Updated: Thu, 02 Oct 2025 04:02 PM (IST)
काशीपुर में नौकरी के नाम पर मानव तस्करी का मामला सामने आया है जिसमें एक नाबालिग लड़की की हत्या कर दी गई। एजेंटों द्वारा गरीब परिवारों को टारगेट किया जा रहा है और उन्हें रोजगार का लालच देकर काशीपुर लाया जा रहा है। पुलिस की कार्रवाई के बावजूद इन एजेंटों पर निगरानी रखने की आवश्यकता है। पिछले कुछ सालों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं।
जागरण संवाददाता, काशीपुर । कुंडा थाना क्षेत्र की नाबालिग की हत्या और दुष्कर्म प्रकरण ने एक बार फिर काशीपुर में सक्रिय एजेंट-नेटवर्क और ह्यूमन ट्रैफिकिंग के कारोबार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़िता को नौकरी दिलाने के बहाने एजेंट ने ही काशीपुर बुलाया था।
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यही एजेंट अपराध की कड़ी बना और नाबालिग की मौत की वजह भी। मामला सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में यह चर्चा तेज हो गई है कि आखिर बाहर से परिवारों और लड़कियों को काम के नाम पर बुलाने वाले इन एजेंटों पर कोई निगरानी क्यों नहीं है। काशीपुर के विभिन्न इलाकों में दर्जनों की संख्या में स्पा सेंटर और कैफे संचालित हो रहे हैं। इनकी आड़ में अनैतिक कारोबार के मामले पहले भी उजागर हो चुके हैं।
पुलिस और एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के काशीपुर में दो सप्ताह पूर्व एक माल के स्पा सेंटर में की गई छापेमारी में उत्तर प्रदेश के बिजनौर, मुरादाबाद से गरीब परिवारों की लड़कियों को जबरन इस धंधे में धकेले जाने के तथ्य सामने आ चुके हैं। इसके बावजूद इन सेंटरों पर निगरानी ढीली होने से सवाल उठना स्वाभाविक है। इस पूरे घटनाक्रम में कुंडा थाना क्षेत्र में ह्यूमन ट्रैफिकिंग की बात सामने आ रही है। मामले में जिस प्रकार से दो महिलाओं का रोल भी सामने आया है कहीं न कहीं घटना में अनैतिक कारोबार से जुड़े होने की ओर पुष्टि कर रहा है।
प्रवासी परिवार आसान शिकार
प्रवासी परिवारों को रोजगार और बसाने का लालच देकर एजेंट उन्हें काशीपुर और आसपास के क्षेत्रों में लाते हैं। कोई पंजीकरण या बैकग्राउंड जांच न होने के कारण ये एजेंट आसानी से सक्रिय रहते हैं। अभी तक काशीपुर में कार्रवाई में पिछले पांच सालों में दिल्ली, बिजनौर, असम, मुरादाबाद व हरिद्वार की लड़कियों को विभिन्न सेंटरों से छुड़ाया जा चुका है। कमजोर तबके से होते हैं, उनके साथ जुडे अनैतिक काम के डर से वे शिकायत करने और वैरिफिकेशन से भी बचते हैं।
यहीं कारण है कि ऐसे लोगों के साथ घटनाएं होने देरी से कार्रवाई भी हो पाती है। हालिया प्रकरण में भी परिवार ने गुमशुदगी की तहरीर 18 दिन बाद दर्ज कराई, जबकि बच्ची 10 सितंबर से लापता थी। लगातार एक मुस्लिमों के नाम आ रहे सामने काशीपुर में ह्यूमन ट्रैफिकिंग में पिछले पांच सालों में गिरफ्तारियों में काशीपुर के कुंडा क्षेत्र के मुस्लिमों के कई नाम सामने आ चुके हैं।
एक साल पूर्व हुई पांच से ज्यादा युवक गिरफ्तार हो चुके हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास बाहरी राज्यों से गरीब परिवारों के लड़कियों को अनैतिक कार्यों में लगाने का आरोप लग चुके हैं। इस मामले में तीन आरोपित समुदाय विशेष से ही है और उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है।
कार्रवाई
- 17 सितंबर 2025 सितंबर को काशीपुर में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग की कार्रवाई पांच लड़किया छुडाई गई।
- 20 अप्रैल को 2025 को बाजपुर रोड स्थित होटल पर कार्रवाई पांच लड़कियों को कराया गया मुक्त।
- 06 जून को 2024 होटल में कार्रवाई के बाद तीन लड़कियों को मुक्त कराया गया।
- 19 दिसंबर 2021 स्पा सेंटर से असम की लड़की को कराया गया मुक्त।
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