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    Swatantrata Ke Sarthi: उत्‍तराखंड का पहला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बना नजीर, कूड़े से रोज बन रही 2.5 मेगावाट बिजली

    Updated: Sun, 11 Aug 2024 09:59 AM (IST)

    Swatantrata Ke Sarthi प्रदेश का पहला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट शुरू होने के बाद कंपनी अपनी बिजली के मामले में आत्मनिर्भर हो चुकी है। काशीपुर व रुद्रपुर क्षेत्र का 100 टन कूड़ा प्रतिदिन निस्तारण के बाद बहल पेपर मिल में 2.5 मेगावाट बिजली रोज तैयार की जा रही है। दावा यह भी है कि उत्तराखंड के पालीथिन कचरे का एक तिहाई कूड़ा प्रबंधन इस बायलर में किया जा सकता है।

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    Swatantrata Ke Sarthi: काशीपुर व रुद्रपुर क्षेत्र से 18 टन कूड़े से रोजाना बनाई 2.5 मेगावाट बिजली

    अभय कुमार पांडेय, जागरण काशीपुर । Swatantrata Ke Sarthi: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की पहल से अच्छी शुरुआत हुई है। काशीपुर व रुद्रपुर क्षेत्र का 100 टन कूड़ा प्रतिदिन निस्तारण के बाद बहल पेपर मिल में 2.5 मेगावाट बिजली रोज तैयार की जा रही है।

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    प्रदेश का यह पहला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट शुरू होने के बाद कंपनी अपनी बिजली के मामले में आत्मनिर्भर भी हो चुकी है। इससे जहां औद्योगिक कूड़े से राहत मिल रही है, वहीं प्रदेश में बिजली उत्पादन में यह नया प्रयोग है। काशीपुर ही नहीं, पूरे तराई क्षेत्र के उद्योगों एवं नगर निकायों के कूड़े का प्रबंधन करने की क्षमता इस प्लांट में है।

    दावा यह भी है कि समूचे उत्तराखंड के पालीथिन कचरे का एक तिहाई कूड़ा प्रबंधन इस बायलर में किया जा सकता है। इस साल रुद्रपुर व काशीपुर नगर निगम का 16 हजार टन कूड़े का निस्तारण कर इसके जरिये बिजली बनाई जा चुकी है।

    ग्रीन एनर्जी प्राप्त की जाएगी

    बहल पेपर मिल के एमडी नवीन झांजी का कहना है कि शुरुआती फेज् में काशीपुर व पंतनगर क्षेत्र के औद्योगिक क्षेत्र को जोड़ा जा रहा है। कंपनियों से निकलने वाली पालीथिन व अन्य वेस्ट प्रोडक्ट को यहां लाया जाएगा। इसके साथ ही काशीपुर नगर निगम को भी इससे जोड़ लिया गया है।

    प्रदेश के निकायों में हर दिन 900 टन कूड़ा निकलता है। इसमें करीब 50 प्रतिशत आर्गेनिक वेस्ट है। 11 प्रतिशत बायोमेडिकल वेस्ट है और 21 प्रतिशत इनर्ट कूड़ा (रेत, कंक्रीट आदि) है। 140 प्रतिशत कूड़ा ऐसा होता है, जिसे उठाया ही नहीं जाता। यह कूड़ा सड़कों, नालों और अन्य स्थानों पर डंप होता है। अब इसी कूड़े का वेस्ट एनर्जी प्लांट के जरिये प्रबंधन कर ग्रीन एनर्जी प्राप्त की जाएगी।

    काशीपुर व रुद्रपुर के कूड़े के पहाड़ से मिली मुक्ति

    रोजाना निकलने वाले टनों कचरे के चलते रुद्रपुर व काशीपुर में पिछले साल तक कूड़े का पहाड़ नजर आता था। पीसीबी के प्रयास से शुरू किए गए वेस्ट एनर्जी प्लांट के जरिये कूड़े के पहाड़ से भी मुक्ति मिली है।

    नगर आयुक्त विवेक राय का कहना है कि इस साल मई और जून में हमने 50 हजार मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण किया। इसमें से आठ हजार मीट्रिक टन आरडीएफ कूड़ा बहल पेपर मिल को दिया गया है। पहले ट्रांसपोर्ट लगाकर इसे मुज्जफरनगर भेजते थे। वहीं रुद्रपुर नगर निगम से भी बहल पेपर ने आठ हजार मीट्रिक टन कूड़ा उठाया है।

    सीएम के सफल निर्देशन में हुआ संभव

    फैक्ट्री के डायरेक्टर राज भंडारी ने कहा कि प्रोजेक्ट सीएम के सफल निर्देशन में संभव हो सका है। एमडी नवीन झांजी बताते हैं कि रिड्यूस, रियूज और रिसाइकिल की अवधारणा को पूरा करने का प्रयास किया गया है।

    सीएम के सुझाव के बाद ही इतना बड़ा प्लांट काशीपुर में लगना संभव हुआ। इससे जहां एक ओर पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, वहीं यह ग्रीन एनर्जी का नया स्रोत बनकर नजीर बनेगा। आने वाले समय में काशीपुर व अन्य क्षेत्रों में प्लांट अपने बिजली उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

    पिछले एक साल में प्रोजेक्ट को लेकर बेहतर कार्य हुए हैं काशीपुर व रुद्रपुर में काफी हद तक कूड़ा निस्तारण से राहत मिली है। वहीं ग्रीन एनर्जी के रूप में कंपनी आत्मनिर्भर बनी है। इससे अन्य कंपनियों को आत्मनिर्भर बनने का प्रेरणा मिल सकेगी।

    - नरेश गोस्वामी क्षेत्रीय अधिकारी पीसीबी काशीपुर