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    Mahal Singh Murder: शूटरों की गिरफ्तारी पर खुलेंगे कई राज, 3 वर्षों में हुई वारदातों में कनाडा कनेक्शन पर नजर

    By abhay pandeyEdited By: Rajesh Verma
    Updated: Sat, 22 Oct 2022 11:33 AM (IST)

    Mahal Singh Murder Case 13 अक्टूबर को कुंडेश्वरी में घर के बाहर अखबार पढ़ रहे क्रशर स्वामी महल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या बाइक सवार दो बदमाशों ने की थी। सीसीटीवी में गोली मारने वाले बदमाशों के चेहरे भी कैद हुए थे।

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    शुरुआती जांच में कई सनसनीखेज जानकारियां हाथ लगने की बात सामने आ रही है।

    अभय कुमार पांडेय, काशीपुर : Mahal Singh Murder Case: महल सिंह हत्यांकाड को लेकर पुलिस व शूटरों के बीच दूरी बढ़ती जा रही है। प्रकरण के कनाडा कनेक्शन के बाद उत्तराखंड पुलिस ने नई रणनीति तैयार की है। तराई क्षेत्र में पिछले तीन सालों में हुई वारदात में भी पुलिस कनाडा कनेक्शन तलाश रही है। इस कोण से महल सिंह के हत्यारों के साथ ही तराई की कई आपराधिक घटनाओं के भी तार खुलने की उसे उम्मीद है। शुरुआती जांच में कई सनसनीखेज जानकारियां हाथ लगने की बात सामने आ रही है।

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    13 अक्टूबर को हुई थी हत्या

    13 अक्टूबर को कुंडेश्वरी चौकी क्षेत्र के जुड़का नं. दो स्थित घर के बाहर अखबार पढ़ रहे क्रशर स्वामी महल सिंह की गोली मारकर हत्या कर बाइक सवार दो बदमाश फरार हो गए थे। पर्दाफाश के लिए एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने छह टीमों का गठन कर पंजाब, उप्र, उत्तराखंड व दिल्ली के अलग-अलग जिलों में धरपकड़ को भेजी थी। पूरे मामले में कनाडा से बदमाशों की फंडिंग और हैंडलिंग की बात सामने आई थी।

    तराई में शरण ले रहे अपराधी

    पता चला है कि इन बदमाशों का सबसे साफ्ट टारगेट शरणदाता तराई क्षेत्र बन गया है। तराई में पिछले तीन सालों की तकरीबन हर बड़ी घटना में इनका पंजाब कनेक्शन जरूर रहा है। महल सिंह मामले भी सूबे के उच्च अधिकारी अब विशेष प्लानिंग के तहत काम कर रहे हैं।

    शरणदाताओं की बनाई जा रही सूची

    तराई में अपराधियों को शरण देने वाले हाई प्रोफाइल लोगों को चिह्नित करने के लिए स्पेशल टीम जुट गई है। पंजाब से आने वाले अपराधियों को छिपने के लिए बड़े स्तर पर काशीपुर व अन्य क्षेत्रों में पनाह दी जा रही है। पुलिस महानिदेशक ने भी ऐसे लोगों को चिह्नित करने और विदेश भागने से पहले उठाने के निर्देश दिए हैं।

    कनाडा जाने की तैयारी में कई शरणदाता

    पंजाब से तराई और कनाडा तक फैले इस तार को लेकर सुरक्षा एजेंसिया अलर्ट मोड पर हैं। सूत्रों की मानें तो हाल के मूवमेंट के बाद कई शरणदाता कनाडा व विदेश भागने की तैयारी में हैं। इसको लेकर लगातार संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा रही है। माना जा रहा है कि उत्तराखंड पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटा रही है।

    कब-कब आए भाड़े के शूटर

    केस- 1 : वर्ष 2017 में कांग्रेस नेता किरन सरदार की हत्या करने के लिए बिहार और छत्तीसगढ़ से भाड़े के शूटर आए थे। तब कई दिनों तक वे ट्रांजिट कैंप में किराये पर रहकर रेकी करते रहे। मौका मिलते ही उन्होंने किरन सरदार के कार्यालय में स्टेनगन से ताबड़तोड़ कई राउंड फायर कर दी थी। हालांकि बाद में पुलिस ने लोगों की मदद से उन्हें दबोच लिया था।

    केस- 2 : 17 नवंबर 2020 को सितारगंज में पुलिस पर चेकिंग के दौरान हरियाणा व पंजाब के तीन इनामी बदमाशों ने हमला कर दिया था। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जब जांच की गई तो पता चला कि वे लंबे समय से सितारगंज में किराये में रह रहे थे। गिरफ्तार बदमाश पवन पर एक लाख रुपये, मोनू पर 50 और आशीष पर 25 हजार का इनाम घोषित था।

    केस- 3 : 19 जुलाई 2021 को स्पेशल टास्क फोर्स को पंजाब के क्राइम कंट्रोल यूनिट से सूचना मिली कि वहां के खूंखार गैंगस्टर काशीपुर में शरण लिए हैं। इसके बाद एसटीएफ कुमाऊं मंडल और पंजाब की क्राइम कंट्रोल यूनिट की गैंगस्टरों से काशीपुर के गुलजारपुर गांव में मुठभेड़ हुई, जिसमें तीन गैंगस्टर समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।

    केस- 4 : 21 जनवरी की रात एसटीएफ ने पंजाब के पठानकोट में बम ब्लास्ट के साजिशकर्ता को शरण देने वाले बाजपुर और केलाखेड़ा के चार युवकों को गिरफ्तार किया। हालांकि टीम के उन तक पहुंचने से पहले ही आतंकी फरार हो गया। एसटीएफ ने आतंकी को पनाह देने वाले शेरा से पिस्टल और चार कारतूस के साथ ही तीन अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

    दोनों शूटरों की गिरफ्तारी के लिए टीमें जुटी हैं। तीन से ज्यादा राज्यों में इनके खिलाफ दबिश दी जा रही है भले ही समय लग रहा है, लेकिन बदमाश जल्द गिरफ्त में होंगे।

    -चंद्रमोहन सिंह, एसपी काशीपुर ।