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    Rudrapur Fire: रुद्रपुर में तीन मंजिला इमारत में आग, इंडसइंड बैंक के तीन कर्मी फंसे

    By Jagran NewsEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Tue, 20 Jun 2023 09:39 AM (IST)

    Rudrapur Fire नैनीताल-हाईवे स्थित तीन मंजिला इमारत में आग लग गई। आग ने इंडसइंड बैंक एलीमेट स्टोर मसाला टाउन और आर्बिट ग्लोबल कार्यालय को भी चपेट में ले लिया। दमकल के पांच वाहनों ने डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

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    Rudrapur Fire: नैनीताल-हाईवे स्थित तीन मंजिला इमारत में आग लग गई।

    जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : Rudrapur Fire: नैनीताल-हाईवे स्थित तीन मंजिला इमारत में आग लग गई। आग ने इंडसइंड बैंक, एलीमेट स्टोर, मसाला टाउन और आर्बिट ग्लोबल कार्यालय को भी चपेट में ले लिया। प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारी किसी तरह बाहर निकले। जबकि इंडसइंड बैंक के तीन कर्मचारी इमारत में फंस गए। दमकल के पांच वाहनों ने डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

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    साथ ही जान बचाने इमारत की छत पर पहुंचे तीनों कर्मचारियों का रेस्क्यू कर पुलिस और फायर कर्मियों ने उन्हें सही सलामत बाहर निकाला। फिलहाल आग से हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। नैनीताल हाईवे किनारे स्थित राजेश डाबर की तीन मंजिला इमारत है। इसके पहले फ्लोर पर एलीमेट स्टोर की दुकान और इंडसइंड बैंक की शाखा हैं। दूसरी मंजिल पर मसाला टाउन व तीसरी मंजिल पर बैंक का अन्य फाइनेंस सहित आर्बिट ग्लोबल का कार्यालय है। सोमवार सायं साढ़े तीन बजे के करीब अचानक इंडसइंड बैंक और एलीमेट स्टोर की तरफ से सीढ़ियों के पास अज्ञात कारणों से आग लग गई।

    वहां मौजूद कर्मचारी कुछ समझ पाते, तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। यह देख बैंक समेत अन्य कार्यालय और रेस्टोरेंट में काम करने वाले लोग जान बचाकर बाहर की ओर भागे। लेकिन तीसरी मंजिल स्थित इंडसइंड बैंक के कार्यालय में काम कर रहे आरिफ, प्रिंस बजाज और मोहित शर्मा आग के बीच फंस गए। किसी तरह वे इमारत की छत पर पहुंचे।

    इमारत पर लगी आग की सूचना पर एसडीएम मनीष बिष्ट, सीएफओ वंश बहादुर यादव, थानाध्यक्ष ट्रांजिट कैंप, एफएसओ गिरीश सिंह बिष्ट, आवास विकास चौकी प्रभारी नीमा बोहरा दमकल और पुलिस टीम के साथ वहां पहुंचे। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद दमकल के पांच वाहनों ने आग पर काबू पाया। इसके बाद दमकल और पुलिस की एक टीम ने छत पर फंसे हुए तीनों लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला। आग से तीन बाइक समेत एक स्कूटी भी जल गई। दमकल विभाग आग से हुए नुकसान का आंकलन करते हुए कारणों की जांच कर रहा है।

    घटना के बाद हाईवे पर लग गया जाम

    घटना के बाद नैनीताल हाईवे से गुजरने वाले चालकों ने अपने वाहन रोक लिए। साथ ही आसपास रहने वाले लोग भी मौके पर एकत्र हो गए। इससे नैनीताल हाईवे पर जाम लग गया, जिससे दमकल वाहनों को मौके पर पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस ने भीड़ को हटा यातायात व्यवस्था संचालित की।

    सिद्धि विनायक अस्पताल तक पहुंची आंच

    आग लगने के बाद तत्काल दमकल के वाहन मौके पर पहुंच गए और आग पर काबू पाने का प्रयास करने लगे। इस दौरान आग की आंच तीन मंजिला इमारत से सटे सिद्धि विनायक अस्पताल तक पहुंचती, इससे पहले दमकल कर्मियों ने काबू पा लिया। नहीं तो अस्पताल में भर्ती मरीजों को भी खतरा हो सकता था।

    आग में फंसे इंडसइंड बैंक के तीन कर्मचारियों को रेस्क्यू कर तीन मंजिला इमारत की छत से निकाला गया है। आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। आग से हुए नुकसान का भी आंकलन किया जा रहा है।

    -वंश बहादुर यादव, सीएफओ, ऊधम सिंह नगर

    नैनीताल हाईवे स्थित इमारत में लगी आग से जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। इमारत के अंदर बने कार्यालयों को काफी नुकसान हुआ है। अग्निकांड से उनकी बिल्डिंग के बाहरी हिस्से का नुकसान हुआ है। नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।

    -राजेश डाबर, भवन स्वामी

    घटना के दौरान अपने स्टोर में बैठा था। स्टोर के आगे खड़े वाहनों को उन्होंने लोगों की मदद से हटाया, लेकिन स्टोर कर्मियों की तीन बाइक जल गई। साथ ही स्टोर के एसी समेत अन्य सामान को भी नुकसान हुआ है।

    -मोहित दुआ, एलीमेट स्टोर

    छह माह पहले मसाला टाउन नाम से रेस्टोरेंट खोला था। आग की सूचना मिलने पर वह मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक रेस्टोरेंट जलकर राख हो गया था। आग से 40 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है।

    -विकास बाठला, मसाला टाउन स्वामी

    कुछ माह पहले ही आर्बिट ग्लोबल कार्यालय खोला था। अग्निकांड से कार्यालय में रखा लाखों का सामान जल गया है। आग से कितना नुकसान हुआ है, उसका आंकलन किया जा रहा है।

    -वंश डाबर, आर्बिट ग्लोबल संचालक

    बुद्धिमानी से बैंक कर्मी की बाल बाल बची जान

    कहते हैं विनाश काले विपरित बुद्धि.. यानी विनाश का समय नजदीक आता है तो दिमाग काम करना बंद कर देता है और विपरीज दिशा बताता है, लेकिन सोमवार को नैनीताल रोड स्थित टावर में लगी आग के बाद ऐसी विषम परिस्थिति में भी बैंक कर्मी के दिमाग ने न सिर्फ खुद की जान बचाई, बल्कि दो अन्य साथियों की जिंदगी भी बचाई। कर्मियों ने पूरी तरह जान बचाने की हिम्मत जुटा ली थी और हेलमेट भी पहन लिया था। जिससे पास के अस्पताल की छत पर कूदने पर सिर को चोट से बचाया जा सके।

    यदि आग तीसरी मंजिल पर पहुंचती तो आग से झुलसने से बचना संभव नहीं था, इसलिए कूदने की पूरी तैयारी कर ली थी। हालांकि तीसरी मंजिल पर आग पहुंचने से पहले ही अग्निशमन विभाग ने आग पर काबू पा लिया। जिससे कर्मियों के चेहरे पर नई जिंदगी मिलने की खुशी दिख रही थी। ऊधम सिंह नगर में बहुत से ऐसे माल, बिल्डिंग, टावर, गेस्ट हाउस, होटल संचालित हैं, जो फायर और भवनों के नक्शों के मानक को पूरा नहीं कर रहे हैं। या फिर भवन का निर्माण किसी अन्य उपयोग के लिए कराया गया है और मौके पर कुछ और प्रयोग किया जा रहा है।

    यही कारण है कि आए दिन भीषण आग की चपेट में लाखों के नुकसान होने के साथ ही जिंदगी भी दाव पर लग रही है। जी हां, कुछ ऐसा ही मामला सोमवार को देखते को मिला। नैनीताल रोड स्थित तीन मंजिला बिल्डिंग में आग लग गई। इसमें इंडसंड बैंक शाखा है। घटना के वक्त कुछ कर्मचारी दूसरे मंजिल के कार्यालय में बैठकर काम कर रहे थे। जिसमें मोहित शर्मा अपने दो अन्य साथियों संग थे। नीचे शाट सर्किट से बिल्डिंग में आग लगने की भनक उन्हें बाद में लगी। जब तक वह कुछ समझ पाते बाहर सीढ़ियों की तरफ भागे तो धुंआ और आग की लपटें आने लगीं।

    आग सीढ़ी के पास लगी थी, इसलिए कर्मियों को नीचे उतर नहीं पाए थे और इनके पास अंतिम मंजिल की छत पर जाने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा था। बामुश्किल जान बचने के बाद बाहर आए मोहित ने दैनिक जागरण से बातचीत के दौरान बताया कि मौत के मुंह से बचकर आए हैं। बताया कि आग की लपटें सीढ़ियों पर आने की वजह से एक पल के लिए उन्हें लगा की अब वह फंस गए। चंद मिनट के बाद ही मोहित ने दोनों साथियों से तेजी से छत की ओर बढ़ने के लिए इशारा किया।

    तीनों नीचे न जाकर छत पर चले गए। इधर तब तक अग्निशमनकर्मी पहुंचकर आग बुझाने लगे। बताया कि आग इतना भयावह था, कि बचने की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी। सुरक्षा की दृष्टि से मोहित और उनके दोनों अन्य साथियों ने हेलमेट पहन लिया था। जान बचने के बाद काफी देर तक वह बदहवास थे। बताया कि जिस भवन में आग लगी थी, उसी से सटा सिद्धि विनायक अस्पताल की छत पर कूद जाते हैं। अस्पताल के मंजिला है। हालांकि कुछ लोगों ने अस्पताल की छत से एल्युमिनियम की सीढ़ी लगाकर फंसे लोगों को निकालने की कोशिश की,मगर सीढ़ी छोटी पड़ गई थी। लिहाजा सीढ़ी काम में नहीं आ सकी। कर्मियों ने कहा कि जान बच गई। यदि अस्पताल की छत पर कूदते तो पता नहीं क्या होता।