Udham Singh Nagar में 10 हजार हेक्टेयर खेती की जमीन शहरीकरण को चढ़ी भेंट, सामाजिक-आर्थिक सर्वे में हुआ खुलासा
देहरादून पलायन और शहरीकरण की मार से ऊधमसिंह नगर जिला भी अछूता नहीं है। कृषि के दृष्टिकोण से धान का कटोरा कहे जाने वाले इस क्षेत्र में खेती की जमीन कम ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, देहरादून: पलायन और शहरीकरण की मार से ऊधमसिंह नगर जिला भी अछूता नहीं है। कृषि के दृष्टिकोण से धान का कटोरा कहे जाने वाले इस क्षेत्र में खेती की जमीन कम हो रही है। राज्य बनने के बाद से अब तक वहां 10 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि शहरीकरण की भेंट चढ़ चुकी है। इसके साथ ही छोटी जोत वाले किसानों की संख्या बढ़कर 75 प्रतिशत तक हो गई है। ऐसे में छोटी जोत वाले किसान परिवारों से लोग आजीविका के लिए पलायन करने को विवश हैं। अच्छी बात ये है कि ये पलायन जिले के शहरी क्षेत्रों में ही है।
पलायन निवारण आयोग द्वारा तैयार की जा रही ऊधमसिंह नगर जिले की सामाजिक-आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में प्रारंभिक तौर पर ये बातें सामने आई हैं। आयोग अभी आंकड़ों का विश्लेषण कर रहा है और दो माह के भीतर रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी। पलायन निवारण आयोग अब तक राज्य के 13 जिलों में से 12 की सामाजिक आर्थिक सर्वे रिपोर्ट सरकार को सौंप चुका है। केवल ऊधमसिंहनगर जिला इस दृष्टिकोण से छूटा हुआ था।
पिछले तीन माह से आयोग ने इसके जिले के गांवों में सर्वे, बैठकें आदि के माध्यम से आंकड़े जुटाए। अब इनका विश्लेषण चल रहा है। सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक तौर पर इसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। चिंताजनक ये कि सात विकासखंडों वाले कृषि बहुल इस जिले में भी लोग पलायन कर रहे हैं। शहरीकरण समेत विभिन्न कारणों से खेती धीरे-धीरे सिमट रही है।
सर्वे में प्रारंभिक तौर पर ये बात सामने आई कि जिले में छोटे किसान अधिक हो गए हैं। इनके पास जितनी जोत है, उसमें कृषि पैदावार से आजीविका चलाने में दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे में कई परिवारों के लोग पलायन कर जिले के विभिन्न शहरों में स्थित फैक्ट्रियों में कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा वन सीमा से सटे क्षेत्रों में जंगली जानवरों द्वारा फसलों को पहुंचाए जा रहे नुकसान का असर भी कृषि पर पड़ा है। जिले में भूजल का अत्यधिक दोहन होने के कारण इसका स्तर नीचे गिर रहा है, जो कि चिंता का विषय है। ऐसे अन्य कई बिंदु निकलकर सामने आए हैं। इन सभी के समाधान के दृष्टिगत आयोग अपने सुझाव भी सरकार को देगा।
पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी ने बताया कि ऊधमसिंहनगर जिले की सामाजिक- आर्थिक रिपोर्ट के मद्देनजर सर्व पूरा हो गया है। अब आंकड़ों का विश्लेषण चल रहा है। प्रयास ये है कि दो माह में यह कार्य पूरा कर सरकार को रिपोर्ट सौंप दी जाए।

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