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    'अंगूठे के निशान मिट गए साहब! लेकिन पेट की भूख कैसे मिटेगी', काशीपुर के बुजुर्ग दंपती की गुहार सुन भर आएगी आंख

    Updated: Sat, 06 Dec 2025 08:32 PM (IST)

    काशीपुर के एक बुजुर्ग दंपती अपनी गरीबी और बेबसी की कहानी सुना रहे हैं। उनके अंगूठे के निशान मिट जाने के कारण उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा ...और पढ़ें

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    बुजुर्ग दंपती। जागरण

    जागरण संवाददाता, काशीपुर । इस माह राशन नहीं मिला। कई बार डिपो का चक्कर लगाने पर हम बुजुर्ग पति-पत्नी दोनों में से किसी का अंगूठा मशीन पर नहीं लगा। निशान मिट गए हैं साहब...लेकिन राशन न मिलने से पेट की भूख अब कैसे मिटेगी.. ये बात बुजुर्ग दंपती ने दैनिक जागरण से बातचीत के दौरान कही। कहा कोई बताने को तैयार नहीं कि अब वह क्या करें, इसके लिए विभागों के चक्कर काट रहे हैं।

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    सस्ते गल्ले की दुकान में पारदर्शिता के लिए पिछले कुछ वर्षों में कई परिवर्तन हुए हैं। रजिस्टर से वितरण प्रणाली खत्म करके अब बायोमेट्रिक व थंब इंप्रेशन से कर दिया है। ऐसे में कई लोग परेशान भी हो रहे हैं। बांसखेड़ा निवासी दर्शन कौर का अंत्योदय राशन कार्ड वर्ष, 2021 में बना था। इसमें तीन यूनिट दर्ज हैं, जिसमें एक पुत्र और दंपती हैं।

    शनिवार को बुजुर्ग दंपती ब्लाक कार्यालय पहुंचे थे। बताया कि इस माह जब वह राशन लेने डिपो पहुंचे तो उनका थंब इंप्रेशन नहीं हो पाया। कई बार प्रयास के बाद पति जगन्नाथ का अंगूठा लगाया तो वह भी नहीं लिया। इसके बाद उन्हें राशन नहीं दिया गया। तब से वह कभी डिपो के, कभी ब्लाक के चक्कर काट रहे हैं। ऐसी स्थिति में न तो उन्हें डिपो संचालक से कोई राहत मिली और न ही ऐसी स्थिति में मार्गदर्शन मिला।