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    बाजपुर में सामने आ रहा धान खरीद में गड़बड़झाला! जो मिल है ही नहीं वहां 10 हजार टन खरीदने का फर्जी रिकॉर्ड

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 07:33 PM (IST)

    बाजपुर में धान खरीद सीजन 2025 में एक राइस मिल द्वारा 10 हजार टन धान की फर्जी खरीद का मामला सामने आया है। आरोप है कि मिल ने किसानों से धान खरीदे बिना ही पोर्टल पर गलत रिकॉर्ड दर्ज किया, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ। मिल का भौतिक अस्तित्व भी संदिग्ध है, जिससे विभागीय मिलीभगत की आशंका बढ़ गई है। मामले की जांच जारी है।

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    विभागीय मिलीभगत का अंदेशा। प्रतीकात्‍मक

    संवाद सहयोगी, जागरण बाजपुर । धान खरीद सीजन 2025 में बाजपुर क्षेत्र में एक बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। एक राइस मिल पर आरोप लग रहा है कि उसने किसानों से एक दाना धान खरीदे बिना ही पोर्टल पर 10 हजार टन खरीद का फर्जी रिकार्ड दर्ज कर सरकार को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है। यह भी जानकारी सामने आ रही है कि यह मिल धरातल पर अस्तित्वहीन है। इसमें विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत का स्पष्ट संकेत मिल रहा है।

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    पोर्टल पर अधिकृत इस राइस मिल का पता नैनीताल स्टेट हाइवे स्थित बताया जा रहा है, लेकिन मौके पर निरीक्षण के दौरान पाया गया है कि वहां केवल टीन शेड और दीवारें मौजूद हैं। कोई मिल की मशीनरी, धान प्रसंस्करण की गतिविधि तक नहीं है। मिल का कोई बोर्ड तक नहीं लगा है। परिसर में घास-फूस उगी हुई है, दरवाजे बंद हैं। इसके बावजूद मिल संचालन के लिए विभाग ने इसे पोर्टल कोड जारी किया है। पोर्टल पर 10 टन खरीद को दर्शाया गया है, जबकि जमीन पर रिकार्ड शून्य है।

    बाहरी राज्यों से धान मंगा कर ‘समायोजन’ का खेल !

    स्थानीय सूत्रों के अनुसार मिल में बाहरी राज्यों (उप्र, बिहार आदि) व अन्य जनपदों से धान ट्रकों द्वारा मंगाया जाता था। उसे कुछ दिन रखकर फिर अन्य मिलों में ट्रांसफर किया जाता था। बाहरी धान को किसानों की खरीद दिखा एमएसपी दर पर बेचा जाता था। इस खेल में मुनाफाखेरों द्वारा अवैध कमाई करने की बात कही जा रही है।

    विभागीय मिलीभगत के आरोप मजबूत

    गंभीर अनियमितताएं होने के बावजूद बिना भौतिक निरीक्षण के पोर्टल कोड जारी होने, 10 हजार टन की भारी एंट्री पर कोई सत्यापन नहीं होने, मंडियों में धान न आने की रिपोर्ट अनदेखी करने एवं मिल निरीक्षण केवल कागजों में करने आदि ऐसे सवाल हैं जिससे विभागीय लापरवाही और भ्रष्टाचार की आशंका और मजबूत हो रही है।

    किसान त्रस्त, सिस्टम भ्रष्ट

    जब किसान औने-पौने दाम में धान बेचने को मजबूर थे, उसी समय कुछ लोग पोर्टल पर फर्जी खरीद दिखाकर सरकारी धन की लूट में लगे थे। इसने किसानों की कमर तोड़ दी, जबकि कुछ लोग अपना स्वार्थ साधने में लगे रहे। ऐसे में इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, जिसमें एसआईटी या विजिलेंस द्वारा जांच करवाने, पोर्टल एंट्री का विशेष आडिट करवाने, मिलर्स व आढ़तियों के बैंक खातों की जांच करवाने, संबंधित अधिकारियों का निलंबन व एफआईआर करवाने, बाहरी ट्रकों की बिल्टी, ई-वे बिल की जांच करवाने, किसानों की सूची व रिकार्ड का सत्यापन करवाने की मांग कुछ किसान संगठन कर रहे हैं।

    बिना धान खरीदे पोर्टल पर दस हजार टन धान खरीद का रिकार्ड अंकित होना गंभीर मामला है। इंटरनेट मीडिया के जरिये मामला संज्ञान में आया था, जिसमें डीएम के आदेश पर समिति गठित कर मामले की जांच करवाई जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुरूप रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित की जाएगी। - डा.अमृता शर्मा, एसडीएम बाजपुर