शेयर ट्रेडिंग के नाम पर जेई से 36.79 लाख की ठगी, फेसबुक पर महिला ने लिया झांसे में हुए बर्बाद
साइबर अपराधियों ने कनिष्ठ अभियंता को शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 36.79 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया। फेसबुक पर अन्विका शर्मा नामक महिला ने दोस्ती कर निवेश का लालच दिया। हरीश चंद्र जोशी ने विभिन्न खातों में पैसे जमा किए लेकिन मुनाफा निकालने में असमर्थ रहे। बाद में टैक्स के नाम पर और पैसे मांगे जाने पर उन्हें ठगी का पता चला।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर । साइबर अपराधियों ने सरकारी विभाग में कार्यरत कनिष्ठ अभियंता को झांसे में लेकर 36.79 लाख रुपये ठग लिए। इसका पता पीड़ित को तब चला जब वह अपने डैश बोर्ड में दिख रही राशि में से एक लाख रुपये निकालने का प्रयास किया। जिसके बाद उसे अंदाजा हो गया कि वह बड़ी ठगी का शिकार हो चुका है। तहरीर पर साइबर थाने में पुलिस ने प्राथमिकी पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी है।
अमरावती कालोनी, मुखानी हल्द्वानी, जिला नैनीताल निवासी हरीश चंद्र जोशी पुत्र दया किशन जोशी ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनके फेसबुक आईडी पर एक महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। इसके बाद मैसेंजर पर उसने बात की और परिवार, नौकरी, पेशा के बारे में पूछताछ की। नाम अन्विका शर्मा बताया। कहा कि एक्सेंचर में साफ्टवेयर प्रतिनिधि है।
बातचीत का सिलसिला बढ़ा तो वाट्सएप पर बात करने लगी। इस दौरान उसने शेयर ट्रेडिंग के बारे में बताते हुए एक लिंक साझा कर इन्वेस्ट कर अच्छा मुनाफ कमाने की बात कही। कहा कि दोनों मिलकर रुपये लगाएंगे तो मुनाफा अच्छा होगा। इसके लिए उसने पहले ही उस लिंक पर हरीश की आईडी बना दी थी। जिसके बाद आइडी पर इन्वेस्ट करने के लिए मैसेज आने लगे।
हरीश की आइडी पर चैट के माध्यम से खाता विवरण आने लगा, जिसमें कुछ एकाउंट नंबर एवं यूपीआइ आइडी थी। जिसपर 10 से 22 मई तक हल्द्वानी के पीएनबी और अल्मोड़ा अर्बन कोआपरेटिव बैंक से 36 लाख 79 हजार 916 रुपये बताए गए खाते में डाल दिए गए। बताया कि उस वेबसाइट पर इन्वेस्ट की गई धनराशि का मुनाफा 6,81,238.46 डालर के रूप में में प्रदर्शित हो रहा था।
धनराशि में से एक-एक लाख डालर की धनराशि को विड्राल करने की छह बार कोशिश की, लेकिन नहीं हो पाई। इसके बाद अन्विका नाम की महिला से जब पूछा कि यह धनराशि मेरे खातों में सेटल नहीं हो पा रही है, तो उसने वेबसाइट के माध्यम से टैक्स के रूप में लगभग 47,686 डालर की और डिमांड की, जिसके बाद ठगी का अहसास हुआ। तहरीर पर साइबर सेल ने प्राथमिकी पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी है।
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