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    माता निर्मला देवी का 98वां जन्मदिवस मना रहे हैं सहजयोगी

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 21 Mar 2021 12:04 AM (IST)

    बाजपुर में सहजयोगीभी माता निर्मला देवी का जन्मदिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है।

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    माता निर्मला देवी का 98वां जन्मदिवस मना रहे हैं सहजयोगी

    संवाद सहयोगी, बाजपुर : भारत के मध्य प्रदेश के छिदवाड़ा नामक स्थान पर 21 मार्च 1923 को माता निर्मला देवी का जन्म हुआ था। जन्म के समय उनके चेहरे की चमक देखते हुए उनके माता-पिता ने उनका नाम निर्मला रख लिया। माताजी आत्म साक्षात्कार की पूर्ण विधि बचपन से ही जानती थी, जो आज मानव जाति के लिए अद्वितीय उपहार साबित हो रहा है।

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    उत्तराखंड सहजयोग के स्टेट कोआíडनेटर धर्मेंद्र सिंह बसेड़ा जानकारी देते हुए बताया कि माता जी निर्मला देवी के माता-पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर भाग लिया था। पिता प्रशांत राव साल्वे महात्मा गांधी के करीबी व भारत के संविधान सभा के सदस्य थे। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में निर्मला देवी ने महात्मा गांधी के साथ भाग लिया। अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें दो बार संगठन में भाग लेने पर जेल में डाल दिया था, एक बार उन्हें बर्फ पर लिटा कर भी प्रतारणा दी गई। निर्मला देवी का 1947 में पद्म विभूषित आईएएस सीपी श्रीवास्तव से विवाह हुआ। सीपी श्रीवास्तव लाल बहादुर शास्त्री के सचिव भी रहे, जिन्हें 2006 में भारत के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों लाल बहादुर शास्त्री पुरस्कार प्राप्त हुआ। 5 मई 1970 को जब वह अकेली मुंबई से 150 किलोमीटर दूर गुजरात के नारगोल नामक गांव के समुद्र किनारे पर बैठी थी, तो उन्हें आध्यात्मिक उत्थान का अनुभव प्राप्त हुआ, तभी से उन्होंने ऐतिहासिक आत्म साक्षात्कार का कार्य प्रारंभ किया। वर्तमान में विश्व के 150 देशों से अधिक लाखों लोग आंतरिक परिवर्तन का लाभ उठा रहे हैं। मुंबई और नोएडा में दो अस्पतालों की स्थापना की, जिनमें चैतन्य शक्ति के माध्यम से लोगों को स्वस्थ किया जाता है। उन्होंने कई सहज स्कूलों की भी स्थापना की है जिसमें सहजयोग विधि द्वारा विद्याíथयों में नैतिक, सामाजिक व आध्यात्मिक गुणों का विकास किया जाता है। श्रीमाताजी निर्मला देवी ने नोएडा में अनाथ महिलाओं, बच्चों के लिए विश्व निर्मल प्रेम आश्रम की स्थापना, पीके साल्वे कला प्रतिष्ठान, भारतीय संगीत कला को बढ़ाने के लिए स्थापना की है। 24 फरवरी 2011 को कबेला इटली में उन्होंने अपना मानव देह त्याग दिया था, उनकी सहजयोगियों ने दिल्ली छावला कैंप में समाधि बनाई है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में इस समय 35 सहजयोग ध्यान केंद्र एचएच श्रीमाताजी निर्मला देवी सहजयोग नेशनल ट्रस्ट के अधीन संचालित हैं जिनमें हजारों की संख्या में सहजयोगी साप्ताहिक ध्यान करने को जाते हैं। 21 मार्च को सभी ध्यान केंद्रों पर जन्म उत्सव मनाया जाएगा। साथ ही जन्म स्थल छिदवाड़ा से सायं 5 बजे ऑन लाइन प्रसारण होगा।