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    उत्‍तराखंड के ऊधमसिंह नगर में मरीं चार हजार मुर्गियां, लेकिन बर्ड फ्लू की जांच रिपोर्ट निगेटिव; हड़कंप

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 06:44 PM (IST)

    तराई में अज्ञात बीमारी से मुर्गियों की मौत हो रही है जबकि बर्ड फ्लू की रिपोर्ट निगेटिव आई है। ऊधम सिंह नगर में एक सप्ताह में लगभग चार हजार मुर्गियां मर चुकी हैं। पंतनगर विवि के फार्म से भेजे गए नमूनों में बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है। वैज्ञानिक अब मौत के कारणों का पता लगाने में जुटे हैं और कुक्कुट पालकों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं।

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    पंत विवि के विज्ञानी मौत का कारण खोजेंगे। प्रतीकात्‍मक

    संवाद सूत्र, जागरण पंतनगर । बर्ड फ्लू के बीच ऊधम सिंह नगर में एक सप्ताह में करीब चार हजार मुर्गियां मर चुकी हैं। किच्छा के बाद अब पंतनगर व खटीमा में भी बड़ी संख्या में मुर्गियों की मौत का मामला सामने आ गया है।

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    पंतनगर में मौत का कारण जानने के लिए भेजे गए सैंपलों की रिपोर्ट आ गई है। भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान परिषद बरेली से आई सैंपल की जांच रिपोर्ट में बर्ड फ्लू होने की पुष्टि नहीं की गई है।

    तराई में इन दिनों बर्ड फ्लू फैला हुआ है। बागेश्वार के कौसानी में और फिर ऊधम सिंह नगर के किच्छा में बर्ड फ्लू की दस्तक ने हड़कंप मचा दिया था। अब और चौकाने वाला प्रकरण प्रकाश में आया है। पंतनगर विवि के कुक्कुट फार्म में पिछले एक सप्ताह में दो हजार मुर्गियों की मौत हो गई। जिसके बाद विवि की ओर से जांच के लिए मुर्गियों का सैंपल भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान परिषद बरेली भेजा था।

    विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पांचों सैंपल निगेटिव मिले हैं। यानी इन मुर्गियों की मुत्युृ बर्ड फ्लू से नहीं पाई गई है। ऐसे ही खटीमा में मरी मुर्गियां में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई। ऐसे में आखिरकार मौत हो किन कारणों से रही है, इसको लेकर पंत विवि के विज्ञानी मुर्गियों की मौत का कारण खोजने में जुट गए हैं।

    विवि के विज्ञानी डा. एएच अहमद ने बताया कि बर्ड फ्लू से मुर्गियों की मौत नहीं हुई थी, लेकिन किस कारणों से माैत हुई इसका पता लाया जाएगा। साथ ही उन्होंने कुक्कुट पालकों के लिए सावधानी बरतने के निर्देश भी दिए हैं।

    फार्म में यह रखे सावधानी

    - बाहरी व्यक्तियों को फार्म में आना-जाना प्रतिबंधित करें।

    - मुर्गियों के फार्म में काम करने वाले कर्मचारियों को सैनिटाइज करें मास्क पी किट ग्लव्स कर शूज पहन कर ही फार्म में जाने दे।

    - बाहर से आने वाले वाहनों को बिना धूल और सैनिटाइज फार्म में ना आने दें।

    - फार्म के अंदर सोडियम हाइपोक्लोराइट दो प्रतिशत या चार प्रतिशत फार्मलीन पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

    - फार्म क्षेत्र के अंदर शेड कार बाड़ों के अंदर बाहर चूने की पुताई कराएं।

    - फार्म में लगने वाले औजार को सोडियम के पानी में डुबोकर ही उसका इस्तेमाल करें।

    मुर्गियों का स्वास्थ्य एवं रखरखाव

    - मुर्गियों में रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के सप्लीमेंट दें जैसे - विटामिन, मिनरल, लिवर टानिक, इंन्युनिटी बूस्टर का प्रयोग करने से रोग प्रतिरोध क्षमता में वृद्धि की जा सकती है। जिससे मुर्गियों का बचाव किया जा सकता है।

    - व्यावसायिक प्रजाति की तुलना में देसी प्रजाति के मुर्गियां की प्रतिरोध क्षमता अच्छी होती है।

    रोग लक्षण मिलने पर कैसे करें बचाव

    - जैसे ही रोग के लक्षण दिखें रोग ग्रस्त मुर्गियों को अलग कर लें।

    - जिसमें रोग पाए गए हो तुरंत जीवाणु विष्णु रोधी दवाइयों का स्प्रे करें।

    - यदि आसपास बर्ड फ्लू की समस्या प्रतीत हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेकर उन मुर्गियों की जांच करवायें।

    - यदि किसी मुर्गी की मृत्यु हो जाए तो तुरंत मुर्गियों को गहरा गड्ढा बनाकर चुनाव एवं फिनायल डालकर अमृत मुर्गियों को दबा दें।

    - बर्ड फ्लू की पुष्टि होते ही अंडे एवं मांस की बिक्री बंद कर दें।

    मुर्गियों में पाए जाने वाले मुख्य रोग

    बर्ड फ्लू के लक्षण

    बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) से संक्रमित मुर्गियों में कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जिनमें अचानक मृत्यु, श्वसन संबंधी समस्याएं, दस्त, और सिर, गर्दन और आंखों के आसपास सूजन, अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा के कारण मुर्गियों में अचानक उच्च मृत्यु दर देखी जा सकती है।

    रानीखेत रोग वाइरस के यह हैं लक्षण

    - सांस लेने में तकलीफ होती है। इसलिए मुर्गियों का मुंह खुला होता है।

    - मुर्गियों को दस्त लग जाते हैं।

    - सिर, गर्दन तथा टांगों को लकवा मार जाता है।

    - मुर्गी को भूख नहीं लगी एवं कमजोर हो जाती है।

    - मुर्गियों में तापक्रम बढ़ता है। कुछ समय पश्चात सामान्य से भी कम हो जाता है।

    गंबोरो रोग

    - नैदानिक लक्षणों में सुस्ती, पतले दस्त, पंखों का उखड़ना और निर्जलीकरण शामिल हैं।