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    तहसील में खसरा खतौनी लॉक, लोगों के अटके काम

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 16 Jun 2020 11:56 PM (IST)

    कोरोना महामारी के कारण लगा लॉकडाउन अब धीरे-धीरे अनलॉक हो रहा है।

    तहसील में खसरा खतौनी लॉक, लोगों के अटके काम

    जागरण संवाददाता, काशीपुर : कोरोना महामारी के कारण लगा लॉकडाउन अब धीरे-धीरे अनलॉक हो रहा है। कुछ कामों के लिए रियायतें भी मिल गई हैं, लेकिन तहसील में अभी भी लोगों की खसरा-खतौनी लॉक हैं। लोगों को खसरा-खतौनी न मिलने के कारण सरकार को राजस्व का तो नुकसान हो ही रहा है वहीं लोग न तो लोन ले पा रहे हैं और न ही अपनी जमीन क्रय-विक्रय कर पा रहे हैं। सैकड़ों लोग रोज तहसील के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।

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    खसरा-खतौनी की नकल न मिलने से इसका सीधा असर रजिस्ट्री पर पड़ा है। लॉकडाउन से पहले जहां 30-40 रजिस्ट्री रोज होती थी अब वह 5 से 10 रजिस्ट्री तक ही सिमट कर रह गई है। खतरा-खतौनी की नई नकल के बिना कोई भी व्यक्ति अपनी भूमि बेच नहीं सकता है। ऑनलाइन मिलने वाले खतौनी में चार माह पूर्व का अपडेट होता है जो सरकारी कार्यालयों में मान्य नहीं हो रहा है। इससे लोग लोन व अन्य काम नहीं कर पा रहे हैं। तहसील का रोज चक्कर काट रहे लोगों का कहना है कि जब तहसील का काम शुरू कर दिया गया है तो खतौनी काउंटर क्यों नहीं खुल रहा है यह समझ से परे है।

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    ऋण पुस्तिका का काम भी अटका

    नकल न होने से बैंकों से ऋण पुस्तिका भी नहीं बन पा रही है। इससे किसान परेशान हैं। वह इसी पुस्तिका के माध्यम से बैंक से खाद, बीज आदि के लिए कर्ज लेते हैं। बैंक भी खसरा-खतौनी की नकल मांग रहे हैं

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    बैंकों से लोन भी अटका

    तहसील का कामकाज तब तक शुरू नहीं माना जाएगा जब तक आम लोगों को खतौनी व रजिस्ट्री ऑफिस से बारहसाला नहीं निकलता। आखिर काउंटर कब खुलेगा कुछ पता नहीं चला रहा है।

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    हाल में बाहर से अपने शहर और गांवों में आए लोग लोन लेकर कोई बिजनेस करना चाह रहे हैं। बैंक जाने पर लोन के कागजात देने पर सरकारी खतौनी व 12 साला मांगा जा रहा है, लेकिन तहसील में काउंटर बंद होने के चलते वह अपना लोन भी नहीं जारी करा पा रहे हैं।

    -अशोक सक्सेना, अधिवक्ता

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    रोजाना तहसील से खतौनी निकलवाने वाले सैकड़ों लोग आ रहे हैं, लेकिन काउंटर बंद होने के चलते लोगों को वापस लौटना पड़ा रहा है। इससे तहसील के जरिये रोजगार करने वाले परेशान हैं।

    -शिवम, अधिवक्ता सहयोगी

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    मुझे एक सरकारी काम के लिए खतौनी की जरूरत थी। जब मैने ऑनलाइन खतौनी दिया तो स्वीकार नहीं किया गया। अब काउंटर खुलने का इंतजार रहेगा। अगर काउंटर खुल जाता तो लोगों को राहत मिलती।

    -विनय अग्रवाल

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    हमे खतौनी की जरूरत थी। तहसील आई तो काउंटर बंद था। अब ऑनलाइन खतौनी बनाकर ले जा रही हूं। बैंकों में ऑनलाइन खतौनी मान्य नहीं हो रहा है।

    -खुशुबू

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    अभी जिले स्तर से खतौनी काउंटर खोलने के कोई निर्देश नहीं मिला है। आने वाले समय में लिखित आदेश मिलते ही काउंटर शुरू कर दिया जाएगा।

    -विपिन पंत, तहसीलदार काशीपुर

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