्पताल में नौकरी प्राइवेट बनाकर हो रही प्रैक्टिस
अनुंबध के नाम पर सरकारी अस्पताल से मोटी रकम उठाई जा रही है लेकिन अधिकांश चिकित्सक खानापूर्ति ड्यूटी के बाद अपने प्राइवेट अस्पताल में मरीजों का इलाज करते हैं। आरोप है कि इनका अनुंबध के जरिये अस्पताल में मरीज समेटने के लिए अपनी ड्यूटी देते हैं। सभी अनुंबंधित चिकित्सकों का अपना अस्पताल बना है या किसी अस्पताल से वे जुड़े हुए हैं।
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