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    काशीपुर में दहेज का मुकदमा वापस नहीं लेने पर पत्नी को दिया तीन तलाक

    By abhay pandeyEdited By: Skand Shukla
    Updated: Mon, 31 Oct 2022 08:34 PM (IST)

    दहेज में दो लाख रुपये व एक कार की मांग पूरी नहीं होने पर ससुरालियों ने विवाहिता को मारपीट कर घर से निकाल दिया। इसके बाद दहेज उत्पीड़न का मुकदमा वापस नहीं लेने पर पति ने तीन तलाक दे दिया।

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    कोर्ट के आदेश पर पति सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज!

    जागरण संवाददाता, काशीपुर : दहेज में दो लाख रुपये व एक कार की मांग पूरी नहीं होने पर ससुरालियों ने विवाहिता को मारपीट कर घर से निकाल दिया। इसके बाद दहेज उत्पीड़न का मुकदमा वापस नहीं लेने पर पति ने तीन तलाक दे दिया। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने पति सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

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    विजयनगर नई बस्ती निवासी गुलशन जहां पुत्री शफीक अहमद ने न्यायिक मजिस्ट्रेट काशीपुर के न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि उसका विवाह 3 मार्च 2017 में बब्लू निसार उर्फ बिलाल पुत्र निसार अहमद निवासी मोहल्ला अफगानान कस्बा व थाना शेरकोट जिला बिजनौर के साथ मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार हुआ था।

    निकाह के बाद उसका पति बब्लू निसार उर्फ बिलाल, सास चांद परवीन, ननद शनोवर, चचिया ससुर इरशाद व जेठ अन्जार अहमद उससे दहेज में दो लाख रुपये नकद व एक कार की मांग करते थे। मांग पूरी नहीं होने पर ससुराल वाले उसका मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न करने लगे और मारपीट कर घर से निकाल दिया।

    पीड़िता ने कोतवाली काशीपुर में मुकदमा दर्ज कराया तथा परिवार न्यायालय द्वारा खर्चे का मुकदमा उसके हक में किया है। उसने एक रिकवरी का मुकदमा 5 जुलाई 2022 को परिवार न्यायालय में नियत था। उसका पति बब्लू निसार उर्फ बिलाल काशीपुर न्यायालय में आया था, कोर्ट में कार्यवाही के बाद जैसे ही वह कोर्ट के बाहर आयी तो सड़क पर उसके पति बब्लू निसार उर्फ बिलाल ने उसको गाली गलौच करते हुए जान से मारने की धमकी दी। कहा कि अपने मुकदमे वापस ले ले, नहीं तो तुझे तलाक देकर तेरी जिन्दगी खराब कर दूंगा।

    उसने मुकदमे वापस लेने से मना किया तो बब्लू निसार उर्फ बिलाल ने पीड़िता को उसके पिता शफीक अहमद व भाई मौ. सिराज अहमद के सामने तीन तलाक बोल दिया। 18 जुलाई 2022 को थाना आईटीआई में तहरीर दी। परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई।

    इसके बाद उसने 25 अगस्त 2022 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई। इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके बाद पीड़िता ने धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर कार्रवाई की मांग की। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।