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    राम का अभिनय करने हर साल कनाडा से उत्‍तराखंड आते हैं गौरव, एक महीने तक जमीन पर सोता है परिवार

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 04:27 PM (IST)

    रुद्रपुर के गौरव अरोरा जो कनाडा में इंजीनियर हैं हर साल इंदिरानगर की रामलीला में राम की भूमिका निभाने आते हैं। 2014 से राम का किरदार निभा रहे गौरव कनाडा में रहते हुए भी रिहर्सल करते हैं और सात्विक जीवनशैली अपनाते हैं। एक महीने तक जमीन पर सोना और बिना प्याज-लहसुन का भोजन करना उनकी दिनचर्या का हिस्सा है। उनके पिता और भाई भी भूमिका निभाते हैं।

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    रामलीला में राम की भूमिका में कनाडा से आए गौरव अरोरा। जागरण

    अनुज सक्सेना, जागरण रुद्रपुर। श्रीराम की लीला निराली है। जो राम में रम गया फिर वह उनकी भक्ति के बिना चैन नहीं पाता है। अपनी माटी व संस्कृति से जुड़ाव रखने वाले रुद्रपुर निवासी गौरव अरोरा एक ऐसा ही उदाहरण हैं।

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    कनाडा में कार्यरत हनुमान भक्त गौरव हर साल अपने अराध्य के भी अराध्य यानी प्रभु श्रीराम की लीला का मुख्य पात्र बनने पहुंचते हैं। वह शहर की प्रसिद्ध इंदिरानगर की रामलीला में श्रीराम की भूमिका निभाते हैं। प्रभु की भक्ति में लीन गौरव अभिनय को जीवंतता देने के लिए कनाडा में ही रिहर्सल करते हैं। एक माह जमीन पर सोने से लेकर खानपान में भी सात्विक दिनचर्या अपनाते हैं।

    कनाडा में इंजीनियर हैं गौरव अरोरा

    रुद्रपुर के व्यवसायी राजकुमार भुसरी के 37 वर्षीय पुत्र गौरव अरोरा कनाडा में इंजीनियर हैं। वहीं पर उनकी पत्नी सीनम भी बैंक में अफसर हैं। गौरव बताते हैं कि पूरा परिवार रुद्रपुर में ही रहता है। उन्हें कनाडा में बसे छह साल से अधिक हो गए। 15 साल से इंदिरानगर की रामलीला से जुड़े हैं। सबसे पहले कामदेव, सुमंत, सुग्रीव का अभिनय किया। 2014 से लगातार श्रीराम का अभिनय कर रहे हैं।

    कहते हैं, मैं हनुमान जी की पूजा हर रोज करता हूं और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम तो मेरे प्रभु के भी प्रभु हैं। मंच पर उनकी भूमिका को निभाना स्वयं में बड़ी भक्ति है।

    गौरव बताते हैं कि कनाडा से आने में एक व्यक्ति का करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च होता है लेकिन श्रीराम की भक्ति उनको खींच लाती है। अपनी माटी व संस्कृति से लगाव ही है कि वह हर साल पत्नी के साथ रामलीला के दौरान आ जाते हैं। यह प्रभु श्रीराम की ही कृपा होगी कि आज तक कभी पेशागत व्यस्तता केबीच रामलीला में आने में दिक्कत नहीं आई। एक माह की सात्विक दिनचर्या में वह बिना प्याज-लहसुन के भोजन करते हैं।

    नवरात्र से रामलीला का मंचन शुरू हो गया है। गौरव का अभिनय इसमें विशेष आकर्षण का केंद्र बना है। अब पांच अक्टूबर को दशहरा के बाद वह फिर कनाडा रवाना हो जाएंगे।

    पिता व भाई भी निभाते हैं भमिू का

    गौरव के पिता राजकुमार भुसरी भी चकौनी गांव की रामलीला में वर्ष 1991 से सुग्रीव और हनुमान का किरदार निभाते आ रहे हैं। कई साल तक उनके अभिनय को देखते हुए ही गौरव में भी भक्ति व आस्था जागी। छोटा भाई सौरभ भुसरी दरबारी व अंगद आदि रोल निभाते हैं। पिता-भाई कहते हैंअभिनय से उन्हें ऊर्जा मिलती है।